Tuesday, July 9, 2024
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लापरवाही: बागपत रोड से गुजरना हो तो सौ बार सोचिए!

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  • बागपत रोड के बद से बदतर हालात, जोखिम में पड़ सकती है जान
  • पीडब्ल्यूडी ने पेंचवर्क के लिये पत्थर की गिट्टियां डाली, कई वाहन फिसले

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: ऐसा लगता है कि नेशनल हाईवे बनने के बाद बागपत रोड की किस्मत रुठ गई है और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खोखले दावों के कारण पूरी सड़क एक माह के अंदर दोबारा बदहाल हो गई है।

अब हालत यह हो गई कि पेंचवर्क के नाम पर पीडब्ल्यूडी ने सड़क पर दर्जनों जगहों पर गिट्टियां डलवा दी है जो वाहन चालकों की जान जोखिम में डालने में लगी हुई है।

बागपत रोड पर फ्लाईओवर से लेकर फुटबाल चौराहे तक सड़क को सड़क कहना अपमानजनक होगा। इस रोड पर सड़क कम गड्ढे ज्यादा है। एक महीने पहले पीडब्ल्यूडी ने खस्ताहाल हो चुकी बागपत रोड पर पेंचवर्क कराया था। इसमें गड्ढों को भरा गया था।

मलियाना पुल की हालत भी सुधार दी गई थी। ऐसा लगने लगा था कि अब बागपत रोड पर चलने वालों के दिन बदलने वाले है। बागपत रोड पर लगी शानदार स्ट्रीट लाइट इसमें चार चांद लगा रही थी।

यह खुशी ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाई और फ्लाईओवर से लेकर शाकुभंरी देवी के मंदिर तक स्ट्रीट लाइट खराब हो गई और इसी इलाके में सड़कों पर गड्ढे खतरनाक रूप लेने लगे।

मंदिर से लेकर फुटबाल चौक तक दर्जनों खतरनाक गड्ढों में रोज दोपहिया वाहन चालक निकलते वक्त गिरकर चोटिल हो रहे हैं। अब पीडब्ल्यूडी ने फिर से इन गड्ढों में पत्थर और गिट्टी भरनी शुरू कर दी है। गिट्टियों का साइज इतना बड़ा है कि स्कूटी तो उसे पार नहीं कर पा रही है जबकि बाइक डगमगा रही है।

मेट्रो माल के सामने की बदहाल सड़क पर आधा दर्जन स्कूटी और बाइकों से गिरे। इस जगह पर 10 मिनट की बारिश इस कदर खस्ताहालत कर देती है कि लोगों का निकलना दूभर हो जाता है।

पीडब्ल्यूडी को पांच करोड़ रुपये इस सड़क को ठीक करने के लिये मिले थे। पहली बार के पेंचवर्क में ठेकेदार ने खानापूर्ति की और उसका रिजल्ट लोगों के सामने आ गया। यही नहीं मलियाना पुल के दूसरी तरफ सड़क इस कदर टूट गई है कि रात के वक्त इस पर निकलना मौत को दावत देने जैसा है।

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