नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। आज यानि 20 अप्रैल को वैशाख अमावस्या है। आज का दिन पितरों को समर्पित होता है। आज ही से साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण भी लगने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। ऐसे में यहा सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। वैशाख अमावस्या पर पितरों को खुश करने के लिए निचे दिए गए मंत्रो का जाप करें…
वैशाख अमावस्या स्नान-दान
आज आप सूर्य ग्रहण के प्रारंभ से पूर्व वैशाख अमावस्या का स्नान कर लें। उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान दक्षिणा दें। इस बार सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं है। वैशाख अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करते हैं। यदि संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
पितरों की पूजा विधि
वैशाख अमावस्या पर पितरों की पूजा करें। पितरों को जल से तर्पण दें। उसके बाद पीपल या बरगद के पेड़ की जड़ को कच्चे दूध और जल से सींचे। उसके बाद शाम को वहां पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे पितर और अन्य देव गण प्रसन्न होते हैं। पितरों के आशीर्वाद से परिवार की उन्नति होती है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
इन मंत्रों का करें जाप
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
ॐ विष्णवे नम:
ॐ पितृ दैवतायै नम:
ॐ पितृ देवाय नम:
ॐ घृणी सूर्याय नमः
ॐ शं शनिश्चराय नम:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
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