- लखनऊ नगर निगम में कर अधीक्षक चंद्रशेखर यादव बने मिशाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम में आवासीय मकानों से गृÞहकर वसूली के कर अधीक्षक के नये प्रयोग के कारण बोर्ड बैठक में शनिवार को एक बड़ा बवाल हो गया। जिस कर अधीक्षक की लखनऊ की नगर निगम में विभिन्न कार्यक्रमों में उनके द्वारा गृहकर की राजस्व वसूली को लेकर एक सफल अधीक्षक के तौर पर मिशाल दी जाती है। बोर्ड बैठक में क्रांतिधरा पर उनके इस प्रयोग से एक बड़ा बवाल हो गया। इस पूरे मामले में कहीं न कहीं हाउस टैक्स के अधिकारियों के टैक्स वसूली की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
नगर निगम के हाऊस टैक्स विभाग में लखनऊ से आये कर अधीक्षक चंद्रशेखर यादव के द्वारा जो टैक्स वसूली के लिये नया प्रयोग शुरू किया गया। उनके इस प्रयोग ने मेरठ की क्रांतिधरा पर आयोजित नगर निगम की बोर्ड बैठक में महिला पार्षद के द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया तो एक बड़ा बवाल हो गया। जहां एक तरफ लखनऊ में उनके द्वारा आवासीय मकानों के गृहकर वसूली के प्रयोग को मिशाल बनाकर अन्य कर अधीक्षकों को उनकी कार्यप्रणाली से प्रेरणा लेने की सीख दी जाती है।
वहीं मेरठ की क्रांतिधरा पर भी उनके इस सफल प्रयोग के कारण हुये बडेÞ बवाल के बाद एक नई मिशाल बन गई। नगर निगम की बोर्ड बैठक में हुए बवाल का मामले की लखनऊ से लेकर दिल्ली तक गूंज जा पहुंची। कर अधीक्षक चंद्रशेखर यादव के द्वारा आवासीय मकानों के गृहकर टैक्स की वसूली के लिये जिस प्रयोग को किया जाता है। उसमें जिस मकान मालिक पर टैक्स का बकाया होता है, उसके मकान की कुर्की आदि की कार्रवाई के दौरान अलाउंसमेंट के द्वारा व्यापक प्रचार प्रसार शुरू करके उसकी समाज में बदनामी हो ताकि वह टैक्स का पैसा जमा जल्द-से जल्द कर सके।
उनके द्वारा मकान व मकान मालिक की वीडियो आदि बनाकर वायरल कर देने की चेतावनी देना एवं एक हजार से पांच हजार रुपये तक के टैक्स पर ही इस तरह से वसूली के लिए प्रचार-प्रसार का डर दिखाकर दबाव बनाया जाता है। उनके इसी तरह की कार्रवाई को लेकर महिला पार्षद रेखा द्वारा आपत्ति जताई गई। जिसमें कहा गया कि हिंदू बाहुल्य वार्डों में कर अधीक्षक चंद्रशेखर यादव के द्वारा समाज में प्रतिष्ठित लोगों की छवि को धूमिल किया जा रहा है।
यदि उनमें इस तरह की हिम्मत है तो वह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र के वार्डों में जाकर इस तरह के प्रयोग को आजमाएं तो उन्हें पता चल जायेगा। जिसके बाद बोर्ड बैठक में एक बड़ा बवाल हो गया। वहीं कुछ लोगों का बवाल के बाद कहना था कि इस तरह के प्रयोग की क्रांतिधरा पर आवश्यकता ही नहीं थी, फिर इस तरह का नया प्रयोग शुरू क्यों किया गया। बडे बकायदारों से वसूली होती नहीं जिन पर दो से पांच हजार रुपये के गृहकर का टैक्स है, उनकी वसूली के लिये समाज में ढिंढोरा पीटा जाना कहां तक सही है।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दी तहरीर
सपा एवं एआईएमआईएम पार्टी की तरफ से दी गई तहरीर, थानाध्यक्ष थाना देहलीगेट: बोर्ड क बैठक चल रही थी इसी दौरान मैं कुलदीप उर्फ कीर्ति घोंपला अपनी बात रखने के लिये उठा, इसी दौरान बीजेपी के एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज द्वारा मुझे जातिसूचक शब्द कहते हुये पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान मेरे साथी पार्षद आशीष चौधरी ने बीच बचाव करने की कोशिश की तो उसे व मुझे दोनों को सदन के अंदर व बाहर खदेड़कर सड़क तक पीटा गया।
जातिसूचक शब्द कहते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग कर कहा कि तुम…चट्टो की भी सुनेंगे हम। इस दौरान हमे जान से मारने की नीयत से कुछ अज्ञात लोगों द्वारा मारपीट की गई तथा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने भीड़ के साथ पीटने लगे। इसी दौरान कुछ लोगों ने हाथों में सरिये लेकर उनके साथ मारपीट कर कहा कि तुम्हारी इतनी हिम्मत हो गई कि हमारे सामने बोलोगे। कहा कि आज के बाद नगर निगम के आसपास भी दिखाई मत देना, तुम्हे जान से मार देंगे। जो हमारे साथ मारपीट की गई उससे हमारे शरीर में गंभीर चोटे लगी हैं।
