- 2415 ठेका प्रथा में रखे गये सफाई कर्मचारियों का है मामला
- दो वर्ष के लिये 10-10 हजार प्रति सफाई मजदूर को रखा था कार्य पर
- राधा कृष्ण कंपनी को 1207 कार्तिकेय को 1208 सफाई कर्मचारियों को रखने की दी गई थी अनुमति
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम में दैनिक वेतन (10 हजार रुपये प्रतिमाह) पर दो वर्ष के लिये स्वच्छता मित्रों को सफाई के कार्य के लिये रखा गया था। जिस कंपनी के माध्यम से इन सफाई कर्मचारियों को रखा गया था। उस कंपनी का ठेका काफी समय पूर्व पूरा हो चुका, लेकिन निगम के द्वारा अभी किसी दूसरी कंपनी के ठेकेदार को ठेका नहीं दिया। जिसके चलते दैनिक वेतन पर सफाई मजदूरी करने वाले मजदूरों को भी प्रतिमाह के हिसाब से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। निगम को नई कंपनी का ठेकेदार नहीं मिल रहा या फिर सेटिंग का बड़ा खेल चल रहा है।
दूसरे ठेकेदार को ठेका नहीं दिये जाने के पीछे भ्रष्टाचार का बड़ा खेल का इशारा कर रहा है। फिलहाल वर्तमान में जो दैनिक वेतन पर सफाई करने वाले कर्मचारियों को ई-निवादा के हिसाब से पीएफ आदि काटकर 10 हजार रुपये में से 950 रुपये प्रति माह मिलते थे। भारत सरकार की नई गाइड लाइन के अनुसार अब दैनिक वेतन सफाई कर्मचारी को 14 हजार 675 रुपये प्रति माह दिया जायेगा। साथ ही जो पहले पीएफ खाते के लिये 500 रुपये सफाई कर्मचारी व 500 निगम के द्वारा जमा करने पड़ते थे, लेकिन अब पूरा पीएफ के लिये जो पैसा निगम को ही जमा होगा।
उसका संपूर्ण भुगतान निगम को ही करना होगा, जिसके चलते प्रत्येक सफाई कर्मचारी को नई कंपनी एवं ठेकेदार के अंडर में कार्य करने पर 2275 रुपये प्रतिमाह का फायदा होगा, लेकिन निगम को नया ठेकेदार नहीं मिलने के कारण दैनिक वेतन पर कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
नगर निगम के द्वारा 31 मार्च 2018 में 2215 सफाई कर्मचारी स्वच्छता मित्र के रूप में रखे गये थे। जिसमें उनका मानदेय दैनिक वेतन के हिसाब से 10 हजार रुपये प्रति माह रखा गया था। इन 2215 सफाई कर्मचारियों को राधाकृष्ण एवं कार्तिकेय फर्म, कंपनी को दो वर्ष के लिये ढाई प्रतिशत कमीशन के हिसाब से निगम के द्वारा अनुबंध किया गया था। जिसमें प्रत्येक सफाई कर्मचारी को 10 हजार रुपये प्रति माह वेतन पर रखा गया था।
जिसमें 10 हजार रुपये में से जो पीएफ बैंक में जमा होता था। उसमें आधा रुपया निगम व आधा रुपया सफाई कर्मचारी को जमा करना होता था। जिसमें 10 हजार रुपये में से 500 रुपये प्रतिमाह कटने के बाद उसके खाते में 9500 रुपये जाते हैं, लेकिन दो वर्ष के लिये छोड़ा गया दोनों फर्म को टेंडर लगातार जारी है। जबकि टेंडर प्रक्रिया काफी समय पूर्व पूर्ण हो चुकी है।
इस अनुबंध में पहले सफाई कर्मचारी को अपना बिल ड्यूटी हाजिरी के रूप में कंपनी के ठेकेदार के पास जमा करना होता था। उसके बाद उनका पेमेंट उनके खातों में भेजा जाता है, लेकिन अब जो नई स्कीम भारत सरकार की तरफ से शुरू की गई है। उसमें प्रत्येक सफाई कर्मचारी को 2275 रुपये प्रति माह का फायदा होने जा रहा है, लेकिन दोबारा से ठेका नहीं छोडेÞ जाने के कारण इस योजना का लाभ सफाई कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है।
जिसके चलते उन्हे 10 हजार रुपये की जगह अब प्रतिमाह 14 हजार 675 रुपये मिला करेंगे। साथ ही जो पीएफ बैंक में निगम व सफाई कर्मचारी को आधा-आधा जमा करना पडता था। वह पूरा पैसा अब निगम को जमा करना होगा। वहीं, दूसरी ओर पहले स्वच्छता मित्र को ठेकेदार के पास बिल दैनिक ड्यूटी के रूप में लगाना पड़ता था। जब उसका पेमेंट होता था, लेकिन नई स्कीम में अब ठेकेदार को कर्मचारियों का वेतन माह के प्रथम सस्ताह के अंदर हर हाल में करना होगा।
उसके बाद उसका पेमेंट जारी किया जायेगा। पहले निगम से ठेकेदार पैसा लेने के बाद उसी पैसे को बाद में सफाई कर्मचारी देता था, यानि इधर से आया उधर जमा कर दिया। बीच का कमीशन उसे प्राप्त हो जाता था, लेकिन अब उसे पहले कर्मचारियों को वेतन देना होगा फिर उसे निगम से भुगतान मिलेगा, लेकिन निगम के द्वारा यह स्कीम कैसे लागू की जाये जब दूसरी फर्म या कंपनी को ठेका छोड़ा ही नहीं।
नगर निगम के द्वारा दो वर्ष के लिये राधाकृष्ण एवं कार्तिकेय को 2215 सफाई कर्मचारियों को रखने के लिये अनुबंध किया था। प्रत्येक सफाई कर्मचारी को 10 हजार रुपये के हिसाब से रखा गया था। 500 रुपये प्रतिमाह पीएफ के खाते में कटने के बाद उसे 9500 रुपये मिलते थे। वहीं, जो सफाई कर्मचारी का पैसा कटता था। उसमें आधा पैसा पीएफ खाते में निगम को डालना पड़ता था, लेकिन भारत सरकार की जो ई-निविदा योजना लागू की गई थी। अब उसे बदलकर जैम पोर्टल कर दिया गया है। जिसमें अब सफाई कर्मचारी को प्रतिमाह 14675 रुपये मिलेंगे। वहीं, पीएफ का पूरा पैसा निगम को जमा करना होगा। वहीं, प्रत्येक माह एक सफाई कर्मचारी को 2275 रुपये बढ़ोत्तरी के रूप में मिला करेंगे, लेकिन नगर निगम में अभी यह शुरू इसलिये नहीं की गई कि नई कंपनी के ठेकेदार को ठेका नहीं छोड़ा जा सका।
एक बार ठेका छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की थे, लेकिन सिंगल फार्म एक ही ठेकेदार का आ सका था। अब दोबारा से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जायेगी, ताकि दो तीन ठेकेदार के फार्म आ जायें तो ठेका छोड़ दिया जायेगा। जिसके बाद दैनिक वेतन सफाई कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकेगा। उधर, पहले ठेकेदार को 2.5 प्रतिशत अब तक, लेकिन आगामी नियम के अनुसार 4.5 प्रतिशत का कमीशन रखा गया है। -डा. हरपाल सिंह, प्रभारी चिकित्सा एवं पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग नगर निगम