जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कृषि कानून 2020 की वापसी की मांग को लेकर किसान अभी जिद पर अड़े हैं। अलग-अलग किसान संगठनों के प्रदर्शन के बीच आंदोलन में दरार पड़ती नजर आ रही है। ऑल इंडिया किसान संघर्ष कमेटी ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह के बयान की निंदा करते हुए बयान से खुद को अलग कर लिया है।
कमेटी का कहना है कि सिंह के बयान का ऑल इंडिया किसान संघर्ष कमेटी समर्थन नहीं करती है। सिंह का बयान कार्य समिति के मानकों का पालन नहीं करता है। कमेटी की कार्य समिति अभी भी अपने इस फैसले पर कायम है कि तीन कृषि कानून वापस लिए बिना और एमएसपी की गारंटी के ऐलान के बिना सरकार से बातचीत नहीं की जाएगी। यह तीनों कानून विचारणीय हैं ही नहीं।
ऑल इंडिया किसान संघर्ष कमेटी ने कहा कि इस किसान आंदोलन में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। बिना कानून वापस लिए सरकार के साथ बातचीत की कोशिश इस ऐतिहासिक आंदोलन के साथ धोखा देने जैसी होगी। कमेटी देश के सभी किसानों से अपील करती है कि सभी किसान और किसान नेता एकजुट होकर इस आंदोलन का साथ दें। किसान विरोधी सरकार की आंदोलन को बांटने और कमजोर करने की कोशिश का शिकार ना बनें।
दरअसल, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय संयोजक सरदार वीएम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बाकी किसान संगठन सरकार से बातचीत करें या ना करें पर हम बातचीत के लिए तैयार हैं। हमारी मुख्य मांग एमएसपी गारंटी कानून है। अन्य मुद्दों पर सरकार के साथ बातचीत में चर्चा की जाएगी।