Friday, March 29, 2024
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तेज रफ्तार का कहर: किशोर की मौत हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल

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  • बगैर फिटनेस के दौड़ रहे खटरा वाहन, रोज निगल रहे जिंदगी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ/गंगानगर: सड़कों पर हर दिन हजार की संख्या में ट्रैक्टर आते-जाते हैं। इनमें आधे से अधिक ऐसे ट्रैक्टर हैं, जो आसपास के क्षेत्रों से सामग्री लेकर आते हैं। निर्माण सामग्री और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से फल-सब्जी लेकर आने वाले ज्यादातर ट्रैक्टर तो फिट होते हैं और नहीं इनके चालकों को ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी होती है।

जब ये शहर में प्रवेश करते हैं तो ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते और सड़क सुरक्षा के प्रावधानों को रौंदते हुए चलते हैं। इनसे आए दिन हादसे होते रहते हैं, इसके बावजूद इन्हें रोकने का गंभीर प्रयास नहीं दिखता। मवाना रोड पर शादी समारोह में बग्गी लेकर पहुंचे युवकों को ट्रैक्टर ने जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में एक किशोर की मौत हो गई। जबकि दो युवक घायल हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची घटना की जानकारी ली।

लावड़ कस्बा निवासी सोनू शादी समारोह में घोड़ा बग्गी सजाकर ले जाने का काम करता है। शुक्रवार देर शाम सोनू कस्बे के ही सूफियान और दिलशाद के साथ बग्गी लेकर मवाना रोड स्थित रॉयल रिसोर्ट विवाह मंडप में पहुंचा था। इस दौरान तीनों युवकों सजी हुई बग्गी को सड़क किनारे खड़ी करके चढ़त का इंतजार कर रहे थे।

तभी मेरठ की ओर से तेज गति में आ रहे ट्रैक्टर ने विवाह मंडप के पास खड़ी एक बाइक सवार युवक में जोरदार टक्कर मार दी। इससे पहले वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते तभी अनियंत्रित ट्रैक्टर की चपेट में सूफियान और दिलशाद आ गए। इस दौरान 15 वर्षीय सूफियान के सिर में गंभीर चोट लगने की वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

हादसे में दिलशाद और गेसुपुर सुमाली थाना किठौर निवासी जवाहर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद चालक ट्रैक्टर लेकर मवाना की ओर फरार हो गया। मौके पर मौजूद लोगों ने घायलों को सूर्य अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने सूफियान को मृत घोषित कर दिया।

उधर, हादसे की जानकारी मिलते ही सूफियान के परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक सूफियान तीन भाइयों अदनान और अब्दुल वारिस में दूसरे नंबर पर था। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

खराब ट्रैक्टर सबसे खतरनाक

बीच सड़क पर चलते-चलते एक्सल टूटने या अन्य किसी खराबी के कारण अचानक बंद हो गए ट्रैक्टर शहर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सबसे अधिक घातक हैं। बैकलाइट का प्रावधान नहीं होने और रिफ्लेक्टर के क्षतिग्रस्त होने कारण पीछे से आने वाले वाहनों को ये दिखते नहीं और तेज टक्कर हो रोकना मुश्किल होता है। जाड़े की रात में गहरे धुंध के कारण ऐसी दुर्घटना की आशंका और भी बढ़ जाती है।

ट्रॉली से जुड़े किसी प्रावधान को नहीं मानते ट्रैक्टर वाले

ट्रॉली के पीछे लाल मोटा रिफ्लेक्टर होना फिटनेस की अनिवार्य शर्त है। इससे पीछे से आने वाले वाहनों को ये दूर से ही दिखता है। ट्रॉली के दोनों साइड पीला रिफ्लेक्टर भी लगा होना चाहिए ताकि वाहनों को साइड लेते समय ट्रॉली की चौड़ाई स्थिति का ठीक ठीक पता चल सके। हालांकि इन प्रावधानों का सबसे अधिक उल्लंघन दिखता है।

ज्यादातर पुराने ट्रॉली के बैक और साइड रिफ्लेक्टर पूरी तरह क्षतिग्रस्त होते हैं या इनका कुछ हिस्सा टूटा होता है। सड़कों पर स्ट्रीट लाइट की स्थिति भी ठीक नहीं है। इसके कारण घुप्प अंधेरा होता है। रिफ्लेक्टर नहीं होने के कारण हेडलाइट की रोशनी वापस नहीं लौटती, जिससे पीछे से आने वाले वाहन चालक को ये दिखाई नहीं पड़ते। इसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

फिटनेस भी हैं अनफिट

परिवहन विभाग नियमित रूप से वाहनों की फिटनेस की जांच नहीं करता और न ही ऐसे वाहनों के चलने पर रोक ही लगाई जाती है। यातायात पुलिस कर्मी भी खामोश रहते हैं। बगैर हेड लाइट के रात में आती-जाती हैं ट्रैक्टर-ट्रॉलियां बगैर हेड लाइट के गल्ला, लकड़ी का बोटा, बालू सहित अन्य सामान लादकर खटारा ट्रैक्टर-ट्रॉलियां रात में सड़कों पर अक्सर दिख जाती हैं। इसके चलते अक्सर हादसे हो रहे हैं। लोगों की जिंदगियां चली जा रही हैं। ऐसे वाहनों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए न तो अभियान चलता है और न ही कोई कार्रवाई ही होती है।

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