Monday, January 20, 2025
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गोदाम इंचार्ज को भनक नहीं, लाखों डकार गया बाहरी

  • चपरासी के भाई ने किया महाखेल, बेचे लाखों के खाद उर्वरक
  • सहकारी समिति महमूदपुर गढ़ी का मामला

जनवाणी संवाददाता |

किठौर: साधन सहकारी समिति महमूदपुर गढ़ी में महाखेल हो गया। तिहाई वेतन पर भाई की नौकरी कर रहे बाहरी व्यक्ति ने यहां विभाग को लाखों रुपये का चूना लगा दिया। इंचार्ज द्वारा स्टोक जांचने पर खेल पकड़ में आया। सेवानिवृत्त होने जा रहा गोदाम इंचार्ज अब गणमान्य लोगों के जरिए घोटालेबाज की घेराबंदी कर रकम वूसली के प्रयास में है। उसने रकम न देने पर घोटालेबाज को आत्महत्या की धमकी भी दी है।

नारंगपुर निवासी जगबीर सिंह साधन सहकारी समिति महमूदपुर गढ़ी में करीब 36 वर्ष से कार्यरत है। सोमवार को उसने गणमान्य लोगों संग गोपनीय बैठक कर बताया कि गोदाम पर कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सतेंद्र कुमार का भाई सुरेश (शिवरात्रि से स्वतंत्रता दिवस तक) एक माह में 70 बैग डीएपी, सागरिका और यूरिया समेत 145540 रुपये के खाद उर्वरक बेचकर हजम कर गया। आरोपी ने गोदाम इंचार्ज को इसकी भनक तक नहीं लगने दी।

बताया कि आगामी 31 अगस्त को सेवानिवृत्ति पर चार्ज हस्तानांतरण की तैयारी के चलते जगबीर सिंह ने गोदाम में खाद उर्वरक स्टोक जांचा तो महाखेल पकड़ में आ गया। जगबीर ने खाद उर्वरक की आवक व बिक्री के ब्योरे के साथ स्टोक की स्थिति बताते हुए सुरेश से गायब उर्वरकों के बारे में पूछा तो सुरेश चकरा गया। जगबीर ने सुरेश के भाई सतेंद्र और परिजनों को इसकी जानकारी दी।

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जिसके बाद सुरेश ने गोदाम पर आना और जगबीर का फोन रिसीव करना बंद कर दिया। जगबीर ने सतेंद्र के जरिए गणमान्य लोगों की गोपनीय बैठक कर प्राईवेट डायरी में लिखा ब्यौरा दिखाते हुए सुरेश से गायब उर्वरकों की रकम मांगी। रकम न देने पर जगबीर ने सुरेश को आत्महत्या की धमकी भी दी। वहीं, इस संबंध में दीपक कुमार थरेजा, एआर सहकारिता का कहना है कि मामला गंभीर है। त्वरित जांच कराकर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी

तिहाई का वेतनभोगी बना घोटालेबाज

सुरेश गोदाम पर कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सतेंद्र पुत्र गेंदालाल का बड़ा भाई है। जो तिहाई वेतन 10 हजार प्रतिमाह में बीमार भाई की ड्यूटी करता है। पड़ताल में सामने आया कि सतेंद्र के स्थानीय होने के कारण इंजार्च उसे गोदाम की चाबी दे जाता था। इसी तरह उसने सुरेश को भी चाबी थमा दी, लेकिन तिहाई के वेतनभोगी सुरेश ने महाखेल कर दिया। सुरेश नशेड़ी है और विभाग के लिहाज से बाहरी भी ऐसे में उसे चाबी सौंपना इंचार्ज की घोर लापरवाही उजागर कर रहा है। पूर्व में भी सुरेश द्वारा उर्वरक बेच 70 हजार रुपए हड़पने की बात सामने आई है।

छमाही के इंचार्ज

पड़ताल में सामने आया कि गोदाम पर एमडी सतपाल के अलावा बली निवासी टीनू और जगबीर कार्यरत हैं। दोनों आपसी सहमति से छह-छह माह इंचार्ज रहते हैं। घोटाले के दौरान जगबीर इंचार्ज रहा। इस बाबत जगबीर सिंह का कहना है 31 अगस्त को सेवानिवृत्ति के कारण उन्होंने अपने पास से गायब उर्वरकों की रकम भरपाई कर तमाम रिकॉर्ड दुरुस्त कर दिया है। अब सुरेश पर उनकी निजी रकम है जिसकी वसूली का प्रयास किया जा रहा है।

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