- राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए शुरू हुए आनलाइन आवेदन, 15 फरवरी तक कर सकेंगे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: राज्य अध्यापक पुरस्कार की दौड़ में अगर शामिल होना चाहते हैं तो ट्यूशन पढ़ाना छोड़ना होगा। अगर कोई शिक्षक-शिक्षिका निजी ट्यूशन पढ़ाता है तो वह राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। यही नहीं समाज में अगर शिक्षक की छवि सही नहीं है या फिर किसी कार्रवाई की जद में वह आ गया है तो भी उसका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। यानी साफ छवि के शिक्षक को राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए अर्ह माना जाएगा। इसके लिए एक जनवरी से 15 फरवरी तक आॅनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
प्रत्येक वर्ष बेसिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं को राज्य अध्यापक पुरस्कार दिए जाने की प्रक्रिया की जाती है। भाजपा सरकार से पहले गिने-चुने ही शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन इसमें किया जाता था, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद प्रत्येक जनपद की प्रतिभागिता अनिवार्य सुनिश्चित की गई थी, जिसके बाद जनपद से एक शिक्षक या शिक्षिका को पुरस्कार के लिए चुना जाता है। अब एक बार फिर राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए आॅनलाइन आवेदन मांगे गए हैं।
नव वर्ष के पहले ही दिन यानी एक जनवरी से इसकी शुरुआत हो गई है और 15 फरवरी तक शिक्षक-शिक्षिकाएं आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन करने की समय सारिणी जारी कर अर्हता के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव यतींद्र कुमार ने सभी जनपदों के बीएसए को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं और प्रत्येक जनपद की सहभागिता अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं।
निर्देश दिए कि प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल में कार्यरत नियमित शिक्षक-शिक्षिकाएं ही आवेदन कर सकेंगे। 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली गई हो और सेवानिवृत्त होने से पांच वर्ष से कम की अवधि नहीं बची हो। अगर किसी शिक्षक पर दंडात्मक कार्रवाई की गई है तो भी आवेदन नहीं कर पाएंगे।
इस तरह है समय सारिणी
शिक्षक-शिक्षिकाएं वेब पोर्टल के माध्यम से एक जनवरी से 15 फरवरी तक आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 16 फरवरी से 31 मार्च तक जनपद चयन समिति द्वारा शिक्षकों के आवेदन पत्रों का अभिलेखीय आधार पर परीक्षण, भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन के बाद ही श्रेष्ठ शिक्षकों के आवेदन राज्य स्तरीय चयन समिति को प्रेषित किए जाएंगे। एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक जनपदीय समिति द्वारा अग्रेषित शिक्षकों के आॅनलाइन आवेदन पत्रों पर राज्य चयन समिति की ओर से चयन प्रक्रिया की जाएगी।
छात्र संख्या का होगा आंकलन
राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए छात्र संख्या का आंकलन भी होगा। प्राथमिक विद्यालयों में 150 से कम, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 105 से कम एवं कंपोजिट विद्यालयों में 255 से कम छात्र-छात्राओं का नामांकन नहीं होना चाहिए। अगर छात्र संख्या कम है तो संबंधित शिक्षक-शिक्षिका को पुरस्कार नहीं मिलेगा।
डायट प्राचार्य होंगे अध्यक्ष
पुरस्कार के लिए आवेदनों की जांच के लिए जनपद स्तर पर समिति बनाई जाएगी। डायट प्राचार्य अध्यक्ष, बीएसए सदस्य सचिव, खंड शिक्षा अधिकारी सदस्य, डीएम द्वारा नामित जनपद स्तर का एक शिक्षाविद् सदस्य होंगे।