भाजपा पार्षदों की तरफ से वार्ड-29 के पार्षद की तरफ से थाने में दी गई तहरीर
थानाध्यक्ष थाना देहली गेट: नगर निगम के टाउन हाल में शनिवार को 12 से 12:30 बजे पुनरीक्षित बजट 2023-24 के लिए बैठक चल रही थी। जिसमें वार्ड-60 की महिला पार्षद रेखा सिंह द्वारा गृहकर पर चर्चा करते हुए कहा कि निगम के सभी क्षेत्रों में गृहकर के बकाया की वसूली समान रूप से की जाये। इस पर एआईएमआईएम पार्षद फजल करीम, आसिफ सैफी, रिजवान अंसारी ने महिला पार्षद रेखा सिंह पर अभद्र टिप्पणी कर शांत बैठ जाने को कहा। जिस पर मैंने तथा साथी पार्षद अरुण बाल्मीकि, कुलदीप बाल्मीकि तथा महिला पार्षद रेशमा सोनकर, कविता राही, सुनीता प्रजापति, बबीता खन्ना ने फजल करीम, आसिफ सैफी रिजवान अंसारी के व्यवहार का विरोध किया और महिलाओं के प्रति अपमान पर पार्षद रेखा सिंह से माफी मांगने की मांग की।
जिस पर फजल करीम, आसिफ सैफी, रिजवान अंसारी, कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला, आशीष चौधरी तथा इनके अन्य साथियों ने गाली-गलौज कर मारपीट शुरू कर दी गई। महिला पार्षदों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए छेड़छाड़ कर दी। अपमानजनक शब्दों के साथ जातिसूचक शब्दों से गाली-गलौज की। कीर्ति घोंपला ने भाजपा पार्षदों को एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। विपक्षी पार्षदों ने विधायक के साथ गाली-गलौज कर धक्का-मुक्की कर दी।
राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर आये तो सदन के बाहर इनके व इनके साथियों को घेरते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जिसमें पांचों आरोपियों एवं इनके साथी पार्षदों का व्यवहार नगर निगम सदन की मर्यादा तथा पार्षद पद की गरिमा के विपरीत था। इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई एवं रिपोर्ट दर्ज कराये जाने की मांग की है।
महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने नगरायुक्त को लिखा पत्र
बोर्ड बैठक में हुये बवाल को लेकर महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने नगरायुक्त को मामले पर संज्ञान लेने के लिए पत्र लिखा। जिसमें बताया कि बैठक में बजट पारित होने के उपरांत कुछ पार्षदों द्वारा महिला पार्षदों पर अभद्र एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की गयी। नगर निगम की बोर्ड बैठक के दौरान जिस तरह से दोनसें पक्षों की तरफ से एक-दूसरे पर हाथापाई किये जाने के वीडियो वायरल हो रहे हैं।
इन वीडियो में भाजपा के एक ऐसे पार्षद राजीव उर्फ काले भी दिखाई दिये जोकि बीच बचाव के दौरान सदन से सड़क तक भीड़ को शांत कराने एवं जिनके साथ मारपीट हो रही थी। नगर निगम की बैठक में सांसद राजेंद्र अग्रवाल एवं भाजपा के राष्टÑीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई सीसीएसयू में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह हो या फिर नगर निगम की प्रथम परिचय एवं बोर्ड बैठक में शामिल हुए। जब भी हंगामा हुआ तो दोनों के द्वारा मामला बढ़ने के बाद भी समय रहते शांत करा लिया गया, लेकिन इस बार दोनों ही बोर्ड बैठक में शामिल नहीं हुए।
नगर निगम की प्रथम बैठक चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाषचंद्र बोस प्रेक्षागृह में आयोजित हुई थी। जिसमें एआईएमआईएम के पार्षदों द्वारा वंदेमातरम गीत के दौरान कुर्सी से खडेÞ नहीं होने को लेकर बवाल हुआ था। उसके बाद घंटाघर स्थित टाउन हाल में प्रथम बोर्ड बैठक जोकि परिचय बैठक आयोजित की गई थी, उसमें महिला पार्षद पति के पहुंच जाने के दौरान उसको बोर्ड बैठक से बाहर करने को लेकर जमकर बवाल हुआ।
तीन दिन पूर्व सपा-बसपा एवं एआईएमआईएम के पार्षदों की एक बैठक मारवाड़ी होटल में आयोजित की गई। जिसमें उनके द्वारा बोर्ड बैठक में अपनी बात को किस तरह से रखा जायेगा यदि विरोध होता है तो उससे कैसे निबटा जायेगा। इस बैठक की एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई। जिसको लेकर दोनों पक्षों के पार्षदों के बीच मन में कहीं न कहीं गुस्सा पनप रहा था।