जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय के डा. कैलाश प्रकाश हॉस्टल में बृहस्पतिवार की रात एग्जाम संपन्न होने पर पार्टी कर रहे बी-टेक प्रथम वर्ष के छात्रों की खुशी में उस समय खलल पड़ गई, जब एक छात्रा ने गैलरी और वेंटिलेशन के जरिए अपने कमरे में पानी भरने की शिकायत वार्डन से कर दी। इस पर वार्डन हॉस्टल पहुंचे और वहां कुछ बाहरी छात्रों को देखकर आग-बबूला हो गए। इसके बाद एक छात्र की डंडे से पिटाई कर दी। इससे छात्रों में रोष व्याप्त हो गया। रात में ही छात्र एकत्रित हुए और कुलपति आवास पर धरना देते हुए हंगामा प्रदर्शन कर दिया। वीसी के न होने के कारण अलसुबह तीन बजे तक छात्रों का धरना प्रदर्शन चला। इसके बाद शुक्रवार सुबह को कुलपति ऑफिस पर छात्रों ने धरना देते हुए हंगाम प्रदर्शन किया। कार्यवाहक कुलपति के द्वारा वार्डन को हटाए जाने पर ही छात्र शांत हुए।
बृहस्पतिवार को बीटेक प्रथम वर्ष के छात्रों की परीक्षा संपन्न हुई थी। इस पर कैंपस स्थित डॉ. कैलाश प्रकाश हॉस्टल में रहने वाले छात्र पार्टी कर रहे थे। रात करीब 12 बजे एक छात्र ने वार्डन असिस्टेंट प्रोफेसर डीके चौहान को फोन कर हुड़दंग मचा रहे कुछ छात्रों के द्वारा उसके कमरे में छत तथा वेंटिलेशन के जरिए पानी भरने की शिकायत की। इस पर वार्डन ने पहले सुरक्षा गार्ड भेजे और उसके बाद स्वयं वहां पहुंच गए। इसके बाद वे एक-एक कमरे को चेक करने लगे। इस दौरान एक कमरे में चार छात्र मिले। इनमें प्रथम वर्ष के छात्र प्रदीप उपाध्याय की डंडे से पिटाई कर दी। जिससे छात्रों में रोष फैल गया। फिर, वार्डन एक-एक कमरे को चेक करते चले गए। छात्रों ने वार्डन की वीडियो बनाकर छात्रों में वायरल कर दी। जिस पर छात्र एकत्रित होकर पहले हॉस्टल के बाहर जमा हुए, उसके बाद कुलपति आवास पर धरना शुरू कर दिया। धरने पर नारेबाजी हंगामा किया। वीसी के वियतनाम जाने के कारण छात्रों की उनसे वार्ता नहीं हो सकी।
इसके चलते छात्र अलसुबह तीन बजे तक धरने पर बैठे रहे। इससे पूर्व वार्डन डीके चौहान ने छात्रों पर अपनी बोलेरो गाडी मेंतोड़फोड़ करने के आरोप लगाए। शुक्रवार सुबह मामला पूरे कैंपस में फैल चुका था जिस पर छात्र नेता विनीत चपराणा समेत अन्य छात्र एकत्रित होकर कुलपति आॅफिस के सामने धरने पर बैठ गए। विनीत चपराणा का कहना था कि छात्र की डंडे से पिटाई करना बेहद शर्मनाक है। इसलिए डीके चौहान को वार्डन पद से हटाया जाए। मेडिकल थाना पुलिस भी धरने पर पहुंच गई। धरने पर सात छात्र संगठन एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर वार्डन डॉ. डीके चौहान के खिलाफ आ डटे। छात्रों ने उनको तत्काल वार्डन पद से हटाए जाने की मांग की। दोपहर करीब पौन बजे तक छात्रों का धरना चल रहा। मामला बढ़ता देख चीफ वार्डन, कार्यवाहक कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने छात्रों के बीच वार्डन डॉ. डीके चौहान को उनके पद से हटाए जाने की घोषणा की। साथ ही, प्रकरण की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई। इसके बाद छात्र शांत हुए और धरना समाप्त किया।
एक छात्र ने रात 12.11 बजे फोन पर कुछ छात्रों के द्वारा छत पर हुड़दंग मचाने तथा गैलरी में पानी भरने की शिकायत की। छात्र का कहना था कि वेंटिलेशन के जरिए भी उसके कमरे में पानी भर दिया गया है। इस पर वह हॉस्टल पहुंचें, जहां कुछ बाहरी छात्र भी थे। इन छात्रों को हॉस्टल न आने की हिदायत दी तो उन्होंने हंगामा कर दिया। मेरी टेबल और बोलेरो कार में तोड़फोड़ की। उपद्रव करने वाले 17 छात्रों को चिह्नित किया गया है।
-डॉ. डीके चौहान, वार्डन, डा. कैलाश प्रकाश हॉस्टल, सीसीएस यूनिवर्सिटी, मेरठ।
चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित डॉ. कैलाश प्रकाश छात्रावास में दिनांक 29 व 30 मई की रात्रि छात्रावास की घटना के संदर्भ में घटना की जांच के लिए एक जांच समिति के गठन किए जाने पर सहमति बनी। छात्रावास के विद्यार्थियों से प्राप्त प्रत्यावेदन पर विचारोपरांत डा. दुष्यंत कुमार चौहान को तत्काल प्रभाव से वार्डन पद से कार्यविरत करते हुए अग्रिम आदेशों तक यह दायित्व सर छोटू राम इंटीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. केपी सिंह को सौंपा गया। आगे की कार्रवाई उक्त जांच कमेटी की रिपोर्ट आने पर सुनिश्चित की जाएगी। –
प्रो. दिनेश कुमार, मुख्य छात्रावास अधीक्षक
एक शिक्षक अथवा वार्डन सभी छात्रों का संरक्षक होता है, इस नाते उनका कर्तव्य बनता है कि उनके द्वारा सभी छात्रों को मार्गदर्शन और सुरक्षा प्रदान की जाएं। अनुशासन बनाए रखने के लिए संवाद और मार्गदर्शन होना चाहिए, लेकिन हिंसा का कोई स्थान विश्वविद्यालय परिसरों में नहीं है। छात्रावास में एक वार्डन द्वारा छात्र की शारीरिक पिटाई करना मानवता के मूल मूल्यों का भी खुला उल्लंघन है। छात्र पर किसी भी प्रकार की हिंसा पूरी तरह से अनुचित, निंदनीय और अस्वीकार्य है।
-डॉ. धर्मेंद्र सिंह, महानगर अध्यक्ष, एबीवीपी, मेरठ।