- सड़क दुरुस्त कराने में जुटी पीडब्ल्यूडी की टीम, सप्ताह भर में जगी उम्मीद
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: मेरठ-बिजनौर को जोड़ने वाले भीमकुंड गंगा पुल पर तीन दिन पहले टूटी एप्रोच रोड को दुरुस्त करने के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारी जुटे रहे। परंतु गंगा के कटान के चलते कार्य प्रभावित रहा। स्थानीय लोगों ने बताया कि कछुआ गति से चल रहा कार्य एक सप्ताह में भी पूरा होने की उम्मीद नहीं है।
गंगा के जल स्तर बढ़ने के कारण एक सप्ताह पूर्व गंगा ने पुल के अंतिम पिलर पर चांदपुर की ओर कटान शुरू हो गया था। जिसके कारण शनिवार को गंगा की एप्रोच रोड टूट गई। जिस कारण पूर्व पर चढ़ने वाला यातायात पूरी तरह बाधित हो गया एप्रोच रोड टूटने से पीडब्ल्यूडी विभाग और राज्य सेतु निगम के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। डीएम दीपक मीणा और राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया
और अगले एक सप्ताह में पुल पर आवागमन शुरू करने के पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जिसके बाद पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर राजीव कुमार ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और संबंधित ठेकेदार को जल्द से जल्द एप्रोच रोड को दुरुस्त कर यातायात चलने के निर्देश दिए। जिसके बाद रविवार को कार्य शुरू हो गया। सोमवार को दोपहर के बाद भीषण कटान एक बार फिर उसी स्थान पर शुरू हो गया।
जिससे वहां पर कार्य करने वाले इन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। एक बार तो गंगा की धारा टूटी एप्रोच रोड की ओर मुड़ गई। जिस कारण वहां कार्य कर रहे मजदूरों पर हड़कंप मच गया और वहां पर कटान को रोकने के लिए लगाई गई बल्ली और मिट्टी के कट्टे बह गए। काफी देर कार्य प्रभावित होने के बाद शाम को कार्य शुरू किया गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी रोड को चार दिनों में दुरुस्त करने के दावे कर रहे थे परंतु यहां पर चल रहा कछुआ गति से कार्य एक सप्ताह में पूर्ण होता दिखाई नहीं दे रहा है। जिससे उन्हें अपने खेतों में जाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके साथ साथ हजारों लोगों के लिए आवागमन का यह मुख्य मार्ग पूरी तरह बाधित है जिस कारण लोगों को बिजनौर बैराज से घूम कर आना पड़ रहा है।
एप्रोच रोड को दुरुस्त करने के लिए करीब दो दर्जन मजदूर लगाए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर कार्य काफी मंद से चल रहा है और कोई जेसीबी पोपलेन मशीन एप्रोच रोड को दुरुस्त करने के लिए नहीं लगाई गई है। जबकि गंगा के भीषण कटाव को रोकने के लिए टूटी एप्रोच रोड पर मिट्टी डालने के लिए दो दर्जन मजदूर दो सप्ताह में भी कार्य को पूरा नहीं कर पाएंगे। जिससे अभी इस रोड से सफर करने वाले लोगों का इंतजार और बढ़ सकता है।
चेतावाला घाट सेतू प्रकरण में पीडब्ल्यूडी की अजीबो गरीब सफाई, अभियंताओं ने डाला डेरा
हस्तिनापुर के चेतावाला पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद लोक निर्माण विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। विभागीय अधिकारियों ने इस मार्ग के क्षतिग्रस्त होने की बड़ी अजीबो गरीब दलील पेश की है। हांलाकि यह दलील खुद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के गले नहीं उतर रही होगी, लेकिन गर्दन तो बचानी ही है। खैर! पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने वहां डेरा डाल दिया है। इसके लिए विभाग ने बाकायदा सहायक व अवर अभियन्ताओं की एक सूची जारी की है, जो इस क्षतिग्रस्त मार्ग को देंखेंगे और इसे अपनी देख रेख में दुरुस्त करवाएंगे।
लोक निर्माण विभाग ने अपनी नाकामी को छिपाने के लिए जो दलील दी है उसे हम अपने पाठकों के समक्ष हु ब हू लिख रहे हैं। इस दलील में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ‘गंगा नदी में यकायक अधिक डिस्चार्ज छोडेÞ जाने के कारण व नदी के बहाव की दिशा में परिवर्तन हो जाने के कारण जनपद मेरठ की तहसील मवाना व हस्तिनापुर से जनपद बिजनौर की तहसील चांदपुर को जाने वाले निर्माणाधीन चेतावाला घाट सेतू की बिजनौर साइड के पहुंच मार्ग एंव सेतू के जंक्शन पर लगभग 15 मीटर चौड़ाई का कटान हो गया है जिसके कारण मार्ग के दोनों ओर यातायात रोक दिया गया है’।
यानि कि बड़ी सफाई के साथ लोक निर्माण विभाग ने खुद को खुद ही पाक साफ घोषित कर दिया है। जो लैटर लोक निर्माण विभाग में इसको लेकर तैयार हुआ है उसमें यह भी साफ कर दिया गया है कि आगामी एक सप्ताह के भीतर क्षतिग्रस्त पहुंच मार्ग का रेस्टोरेशन व इसे यातायात के लिए खोलने कुल आठ सहायक अभियन्ताओं व अवर अभियन्ताओं की तैनाती की गई है। यह सभी अभियन्ता शिफ्टों में यहां का कार्य देखेंगे। जिन दो सहायक अभियन्ताओं की यहां तैनाती की गई है उनमें महेश कुमार और पवन कुमार शामिल हैं जबकि जो पांच अवर अभियंता तैनात किए गए हैं उनमें मुकुल कुमार, राजेश कुमार, हरेन्द्र शर्मा, श्रवणपाल, राजीव कुमार व साहिब खान शामिल हैं।