Saturday, July 27, 2024
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पीली पर्ची की धमक खत्म, थानेदार बेलगाम

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हंसते हुए जख्मों को भुलाने लगे हैं हम, हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम।
अब और कोई जुल्म सताएगा क्या भला, जुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।
ये शब्द दिलों दिमाग पर चुभते हैं। इन शब्दों को पढ़कर शासन प्रशासन में बैठे अफसरों को कोई फर्क नहीं पड़ता। मगर, फरियादी कितनी दफा ही चक्कर लगा ले परंतु उसके दर्द को अनसुना करना अब इनकी फितरत मालूम पड़ने लगा है। दर दर ठोकरें खाना अब फरियादियों का नसीब बन चुका है। हम कोई ददीर्ली कपोल कल्पित कहानी नहीं सुना रहे हैं बल्कि आंकड़ों तथ्यों के साथ डीएम एसएसपी के दफ्तरों का चक्कर लगा रहे उन बेबस लाचार और गरीबों के बेइंतहां पीड़ा को बस शब्दों में उकेर रहे हैं। इस उम्मीद से उनके दर्द को बयां कर रहा हूं ताकि किसी का दिल पसीजे और पूरे जिले में फैली इस व्यवस्था पर अंकुश लगाएं। फरियादियों की सुनवाई हो, उन्हें न्याय मिल सके।

साहब! पीली पर्ची पर भी नहीं हो रही कोई कार्रवाई

पीड़ित का मुकदमा तो दर्ज है मगर, धमकी देते फिर रहे आरोपी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने जिले की जनता के दर्द को बड़ी ही करीने से समझा और फिर उन्होंने एक पीली पर्ची की शुरुआत की। शायद उन्हें अंदाजा नहीं था कि पीली पर्ची की धज्जियां उनके मातहत थानेदार उड़ा रहे हैं।

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यानि संदेश साफ है कि थानेदार साहबान पीली पर्ची को कोई खास तवज्जो नहीं दे रहे हैं। वह इस पीली पर्ची को तवज्जो क्यों नहीं दे रहे हैं। यह बताने की जरूरत नहीं है इतना तो हर कोई समझता है। बस और बस! एक सवाल उठ रहा है कि आखिर पीली पर्ची पर एक्शन नहीं हो रही है इस बात एसएसपी साहब क्यों नहीं समझ पा रहे हैं।

हम कंकरखेड़ा थाने की करेंगे। गांव मुरलीपुर गुलाब की रहने वाली पीड़िता आशो पत्नी याकूब के मुताबिक उसकी नाबालिग 13 वर्षीय बेटी को गांव के कुछ दबंग किस्म के लोग उठा ले गए हैं। पीड़िता काफी दिनों से कंकरखेड़ा थाने का चक्कर लगा रही है। थाने से उल्टे पीड़िता को धमकी दी जाती है सुनवाई तो बहुत दूर की बात है। थक हारकर पीड़िता एसएसपी दफ्तर गई और वहां उसे पीली पर्ची दी गई।

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पीड़ित पीली पर्ची लेकर थाने पहुंचा कार्रवाई के नाम पर ठेंगा दिखाया गया। इतना ही नहीं एक दो बार नहीं बल्कि पांच पांच बार अलग अलग पीली पर्ची लेकर पीड़ित थाने पर जाता रहा मगर, कार्रवाई के नाम कंकरखेड़ा के थानेदार लीपापोती में ही लगे हैं। आरोपियों के विरुद्ध कोई एक्शन नहीं लिया गया, क्योंकि आरोपी दबंग और धनाढ्य हैं।

पैसे ले लो, बच्ची को भूल जाओ

पीड़ित से कहा जा रहा है कि 20 30 हजार रुपये ले लो और अपनी बेटी को भूल जाओ। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस विभाग तुम्हारी नहीं सुनेगा। असल में हो भी यही रहा है।

मुकदमा दर्ज है, कब होगी गिरफ्तारी?

आरोपियों सलीम, जब्बार, अबरार और गुड़िया के विरुद्ध आईपीसी की धारा 363, 507 और 120बी के तहत पुलिस मुकदमा कायम तो कर रखा है मगर गिरफ्तारी के नाम पर कुछ नहीं हुआ। हां! बस यही कहा जा रहा है कि जांच चल रही है।

पीड़ित को दी जा रही धमकियां

पीड़ित के मुताबिक मुकदमा वापस लेने और अपहरण की गई नाबालिग लड़की के बारे में कहीं शिकायत नहीं करने की धमकी दी जा रही है। आरोपी पक्ष धमकी इस बात की भी दे रहा है कि तुम्हें उल्टे केस में थानेदार से कहकर अंदर करवा देंगे।

डीएम से लगाई गुहार

पीड़ित शनिवार को डीएम कार्यालय पहुंचे और आरोपियों के विरुद्ध तहरीर दिए। पीड़ित ने डीएम से आरोपियों की गिरफ्तारी और बेटी की बरामदगी को लेकर गुहार लगाई है। पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन न तो बेटी को बरामद कर रही है और न ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है।

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