- बेखबर हैं बिजली विभाग के अधिकारी, सावधानी हटी कि घट सकती है कोई बड़ी दुर्घटना
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: खुले में रखा ट्रांसफार्मर सुरक्षा के अभाव में दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है। क्षतिग्रस्त चबूतरा के चलते ट्रांसफार्मर के जमींदोज होने की आशंका भी बलवती हो गयी है। बात हो रही है पीवीवीएनएल के सोफीपुर बिजलीघर के पीएसी नाले वाली सब्जी मंडी पर रखा विद्युत ट्रांसफार्मर की। दुर्घटना को सरेआम दावत देते विद्युत ट्रांसफार्मर को सुरक्षित करने के प्रति विभाग कितना लापरवाह बना हुआ है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दर्जनों दुर्घटनाएं होने के बाद भी विभाग के कानों पर अभी तक जूं तक नहीं रेगा। फिलहाल विद्युत ट्रांसफार्मर का चबूतरा पूरी तरह जमींदोज हो गया है। तेज हवा के झोके के दौरान ट्रांसफार्मर किसी बड़ी घटना को आमंत्रण दे सकता है।
विद्युत विभाग की उदासीनता से शहर में लगे ट्रांसफार्मर कभी भी मौत का वारंट बन सकते हैं। बिना घेरे जमीन से काफी कम ऊंचाई पर रखे होने के कारण कब यह किसी बड़े हादसे को दावत दे दें, कुछ कहा नहीं जा सकता। ट्रांसफार्मर सड़क से सटे मात्र दो फीट की ऊंचाई पर रखा है। शहर में कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर बिना किसी सुरक्षा चक्र के जमीन से मात्र तीन फीट की ऊंचाई पर रख दिया गया।
ट्रांसफार्मरों को छह फीट ऊंचे चबूतरे पर रखने व लोहे के जाल से घेरने का विभागीय नियम है। बावजूद इसके विभाग इस पर अमल नहीं कर रहा। विभाग की लापरवाही की सजा किसी दिन लोग भुगतेंगे। बाजार में खुले में विद्युत ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। ये सीधे हादसे को दावत दे रहे हैं। इनके बारे में ग्रामीणों ने कई बार विभागीय अधिकारियों का अवगत कराया परंतु किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इनकी वजह से किसी भी समय दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
दहशत के बीच गुजर रहे राहगीर
गर्मी के दिनों में जब लोड अधिक बढ़ता है तो आए दिन ट्रांसफार्मरों के जलने एवं आग लगने से चिंगारी निकलने का सिलसिला लगातार जारी रहता है। इससे बाजार में हमेशा किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। विडंबना ये भी है कि हाईटेंशन तार के नीचे जाली भी नहीं लगाई गई है। बिजली विभाग ने खुले में ट्रांसफार्मर तो रख दिया, लेकिन इनके चारों तरफ सुरक्षा का घेरा नहीं बनाया। ऐसे में खुले में रखे यह ट्रांसफार्मर हादसों का सबब बन रहे हैं। इनकी तरफ से गुजरने वाला हर शख्स दहशत के बीच वहां से निकलता है। विभाग की इस लापरवाही से लोगों में नाराजगी है। नियमानुसार इन ट्रांसफार्मरों को किसी प्लेटफार्म या ऊंची जगह पर रखने के साथ इनके चारों तरफ जाली से सुरक्षा घेरा बनाए जाने का प्रावधान है। हद ये है कि अभी तक ट्रांसफार्मर के चारों तरफ जाली या तार से सुरक्षा घेरा नहीं बनाया गया है।
जानलेवा जुगाड़…
समीप ही फल मंडी है। उसमें भी कई दुकानें हैं। इसके अलावा दिन भर यहां खाने-पीने का सामान बेचने वालों के ठेले खडेÞ होते हैं। चंद कदम की दूरी पर एक और मार्केट व कॉलोनी है। सप्ताह में एक बार यहां पैंठ भरती है। इसके बाद भी यहां रखे ट्रांसफार्मर की कोई सुध नहीं ली जा रही है। यह ट्रांसफार्मर किसी भी वक्त गिर सकता है। उसके नीचे की मिट्टी खिसक चुकी है। केवल जुगाड़ के सहारे इसको रोका हुआ है। यदि शीघ्र ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो कभी हादसा हो सकता है।
रखरखाव पर ध्यान नहीं दे रहा बिजली निगम
ट्रांसफार्मर रखने के लिए कई नियम हैं। ट्रांसफार्मर को चबूतरे पर रखना चाहिए। आपूर्ति के तारों में गार्डिंग आवश्यक है। जाली के घेरे में रखना जरूरी है, लेकिन निगम ने नियमों को दरकिनार रखकर ट्रांसफार्मर रख दिए हैं। ओवरलोड में तार टूटते हैं तो लटकते रहते हैं। आसपास के लोगों को इसके पास से गुजरने पर करंट का भय रहता है। कई जानवर भी चपेट में आ चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारी मौन बने हुए हैं, इससे कभी भी कोई घटना हो सकती है। बरसात के साथ ही कभी-कभी आंधी आ जाती है। ऐसे में मोहल्लों में लटक रहे जर्जर तारों के टूटकर गिरने की आशंका होती है।
करंट लगने की आशंका
पीवीवीएनएल के सोफीपुर बिजलीघर के पीएसी नाले वाली सब्जी मंडी पर रखा ट्रांसफार्मर लोगों के मौत की दावत दे रहा है। जहां पर यह ट्रांसफार्मर रखा हुआ उसके दाएं-बाएं दो मंदिर हैं। इसके अलावा एक कांप्लेक्स में कई डॉक्टर हैं, जहां दिन भर मरीजों का आना जाना लगा रहता है। इसके अलावा विपरीत दिशा में एक कांप्लेक्स है जिसमें कई दुकानें इन दुकानों पर भी दिन भर ग्राहकों की अच्छी खासी आवाजाही रहती है। इस कांप्लेक्स की पहली मंजिल पर भी व्यवसायिक गतिविधियां चलती हैं।