Friday, April 19, 2024
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तृणमूल कांग्रेस की राज्य सचिव सयानी घोष हुई गिरफ्तार

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राज्य सचिव सयानी घोष को शनिवार रात यहां हुई एक सभा के दौरान मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को धमकी देने के आरोप में हत्या के प्रयास की धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया।

पहले उन्हें थाने में पूछताछ के लिए बुलाया गया और फिर गिरफ्तारी की गई। यह घटना टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के उत्तर पूर्वी राज्य के प्रस्तावित दौरे से एक दिन पहले हुई है।

सब डिविजनल पुलिस अधिकारी (सदर) रमेश यादव ने बताया कि सयानी घोष पर मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानों के लिए हत्या के प्रयास की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और दो समुदायों के बीच शत्रुता भड़काने के आरोप के तहत धारा 153ए लगाई गई हैं। उनके साथ आए कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री की एक नुक्कड़ सभा के दौरान पत्थर फेंके।

वहीं, नाम न बताने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घोष सीएम की सभास्थल पर पहुंचीं और ‘खेला होबे’ नारे लगाए। पश्चिम बंगाल में मार्च-अप्रैल के दौरान हुए चुनावों के दौरान टीएमसी ने ‘खेला होबे’ के नारे का इस्तेमाल किया था। टीएमसी नेता ने आरोप लगाया कि ईस्ट अगरतला महिला थाने के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थकों से बदसलूकी की।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल त्रिपुरा में पुलिस की कथित बर्बरता के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए दिल्ली पहुंचा है।

सूत्रों ने बताया कि पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में 10-12 सदस्य शामिल हैं। टीएमसी ने शाह से मुलाकात का समय मांगा है और पार्टी के नेता सोमवार सुबह से धरना पर बैठने वाले हैं।

आज दिल्ली में धरना देंगे टीएमसी सांसद

तृणमूल कांग्रेस के करीब 10-12 सांसद धरना देने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि ‘हम पार्टी कार्यालय में मिलेंगे और त्रिपुरा पुलिस द्वारा टीएमसी युवा कांग्रेस प्रमुख सयानी घोष की गिरफ्तारी के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन करेंगे।

अभिषेक की रैली को नहीं मिली अनुमति

पुलिस सूत्रों ने कहा कि अभिषेक की अगरतला में एक रैली आयोजित करने की योजना थी, जिसे कोविड के वर्तमान हालात को देखते हुए अनुमति नहीं दी गई है।

हालांकि पार्टी ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि ‘हमारे राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी हमारे कार्यकर्ताओं के साथ खड़े होने के लिए सोमवार सुबह त्रिपुरा पहुंचेंगे। रविवार को उन्हें उतरने की अनुमति नहीं दी गई। त्रिपुरा में एक निरंकुश शो चला रहा है और हम अंत लड़ेंगे।’

अभिषेक बनर्जी ने रविवार सुबह को किए गए कथित हमले का वीडियो ट्विटर पर साझा किया और मुख्यमंत्री बिप्लब देब पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ वह हमारे समर्थकों और महिला उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय हमला करने के लिए लगातार गुंडे भेज रहे हैं। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र का मजाक बना रही है।’

उच्चतम न्यायालय ने हाल में त्रिपुरा पुलिस को निर्देश दिया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जाए।

त्रिपुरा में गुजरात मॉडल: डेरेक ओ ब्रायन

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘‘त्रिपुरा में गुजरात मॉडल। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस इस तरह की फासीवादी क्रूरता को कभी स्वीकार नहीं करेगी।’

तृणमूल कांग्रेस की नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देब ने पत्रकारों से कहा, ‘हमारे उम्मीदवारों को पीटा गया, उनके घरों में तोड़-फोड़ की गई और शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस यहां एकतरफा तरीके से काम कर रही है।’

भाजपा ने आरोपों का किया खंडन

वहीं, भाजपा की त्रिपुरा इकाई के प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कभी भी तृणमूल कांग्रेस के किसी समर्थक पर हमला नहीं किया, क्योंकि पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं मानती।

माकपा का त्रिपुरा सरकार पर हमला

माकपा ने तृणमूल कांग्रेस नेता शायनी घोष की गिरफ्तारी और त्रिपुरा में एक पुलिस थाने के बाहर तृणमूल कांग्रेस सदस्यों पर कथित हमले की रविवार को निंदा की। माकपा ने एक बयान में कहा कि जैसे-जैसे नगर निकाय चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, भाजपा का ‘फासीवादी आतंक’ बढ़ता जा रहा है।

माकपा ने जारी बयान में कहा गया है कि ‘वाम दलों सहित सभी दलों के नेताओं और उम्मीदवारों पर कई बार हमले हुए और शिकायतों के बावजूद पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस मूकदर्शक की भूमिका निभा रही है।’

टीएमसी का राष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रभाव नहीं: बिरजीत सिन्हा

त्रिपुरा में कांग्रेस नेताओं के टीएमसी में शामिल होने पर त्रिपुरा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा ने कहा कि “टीएमसी सिर्फ पश्चिम बंगाल आधारित क्षेत्रीय पार्टी है। क्षेत्रीय दलों का राष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रभाव नहीं है। पार्टी बदलने वाले नेताओं को लोग पसंद नहीं करते।”

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