- एक तरफ सड़क निर्माण दूसरी तरफ स्ट्रीट लाइट खराब
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा। यह कहावत इस वक्त बागपत रोड पर सटीक बैठती है। आठ साल से बर्बादी का रोना रो रही बागपत रोड के दिन जब बहुरने लगे तो स्ट्रीट लाइट ने धोखा दे दिया। इस रोड के हालात इस कदर खराब हो गए हैं कि एक तरफ सड़क बन रही है और जाम की स्थिति बनी रहती है वहीं अंधेरा होने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। पावर कारपोरेशन ने इस परेशानी से पल्ला झाड़ते हुए एमडीए के पाले में गेंद डाल दी है और वाहन चालकों को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है।
बरसों से बागपत रोड के कई हिस्सों में साल भर जलभराव की स्थिति बनी रहती थी। इस कारण रोज जाम लगना आम बात हो गई थी। तमाम राजनीतिक दबावों और बार-बार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने पांच करोड़ की लागत से सीमेंट रोड बनाने का निर्णय लिया है। मेट्रो माल से लेकर ऋषि नगर तक सड़क बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इस कारण बन रोड साइड काम चल रहा है।
मंदिर साइड में काम चलने के कारण पूरा ट्रैफिक एक ही सड़क पर चल रहा है। बागपत फ्लाईओवर से लेकर मलियाना पुल तक एमडीए के द्वारा लगाई गई स्ट्रीट लाइट तीन चार महीने तो ठीक ढंग से चली लेकिन बाद में आंख मिचौली करने लगी। अब हालात यह है कि करीब चार किमी का पूरा इलाका अंधेरे में डूबा हुआ है।
सड़क के दोनों तरफ करीब एक फीट की ऊंचाई का फासला होने के कारण कई बार वाहन कर गिर चालकों को चोटिल कर चुके हैं। पीडब्ल्यूडी ने निर्माणाधीन सड़क पर लोहे के बड़े बड़े गार्टर छोड़ रखे है जो दुर्घटना का सबब बन रहे हैं। सोमवार को एक स्कूटी सवार दंपति अंधेरे में इससे टकरा कर चोटिल हो गया। पावर कारपोरेशन का कहना है कि उनकी तरफ से बिजली की आपूर्ति बराबर दी जा रही है। स्ट्रीट लाइट की देखभाल एमडीए करता है और उसे पहल करनी चाहिये।