Tuesday, July 9, 2024
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दो की मौत, पांच दिन में डेंगू का सैकड़ा पार

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  • कपसाड़ में बुखार से दो की मौत से दहशत, चिकित्सा कैंप व सफाई अभियान जारी
  • तमाम कोशिशों के बाद भी कम नहीं हो रहे केस
  • सरकारी, निजी अस्पताल में बुखार के मरीजों की भरमार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ/सरधना: डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पांच दिन में सौ से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। वहीं, दूसरी ओर सरधना के कपसाड़ में बुखार पीड़ित दो की मौत से लोगों में दहशत है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग लगातार हालात काबू पाने के दावे कर रहा है, लेकिन बुखार का प्रकोप कम होता नजर नहीं आ रहा है।

बुखार पीड़ितों की मौत की यदि बात की जाए तो डेंगू का प्रकोप शुरू होने के बाद अब तक करीब दर्जन भर से ज्यादा की मौत हो चुकी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इन सभी मौतों को डेंगू से हुई मौत नहीं मानता। वहीं दूसरी ओर कपसाड की ही यदि बात की जाए तो शनिवार को हुई दो मौतों के अलावा भी कई मौत हो चुकी है।

घर-घर बुखार के मरीज

जनपद में जब से डेंगू का प्रकोप शुरू हुआ है तब से घर-घर में बुखार के मरीज हैं। शायद ही कोई ऐसा घर परिवार होगा जहां किसी को बुखार न आया हो। प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में बुखार के मरीजों की भरमार है। मेडिकल और जिला अस्पताल की ओपीडी मरीजों से लबालब है। जिला अस्पताल का वार्ड तो बुखार के मरीजों से फुल है। हालांकि ऐसा नहीं कि मरीजों को लौटाया जा रहा हो,

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जो भी बुखार या अन्य जो भी मरीज आ रहे हैं उनसे से यदि कोई भर्ती करने की हालत में पहुंच रहा है उसको भर्ती भी किया जा रहा है। मरीजों को भर्ती करने के मामले में मेडिकल के पास काफी स्पेस है। मेडिकल की ओपीडी में बुखार के मरीज बडी संख्या में पहुंच रहे हैं।

वार्ड में मच्छरदानी का प्रयोग

जिला अस्पताल के जिस वार्ड में बुखार के मरीजों को भर्ती किया गया है वहां मरीजों को मच्छरों से बचाने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग अस्पताल प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। मरीजों को मच्छरों से बचाने के लिए कई अन्य उपाय भी किए गए हैं।

सबसे ज्यादा जोर अस्पताल परिसर में साफ सफाई पर दिया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन के अलावा जो मरीज अस्पताल के बुखार वाले वार्ड में भर्ती हैं उनके तीमारदार भी अपने मरीजों को मच्छरों से बचाने के लिए तमाम उपाय कर रहे हैं। वहां अगरबत्ती व दूसरी इसी प्रकार की चीजें प्रयुक्त की जा रही हैं।

जहां बुखार, वहां मौत का तांडव जारी

सरधना के कपसाड़ गांव में बुखार को कहर बरपाते हुए एक महीने से अधिक बीत चुका है। स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिश के बाद भी बुखार पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है। कपसाड़ निवासी बबलू पुत्र पप्पू को करीब छह दिन पूर्व बुखार आया था। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे मेरठ के आनंद अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां बीते शुक्रवार की रात उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई।

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