Friday, March 29, 2024
HomeNational News24 घंटे में दो किसानों की मौत: एक ने की आत्महत्या, दूसरे...

24 घंटे में दो किसानों की मौत: एक ने की आत्महत्या, दूसरे की हार्टअटैक से गई जान

- Advertisement -

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर किसान संगठनों का आंदोलन शनिवार को 38वें दिन भी जारी है। कड़ाके की ठंड का उन पर कोई असर नहीं है और वे अपनी मांगों के पूरा होने तक धरना प्रदर्शन करने को कृत संकल्प हैं। किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि कृषि कानूनों की वापसी तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

इस बीच यूपी गेट पर किसान आंदोलन में शामिल एक बुजुर्ग किसान ने शनिवार सुबह आत्महत्या कर ली। किसान का शव बाथरूम के अंदर मिला। शव के पास से गुरुमुखी में लिखा एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। मृतक किसान कश्मीर सिंह (57) रामपुर के बिलासपुर के रहने वाले थे।

उन्होंने अपना अंतिम संस्कार यूपी गेट पर ही कराये जाने की इच्छा जताई है। मृतक का पुत्र और पोता भी यहीं आया हुआ है। इससे पहले कल यहां एक अन्य किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। बीते 24 घंटे में मौत का यह दूसरा मामला है।

  • पंजाब, राजस्थान और कई अन्य राज्यों से किसानों के नए-नए जत्थे दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने लगे हैं। किसान संगठनों के लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली से आ रहे हैं। वे अपने साथ राशन-पानी भी ला रहे हैं। नए जत्थों में युवाओं के अलावा महिलाएं और बच्चे भी हैं।
  • सरकार और किसान संगठनों के बीच 4 जनवरी को अगले दौर की बातचीत होने वाली है। सरकार और किसान संगठनों के बीच दो मामलों पर सहमति बनी है, जिनमें बिजली बिल पर सब्सिडी जारी रखना और पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किया जाना प्रमुख है।
  • केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि किसानों के साथ अगले दौर की बातचीत में एक समाधान निकल जाएगा और विरोध समाप्त हो जाएगा। तीनों कृषि कानून किसानों के पक्ष में हैं। वे बिचौलिए से छुटकारा पाने और अपनी फसल को अपनी पसंद की दर पर बेचने की मांग करते थे।
  • केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के बारे में नए बिल में गलती होने पर भी किसान के खिलाफ जांच नहीं हो सकती। इसमें यह भी कहा गया है कि किसान की भूमि के संबंध में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह बिल किसानों के लिए अनुकूल है और प्रधानमंत्री चाहते हैं कि वे ‘आत्मनिर्भर’ बनें।
  • यूपी गेट धरने में आत्महत्या करने वाले किसान को दलित प्रेरणास्थल पर मौन धारण कर श्रद्धांजलि देते भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति गुट के कार्यकर्ता।
  • यूपी गेट पर किसान आंदोलन में शामिल एक बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या की। संदिग्ध हालात में बाथरूम के अंदर मिला शव। गुरुमुखी में लिखा सुसाइड नोट बरामद।
  • कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 38वें दिन भी जारी है। 4 जनवरी को किसानों और केंद्र सरकार की वार्ता होगी।

4 जनवरी की वार्ता विफल हुई तो सख्त कदम उठाएंगे किसान संगठन

केंद्र के साथ अगले दौर की बातचीत से पहले अपने तेवर सख्त करते हुए किसान संगठनों ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर सरकार 4 जनवरी की बैठक में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने की उनकी मुख्य मांगों को हल करने में नाकाम रहती है तो वे हरियाणा में सभी मॉल और पेट्रोल पंप बंद करना शुरू कर देंगे।

सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों में से केवल पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई है। उन्होंने अपनी मुख्य मांगों के पूरा नहीं होने पर कदमों की चेतावनी दी।

किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर केंद्र सरकार सोचती है कि किसानों का विरोध शाहीन बाग की तरह हो जाएगा, तो यह गलत है। उन्होंने कहा कि वे (सरकार) हमें इस जगह से वैसे नहीं हटा सकते हैं, जैसा उन्होंने शाहीन बाग में किया था। किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार चार जनवरी को उनके पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो वे कड़े कदम उठाएंगे।

स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी जैसे दो मुख्य मुद्दों पर सरकार एक इंच भी नहीं बढ़ी है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दे पर सैद्धांतिक रूप से प्रतिबद्धता जताने से इनकार किया है। अगले कदम का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ बातचीत जारी रहेगी और वहीं किसान संगठन एक साथ विरोध को तेज करेंगे और इसे देश के हर कोने में ले जाएंगे।

मॉल और पेट्रोल पंपों को बंद कराने की चेतावनी

इस दौरान एक अन्य किसान नेता विकास ने कहा कि अगर सरकार के साथ 4 जनवरी की बैठक में गतिरोध दूर नहीं होता है तो हम हरियाणा में सभी मॉल, पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीखों की घोषणा करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में कई निर्णय लिए गए। दिल्ली की सीमाओं पर लगभग 40 किसान यूनियन संयुक्त किसान मोर्चे के तहत आंदोलन कर रही हैं।

किसान यूनियनों के अनुसार, यदि 4 जनवरी की वार्ता के परिणाम संतोषजनक नहीं होते हैं, तो प्रदर्शन स्थल से कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे पर छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इसके अलावा उन किसानों से दिल्ली की ओर बढ़ने का आह्वान किया जाएगा जो हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहांपुर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शन के पंजाब तक सीमित रहने के सरकार के कथित दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए 6 जनवरी से 20 जनवरी तक देशभर में रैलियां, धरने, और संवाददाता सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि 18 जनवरी को महिला दिवस मनाया जाएगा और 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments