सुभाष शिरढोनकर |
7 जुलाई को थिएटर में रिलीज हो चुकी मर्डर मिस्ट्री फिल्म ‘नीयत’ में विद्या बालन जासूस मीरा राव के रोल में नजर आईं। विक्रम मल्होत्रा द्वारा निर्मित और अनु मेनन द्वारा डायरेक्ट इस फिल्म में विद्या के अलावा राम कपूर, राहुल बोस, नीरज काबी, शहाना गोस्वामी, अमृता पुरी, दीपानिता शर्मा, प्राजकता कोली, शशांक अरोड़ा जैसे कलाकार भी मौजूद थे।
इसके पहले 2014 में आई फिल्म ‘बॉबी जासूस’ में भी विद्या बालन ने एक डिटेक्टिव का रोल निभाया था लेकिन फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी। फिल्म ‘कहानी’ (2012) और ‘शेरनी’ (2021) में भी विद्या बालन, करीब करीब इसी तरह का किरदार निभा चुकी हैं।
विदया बालन आखिरी बार 2019 में रिलीज हुई जगन शक्ति की मल्टी स्टारर फिल्म ‘मिशन मंगल’ में नजर आई थीं। उसके पहले 2017 में ‘तुम्हारी सुलू’ उनकी सोलो फिल्म थी।
विद्या की तीन फिल्में, अनु मेनन की ‘शकुंतला’ (2020), अमित मसुर्कर की ‘शेरनी’ (2021), और सुरेश त्रिवेणी की ‘जलसा’ (2022) थियेटर में रिलीज न होकर सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ऑन स्ट्रीम हुई थीं। विद्या बालन इस वक्त एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘लवर्स’ कर रही हैं। इस फिल्म में उनके साथ प्रतीक गांधी, इलियाना डिक्रूज हैं।
1 जनवरी 1979, को मुंबई के एक तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मी विद्या बालन ने कैरियर की शुरूआत में काफी रिजेक्शन झेले हैं। मुंबई के उप नगर चैम्बूर स्थित सेंट एंथोनी गर्ल्स हाई स्कूल में पढ़ाई करते हुए 16 साल की उम्र में, विद्या बालन ने एकता कपूर के सिटकॉम ‘हम पांच’ के पहले सीज़न में चश्मिश किशोरी राधिका की भूमिका निभाई। इसके बाद जब निर्देशक अनुराग बसु ने उन्हें एक टेलीविजन सोप ओपेरा में काम करने का ऑफर दिया तो उसे उन्होंने ठुकरा दिया क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ फिल्मी करियर पर फोकस करना चाहती थीं।
विद्या को पहली बार मलयालम फिल्म ‘चक्रम’ में मोहनलाल के साथ मुख्य भूमिका के लिए साइन किया गया लेकिन ‘चक्रम’ किन्हीं कारणों से बंद हो गई। उसके बाद उन्हें तमिल की ‘रन’ (2002) और ‘मनसेल्लम’ (2003) के लिए साइन किया, लेकिन बाद में इनसे भी उन्हें आउट होना पड़ा।
अपना फ़िल्मी करियर शुरू करने में नाकाम होने के बाद विद्या ने टेलीविज़न एड० फिल्में करना शुरू किया और लगभग 60 एड० फिल्में कीं। इसके साथ ही उन्होंने शुभा मुद्गल के कुछ म्यूजिक वीडियो भी किये।
विद्या की ज्यादातर एड० फिल्में प्रदीप सरकार द्वारा डायरेक्ट की गई थीं। उन्हीं की सिफारिश पर विद्या को गौतम हलदर द्वारा निर्देशित बंगाली फ़िल्म ‘भालो थेको’ (2003) मिली और इसके साथ फिल्मों में उनके एक्टिंग कैरियर की शुरूआत हो गई।
जब निर्माता विधु विनोद चोपड़ा ने निर्देशक प्रदीप सरकार के निर्देशन में हिंदी फिल्म ‘परिणीता’ (2005) शुरू की तो इसके लिए विद्या बालन को मुख्य भूमिका के लिए चुना गया। इस फिल्म के लिए विद्या बालन को बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवार्ड मिला।
इसके बाद विद्या निर्माता विधु विनोद चोपड़ा की पसंदीदा एक्ट्रेस बन गईं। जब उन्होंने राजकुमार हिरानी के निर्देशन में कॉमेडी फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ (2006) शुरू की तो इसमें संजय दत्त के साथ एक बार फिर विद्या बालन को ही मुख्य भूमिका में अवसर दिया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर डुपर हिट साबित हुई।
इसके बाद विद्या बालन को साउथ के जाने माने फिल्म मेकर मणि रत्नम ने अभिषेक बच्चन अभिनीत ‘गुरु’ (2007) के लिए साइन किया।
‘सलाम-ए-इश्क’ (2007) और ‘एकलव्य: द रॉयल गार्ड’ (2007) फिल्मों में उनकी भूमिकाएँ छोटी थीं।
2007 की कॉमेडी फिल्म ‘हे बेबी’ में, विद्या बालन अपनी पहली ग्लैमरस, भूमिका में अक्षय कुमार के साथ नजर आईं। इसके बाद उसी साल वह मलयालम फिल्म ‘मणिचित्राथाझु’ (1993) की रीमेक, प्रियदर्शन की कॉमेडी हॉरर फिल्म ‘भूल भुलैया’ (2007) में नजर आईं। ये दोनों फिल्में जबर्दस्त हिट साबित हुईं।
‘पा’ (2009) और ‘इश्किया’ (2010) के लिए विद्या बालन ने दो साल, लगातार बेस्ट एक्ट्रेस के फिल्मफेयर अवार्ड हासिल किए। और इसके साथ ही इंडस्ट्री में एक एक्ट्रेस के तौर पर, उनकी धाक जम गई। फिर आई विद्या बालन के कैरियर की वह फिल्म जिसने उन्हें इस इंडस्ट्री में अमर कर दिया। फिल्म का नाम था ‘द डर्टी पिक्चर’ (2011) इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस के नेशनल अवार्ड सहित फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला।
‘कहानी’ (2012) के लिए विद्या बालन को एक बार फिर से बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। इस तरह एक के बाद एक, उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों में काम करते हुए, अपने संजीदा अभिनय से एक खास मुकाम हासिल करते हुए खुद को बॉलीवुड की सबसे टैलेंटेड एक्ट्रेस साबित किया।
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