Saturday, January 11, 2025
- Advertisement -

जानिए- यूपी भाजपा में क्यों मची है भगदड़, पढ़कर हैरान हो जाएंगे ?

जनवाणी डिजिटल डेस्क |

नई दिल्ली: भाजपा सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश चुनाव समिति की सोमवार को लखनऊ में हुई बैठक में संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई। बैठक में यह भी तय हुआ कि किसे टिकट दिया जाना है और किसका टिकट काटा जाना है। तकरीबन ऐसे सभी विधायकों और मंत्रियों को गुप्त संदेश भी उसी दिन दिए जाने की भी बात सामने आई है।

सभी विधायकों की रिपोर्ट कार्ड पार्टी ने तैयार कराई है जिसमें ​क्षेत्रीय जनता की राय, क्षेत्र में विकास कार्यों से जनता की राय शामिल है। साथ ही परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देने की बात भी कही जा रही है। ऐसे में बहुत से विधायक इस सर्वे में फेल हो रहे हैं और मालूम है कि उनका टिकट कटना तय है।

इसलिए वो समय रहते या तो दूसरे दल में जगह तलाश रहे हैं या फिर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। अब देखना यह है कि भाजपा की दिल्ली में हुई बैठक और मंथन में किसको किसको टिकट मिला।

लखनऊ में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में एक बात तय हो गई है कि अधिकांश विधायकों को दोहराया नहीं किया जाएगा। यानी कि इस बार भाजपा के टिकट पर जो लोग विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे, उनमें से कई के टिकट कटेंगे। तय हुआ है कि जिन लोगों के कामकाज का प्रदर्शन पांच साल में सबसे खराब रहा है।

उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा परिवारवाद को बढ़ावा देने वाले किसी भी शख्स को टिकट न दिए जाने का भी फैसला किया गया है। अनुमान है कि अगले तीन से चार दिनों में भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर देगी।

बैठक में शामिल सूत्रों का कहना है कि तय यही हुआ है कि जिन भाजपा विधायकों का पांच साल का कार्यकाल सबसे खराब रहा होगा, उन्हें ही टिकट नहीं दिया जाएगा। इसका आकलन विधानसभा क्षेत्रवार तैयार की गई भारतीय जनता पार्टी की रिपोर्ट और संघ की तैयार की गई अपनी रिपोर्ट के आधार पर होना है।

इस रिपोर्ट को विधानसभा वार अलग-अलग कुछ खास प्वाइंट्स पर तैयार किया गया है। इस समिति से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उनके पास अपने सभी विधायकों का पूरा लेखा-जोखा तैयार है। सूत्रों के मुताबिक जैसे-जैसे नामांकन की तारीख नजदीक आती जाएगी, वैसे ही प्रत्याशियों की सूची जारी होती रहेगी। फिलहाल अनुमान यही है कि पहली सूची 14 या 15 जनवरी को जारी कर दी जाएगी।

लखनऊ में हुई बैठक में तय हुआ कि जिन लोगों को पहली बार टिकट दिया जाएगा, उनका आपराधिक रिकॉर्ड बिल्कुल नहीं होना चाहिए। इसके अलावा परिवारवाद के नाम पर मिलने वाले टिकट पर भी सख्ती बढ़ती जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान यह भी तय हुआ कि पार्टी के जिन निष्ठावान कार्यकर्ताओं की स्वीकार्यता होगी और वह जिताऊ उम्मीदवार होंगे, तो उन्हें ही टिकट दिया जाएगा।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि परिवारवालों को टिकट न देने का फैसला लिया गया है। हालांकि पार्टी के एक बड़े नेता का यह जरूर कहना है कि अगर कोई कार्यकर्ता परिवार में ही लगातार पार्टी के लिए उसी शिद्दत से काम कर रहा है, तो निश्चित तौर पर उसके टिकट को लेकर विचार किया जाएगा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

एमपीएस ग्रुप के अध्यक्ष ताराचंद शास्त्री का निधन, लोकसभा का लड़ चुके थे चुनाव

जनवाणी संवाददाता | मेरठ: आज शुक्रवार की सुबह मेरठ पब्लिक...

TRP List: टीआरपी लिस्ट में इन शोज ने बनाई टॉप 5 में जगह, अनुपमा की डूबी नैया

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आका हार्दिक स्वागत...

Mahakumbh 2025: कब है महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान,यहां जाने..

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img