- लिपिकों के लिए शासनादेश टाइपिंग अनिवार्य
- बीएसए कार्यालय के वरिष्ट लिपिक ने बिना टाइपिंग टेस्ट पास करे कर रहे काम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: किसी भी लिपिक को टंकण आना अनिवार्य है यह नियम है, लेकिन बीएसए कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक बिना टाइपिंग टेस्ट पास करे ही अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन्होंने एक अन्य लिपिक को केवल टाइपिंग के लिए ही अपने साथ रखा हुआ है। यह अपनी जगह उससे काम ले रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है। अब इन वरिष्ठ लिपिक के खिलाफ मुख्यमंत्री से लेकर शासन तक से शिकायत की गई है।
अमानुल्लापुर के रहने वाले भाजपा के मंडल महामंत्री मनोज ने सीएम पोर्टल व शासन से की शिकायत में बीएसए कार्यालय मे तैनात वरिष्ठ लिपिक प्रदीप बंसल पर शासनादेशों की धज्जियां उड़ाने के आरोप लगाए हैं। मनोज का कहना है प्रदीप बंसल 19 अप्रैल 2001 में मृतक आश्रित कोटे से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में परिषदीय कर्मचारी के रूप में कनिष्ठ लिपिक के पद पर नियुक्त हुए थे।
22 अक्टूबर 1999 के शासनादेश के अनुसार मृतक आश्रित पद के लिए जो भी शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए, उसके साथ ही टाइपिंग जरूरी है। जिसमें उनकी टंकण की गति की भी परीक्षा होनी चाहिए। प्रदीप बंसल ने बिना टाइपिंग परीक्षा पास करे ही उनकी नियुक्ति हो गई। नियम है कि जिस भी लिपिक को टाइपिंग नहीं आती है वह एक साल के भीतन टाइपिंग सीखकर टेस्ट पास करे, लेकिन प्रदीप बंसल ने आज तक यह टेस्ट पास नहीं किया है।
इसके साथ ही नियमावली 2014 में इस बात का उल्लेख किया गया है कि टाइपिंग टेस्ट पास नहीं करने वाले लिपिकों की वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है और उन्हें एक साल का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। जिसमें वह टाइपिंग व कंप्यूटर को सीख सके। यदि उसके बाद भी वह इन नियमों का पालन नहीं करते तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
कमिश्नर भी दे चुके हैं निर्देश
18 अप्रैल 2022 को कमिश्नर द्वारा ली गई समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गये थे कि सभी विभागों में तैनात मृतक आश्रित लिपिकों के समकक्ष कर्मचारियों की टंकण परीक्षा होगी। जिसके बाद डीएम ने टंकण परीक्षा के लिए तीन सदस्यों की समिति गठित की थी। साथ ही सीडीओ को मेरठ के सभी स्तर क कार्यालय अध्यक्षों को उनके विभाग में तैनात मृतक आश्रित लिपिक वर्ग के कर्मचारियों के नामों की सूची उपलब्ध करानी थी।
बावजूद इसके बीएसए कार्यालय से जो सूची जारी की गई उसमें प्रदीप बंसल का नाम नहीं था। यानी इसमे खेल किया गया। ऐसे में समय देने के बाद भी सीसीए व टंकण परीक्षा पास किए बिना प्रदीप बंसल निरंतर वेतन वृद्धि का लाभ लेते रहे है।
नियुक्ति पर भी सवाल
मनोज का आरोप है कि प्रदीप बंसल वरिष्ठ लिपिक परिषदीय कर्मचारी हैं। सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि कोई भी नियुक्ति जिला स्तर के परिषदीय कार्यालय में नहीं की जाएगी, लेकिन इस पत्र में दिए गए आदेश की भी अनदेखी की जा रही है।
अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के 23 जून 2021 को जारी पत्र में जनपद स्तर पर कार्यरत परिषदीय कर्मचारियों को बीआसी (ब्लॉक संसाधन केन्द्र) पर रहते हुए कार्य करने होंगे। इसके लिए जिला मुख्यालय कार्यालय पर तैनात परिषदीय कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की तिथि के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक संसाधन केन्द्र पर दो लिपिकों को भेजा जाए, लेकिन बीएसए मेरठ ने इन आदेशो का पालन नहीं किया।
उनके द्वारा एक अप्रैल 2022 को जारी पत्र में लिपको की सूची जारी की। जिसमें प्रदीप बंसल का नाम भी शामिल है, लेकिन वह आज भी जिला मुख्यालय पर ही तैनात है जो नियमों के विपरीत है। शिकायतकर्ता ने इस प्रकरण की जांच कराने की मांग की है।