जनवाणी संवाददाता |
मेरठ/मोदीपुरम: उच्चतम न्यायालय ने प्रदूषण का स्तर बढ़ते देख पटाखों पर प्रतिबंध सख्ती से लागू करने की दीपावली से पहले हिदायत दी थी। आदेशों के बावजूद भी पटाखों की जमकर बिक्री हुई और दीपावली की रात जमकर आतिशबाजी से ध्वनि प्रदूषण व एक्यूआई का स्तर बढ़ा। बेगमपुल पर सबसे अधिक शोर रहा, जबकि पल्लवपुरम में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक पटाखे फोड़े गए।
मेरठ, दिल्ली व आसपास के जिले दीपावली से पहले वायु प्रदूषण व स्मॉग से जूझ रहे थे। रविवार को दीपावली पर्व पर पटाखों के शोर और धुएं ने ध्वनि व वायु प्रदूषण को ओर बढ़ा दिया। प्रदूषण विभाग ने शहर के आठ स्थानों पर दीपावली से पहले और दीपावली के दिन ध्वनि प्रदूषण की मात्रा को रिकॉर्ड किया। पिछले सालों के मुकाबले इस बार शोर अधिक रहा। एक्यूआई स्तर की बात करें तो दीपावली पर दोपहर में प्रदूषण का स्तर 260 दर्ज किया गया था। जबकि रात मे 350 से उपर रहा। सोमवार को भी एक्यूआई का स्तर 375 दर्ज किया गया। दीपावली की रात भी प्रदूषण में काफी बढ़ोतरी हुई है।
ये रहा ध्वनि प्रदूषण
स्थान 2022 12 नवंबर 2023 सेंसिटिव एरिया
- कैंट अस्पताल 66.7 68.6
- जिला न्यायालय 69.3 70.1
- रेलवे रोड 78.7 76.4
- बेगमपुल 82.9 84.7
- थापरनगर 73.6 75.2
- शास्त्रीनगर 73.3 76.5
- कैंटोमेंट बोर्ड 71.9 68.7
- पल्लवपुरम 78.6 77.9
ये हैं ध्वनि प्रदूषण के मानक
स्थान सुबह 6 से रात 10 तक रात 10 से सुबह 6 बजे तक
- सेंसिटिव एरिया 50.00 40.00
- रेजीडेंसियल 55.00 45.00
- कॉमर्शियल 65.00 55.00
- इंडस्ट्रीयल 75.00 70.00
एक्यूआई का हाल
- मेरठ 375
- जयभीमनगर 380
- गंगानगर 377
- पल्लवपुरम 373
- गाजियाबाद 340
- मुजफ्फरनगर 285
शहर में आठ स्थानों से ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े लिए गए। बेगमपुल से सबसे अधिक व पल्लवपुरम में दूसरे नंबर पर शोर अधिक रहा। अधिकांश लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। जिस कारण से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। रोक के बावजूद पटाखे खूब छोड़े गए हैं।
-भुवन प्रकाश यादव, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी