Friday, July 5, 2024
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धरती का सीना चीरने वाले बेलगाम, खनन विभाग की मिलीभगत

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  • मीरपुर लाहौरगढ़ के जंगलों में हो रहा खनन, पुलिस मूकदर्शक
  • दर्जनों डंपर रात दिन कर रहे मिट्टी का उठान

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिये हैं कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए लेकिन मेरठ का खनन विभाग मुख्यमंत्री के आदेशों से ऊपर होकर काम कर रहा है। रोहटा रोड के दर्जनों गांवों में धरती का सीना बेखौफ होकर चीरा जा रहा है और पुलिस और खनन विभाग की जानकारी में होने के बाद भी अवैध खनन पर रोक लगा पाना प्रशासन के लिये टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

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रोहटा रोड के दिलवारा गांव में अवैध खनन पकड़े जाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। अब ताजा खनन का मामला रोहटा रोड के मीरपुर लाहौरगढ़ का सामने आया है। इस क्षेत्र के जंगलों में 24 घंटे जेसीबी मशीनें खेतों को तालाब में तब्दील करने में लगी हुई है।

अगर जनपद में अवैध खनन की बानगी देखनी है तो रात 12 बजे के बाद बागपत रोड, मवाना रोड और गढ़ रोड से निकल जाइये। तेज रफ्तार से आ रहे डंपर मिट्टी को खेतों से लेकर सप्लाई करते दिखाई देते हैं। भले एसएसपी प्रभाकर चौधरी के खौफ के कारण खुली सड़क पर पुलिसकर्मी पैसा न ले रहा हो, लेकिन खनन माफियाओं से सेटिंग किसी से छुपी हुई नहीं है।

इंचौली, दौराला, भावनपुर, मुंडाली, कंकरखेड़ा, जानी, रोहटा थाना क्षेत्र ऐसे हें जहां लगातार खनन हो रहा है। इस समय जिले में करीब चालीस स्थानों पर अवैध खनन हो रहा है। लेकिन स्वीकृति एक दर्जन की भी नहीं है। इस पूरे खेल में पुलिस तो शामिल है ही, साथ ही राजस्व विभाग के लेखपाल से लेकर ऊपर तक के अधिकारी भी शामिल हैं। जबकि स्वीकृति जारी करने और अवैध खनन को वैध बताने में खनन विभाग पूरी तरह शामिल है।

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हालात इस कदर बदतर हैं जब ग्रामीण अवैध खनन की शिकायत खनन अधिकारी से करने का प्रयास करते हैं तो उनका फोन ही नहीं लगता है। ग्रामीण सोहनवीर ने बताया कि अवैध खनन में भले ही ग्रामीणों की मूक सहमति हो, लेकिन माफियाओं का आतंक भी कम रोल अदा नहीं करता है। पिछले दिनों दैनिक जनवाणी ने रोहटा रोड के दिलावरा गांव में अवैध खनन का स्टिंग किया था। उस वक्त खनन माफिया ने कहा था कि वो दो तरह से खनन कर रहा है। फ्रेट कॉरिडोर के लिये सरकारी अनुमति को लेकर खनन और दूसरी अवैध तरीके से खनन।

दिलावरा गांव में पुलिस ने मौके से आकर डंपर और जेसीबी मशीन के साथ आरोपी भी पकड़े थे, लेकिन पुलिस ने खनन विभाग का मामला बताते हुए सभी को बरी कर दिया था। अब मीरपुर लाहौरगढ़ के जंगलों में जिस तरह से दिनदहाड़े जेसीबी मशीनें धरती का सीना चीर रही है और माफिया निर्धारित तीन फीट से अधिक का खनन कर रहे है। इस क्षेत्र में खनन की फोटो किसी का भी दिल दहला सकती हैं।

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किस तरह एक पेड़ टीले के रूप में तब्दील हो गया। मिट्टी खनन के कारण जंगलों के संपर्क मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ रास्ते मिट्टी और रेत में बदल गए हैं। खनन में लगे माफिया और उनके ड्राइवर रात 10 बजे से तीन बजे तक खनन का काम करते हैं। जब ग्रामीण गहरी नींद के आगोश में होते हैं। हापुड़ रोड पर अलीपुर और नरहेड़ा के पास पूरी रात मिट्टी भरे डंपरों का शोर सुना जा सकता है।

ये होता है सांठगांठ का खेल

खनन माफिया निर्धारित मानक से अधिक का खनन करते हैं, ये किसी से छिपा नहीं है। इसके पीछे पूरी तरह खनन विभाग के साथ ही राजस्व विभाग की सांठगांठ होती है। क्योंकि खनन कार्य के बीच में और पूरा होने के बाद मौके की जांच करने का दायित्व इन दोनों विभागों का होता है,

लेकिन कोई भी विभाग मौके पर जाकर जांच नहीं करता है।जिसके चलते खनन माफिया एक से डेढ़ मीटर के बजाय तीन से छह मीटर गहराई तक का खनन कर लेते हैं, लेकिन अब जो मामले सामने आए हैं वो बहुत ही चौंकाने वाले हैं। ग्रामीणों के खेत अवैध मिट्टी खनन से तालाब बन चुके हैं।

मौके पर जांच नहीं करते जिम्मेदार विभाग

निर्धारित मानक से अधिक का खनन में खनन विभाग के साथ ही राजस्व विभाग की सांठगांठ होती है। खनन कार्य के बीच में और पूरा होने के बाद मौके की जांच की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों विभागों की है। बावजूद इसके कोई भी विभाग मौके पर जाकर जांच नहीं करता है।

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