- मेरठ में आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने शव रखकर किया जमकर हंगामा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मवाना रोड स्थित इंचौली के गांव फिटकरी में मंगलवार सुबह टायर जलाने की फैक्ट्री में बॉयलर में तेज धमाके के साथ विस्फोट हुआ। ये घटना सुबह पांच बजे की हैं। विस्फोट में दो श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद आक्रोशित परिजन व ग्रामीण मौके पर पहुंचे तथा हादसे में मारे गए श्रमिक शंकर व प्रवीण के शव को जमीन पर रखकर हंगामा किया। वहीं, दूसरी ओर परिजनों ने पुलिस को पोस्टमार्टम के लिए शव नहीं उठाने दिए, जिसके बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच काफी देर तक बवाल होता रहा।
हालांकि हालात गरमाते देखकर पुलिस बैकफुट पर आ गई। हंगामा करने वाले डीएम व एसएसपी को बुलाने की जिद पर अडेÞ थे। बवाल बढ़ता देख डीएम दीपक मीणा व एसएसपी रोहित सिंह सजवाण भी मौके पर पहुंचे। डीएम ने मृतक श्रमिकों के परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी और हंगामा बढ़ने लगा। डीएम ने फैक्ट्री मालिक को मौके पर बुलाया तथा घटना के लेकर बात की। डीएम ने मृतक श्रमिकों के परिजनों से बातचीत की। परिजनों ने 50 लाख का मुआवजे की मांग की।
करीब सात घंटे तक जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद 15-15 लाख दोनों मृतकों के परिजनों को डीएम दीपक मीणा ने फैक्ट्री मालिक से दिलाए। गंभीर घायल को 10 लाख और आंशिक घायल को 50 हजार दिए गए। डीएम दीपक मीणा और एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के जाने के बाद एडीएम (ई) अमित कुमार व एसपी ग्रामीण कमलेश बहादुर मयफोर्स के मौके पर ही डेरा डाले रहे।
धमाके की तेज आवाज से जागे फिटकरी के ग्रामीण
इंचौली के फिटकरी गांव में दुर्गा इंडस्ट्रीज के बॉयलर फटने की आवाज इतनी ज्यादा था कि सर्दी के मौसम में रजाई में दुबके गांव वाले इसकी आवाज सुनकर चौंक कर उठे। जिस वक्त बॉयलर फटा जंगल में कुछ खेतों में किसान काम कर रहे थे। इसके अलावा उस वक्त कई अन्य मजदूर भी दुर्गा इंडस्ट्रीज में मौजूद थे। खेतों में काम कर रहे किसान तेजी से फैक्ट्री की ओर दौडेÞ। भीतर जाकर देखा तो वहां का नजारा देखकर उनकी चींख निकल गयी। बॉयलर फटने से फैक्ट्री में खुले आसमान के नीचे दो मजदूरों के शव पडेÞ थे।
तीन मजदूर खून से नहाए हुए थे। वो मदद के लिए रो बिलख रहे थे। वहां कार्बन की सड़ाध उठ रही थी। रुकना मुश्किल था। गांव वालों ने किसी प्रकार घायलों को गंगा नगर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल भिजवाया। फिटकरी की दुर्गा इंडस्ट्रीज में बॉयलर फटने से हुए विस्फोट की आवाज पांच किलोमीटर दूर तक सुनी गयी। फिटकरी से किशोरीपुर गांव की दूरी काफी है। विस्फोट में मारे गए शंकर व प्रवीण तथा घायल दिनेश पुत्र ज्ञान सिंह, पिता पुत्र शैकी व सोहन लाल किशोरीपुर गांव के ही रहने वाले हैं।
इनके अलावा इस फैक्ट्री में काम करने वाले अन्य मजदूर भी किशोरीपुर गांव से आते हैं। गांव वालों ने बताया कि इसकी आवाज उन्होंने भी सुनी, लेकिन यह किसी ने नहीं सोचा था कि विस्फोट की आवाज गांव में शंकर व प्रवीन की मौत तथा बाकी तीन मजदूरों की मौत का संदेश है।
अफसरों का अमला और भारी पुलिस फोर्स
परिजनों ने मुआवजा मिलने तक जब शव देने से इंकार कर दिया और डीएम व एसएसपी को बुलाने की मांग करने लगे तथा इसको लेकर हंगामा बढ़ने लगा तो करीब 9 बजे वहां डीएम दीपक मीणा व एसएसपी रोहित सिंह सजवाण तथा एसपी देहात कमलेश बहादुर समेत कई आलाधिकारी तथा कई थानों की पुलिस फोर्स तथा पुलिस लाइन से रिजर्व फोर्स तथा महिला फोर्स गांव में तलब कर ली गयी, लेकिन डीएम व एसएसपी के पहुंचने के बाद भी पुलिस वाले शवों को कब्जे में नहीं ले सके। दरअसल मुआवजे पर कोई बात नहीं बन सकी।
शव को लेकर आमने-सामने
टायर फैक्ट्री का बॉयलर फटने से दो की मौत की खबर मिलते ही इंचौली पुलिस मौके पर पहुंच गयी, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले मृतक शंकर व प्रवीण के परिजन तथा किशोरी व फिटकरी के गांव वाले वहां भारी संख्या में जमा हो गए थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचते ही सबसे पहले शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भिजवाने का प्रयास किया, लेकिन इसको लेकर गांव वाले व पुलिस वाले आमने सामने आ गए।
गांव वालों ने साफ कह दिया कि जब तक डीएम व एसएसपी मौके पर नहीं पहुंचेंगे तथा मृतकों के परिजनों को 50 लाख तथा घायलों को 15-15 लाख का मुआवजा नहीं दिया जाएगा तब तक शव नहीं सौंपे जाएंगे। इसको लेकर यहां काफी गहमा गहमी होती रही। बाद में पुलिस वालों को ही पीछे हटना पड़ा।