Friday, April 19, 2024
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एडीओ पंचायत और ग्राम प्रधानों के बीच भुगतान को लेकर खींचतान

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जिले में वर्तमान में 479 ग्राम पंचायतें हैं। परिसीमन के बाद तीन ग्राम पंचायतें घट जाएगी। क्योंकि 479 ग्राम पंचायतों में प्रधान कार्य कर रहे हैं और उनका कार्यकाल इसी महीने समाप्त हो रहा है। हर्रा, खिवाई और शाहजहापुर तीन ग्राम पंचायत ऐसी है, जो नगर पंचायत बन चुकी है। ऐसे में दिक्कत यह है कि वहां पर जिला पंचायत का परिसीमन चलेगा। क्योंकि तीन ग्राम पंचायत घटी है। परिसीमन में जिला पंचायत का एक वार्ड कम भी हो सकता है। क्योंकि जिला पंचायत वार्ड के लिए कम से कम 50 हजार वोट होनी चाहिए, लेकिन यहां ग्राम पंचायत कम होने से वार्ड कम किये जा सकते हैं। बैलेट पेपर भी जिला प्रशासन ने मंगवा लिये हैं। इस तरह से त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव की तैयारी तेजी के साथ प्रशासन कर रहा है।

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। 22 जनवरी 2021 तक निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा। बैलेट पेपर भी जिले में मंगाए जा चुके हैं। तैयारियों को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में गहमा-गहमी बढ़ गई है। चुनावी माहौल के बीच प्रधानों के सामने एक और चुनौती है।

जिले के कई गांवों में प्रधान व सचिवों के बीच कराए गए कार्यों के भुगतान को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। क्योंकि कुछ प्रधान ऐसे है, जिन्होंने चुनाव से ठीक पहले बड़ी धनराशि विकास पर खर्च कर दी है। इसके भुगतान को लेकर सचिव व प्रधानों के बीच खींचतान चल रही है।

वर्तमान में यदि भुगतान होता है तो उसकी शिकायत भी हो सकती है। अब 25 जनवरी को कार्यकाल प्रधान पूरा करने जा रहे है, इसके बाद उनका कार्यकाल बढ़ा नहीं है। ऐसे में ग्राम प्रधान की कमान एडीओ पंचायत को मिलेगी, जिसके चलते प्रधान व एडीओ पंचायत के बीच खींचतान होना लाजिमी है।

इस तरह की शिकायतें डीएम व सीडीओ तक पहुंचने लगी है। ये भी देखने में आया है कि कुछ ऐसी ग्राम पंचायत है, जिनमें करोड़ों रुपया आया है, लेकिन खर्च अभी किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों पर हुक्का पंचायत शुरू हो गई है। हुक्का पर चुनावी चर्चा हो रही है। कौन प्रत्याशी होंगे? कौन किसके साथ होगा? यही सब वर्तमान में गांव में चल रहा है। गांव सरकार पर किसकी ताजपोशी होगी, उसको लेकर हर रोज चर्चा चल रही है।

एडीओ पंचायत होंगे प्रशासक

गांवों में कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रधान का चार्ज ब्लाक के एडीओ पंचायत के पास होगा। संबंधित पंचायतों के सचिव उनके साथ मिलकर काम करेंगे। इसी तरह क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद एसडीएम, जबकि जिला पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद डीएम प्रशासक बनते हैं।

कार्यकाल समाप्त होने के बाद कार्यों के भुगतान का जिम्मा भी प्रशासकों के पास होता है। ग्राम पंचायतों के खातों में विभिन्न मदों के करीब 10 करोड़ रुपये बचे हैं। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा। कोई नया दिशा-निर्देश शासन की ओर से अभी नहीं आया है। ऐसे में हर जगह प्रशासक नियुक्त हो जाएंगे। प्रधानों की ओर से कुछ शिकायतें आ रही हैं, उसकी जांच करायी जा रही है।

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