Tuesday, July 9, 2024
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संघर्ष से कमाए विकास की तस्वीर बयान करता है वार्ड-29

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वार्ड-29: पार्षद का रिपोर्ट कार्ड

  • कभी हड़ताल तो कभी आत्मदाह के प्रयास के कारण चर्चाओं में रहे पार्षद पवन चौधरी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: वार्ड-29 सुभाषनगर ऐसा क्षेत्र है, जहां के पार्षद पवन चौधरी जनसमस्याओं को लेकर किए जाने वाले संघर्ष के चलते अकसर चर्चाओं में रहते रहे हैं। कभी उन्होंने भूख हड़ताल की है, तो कभी खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आत्मदाह तक का प्रयास किया है। कुछ दिन पहले नाले की दीवार के निर्माण की मांग को लेकर वे खुद नाले में कूदकर चर्चाओं में आए। हालांकि उनका कहना है कि ऐसा उन्होंने कार में डूृब रहे युवक को बचाने के लिए किया था।

हापुड़ रोड पर गुलमर्ग सिनेमा के सामने से एक रोड सुभाषनगर होते हुए कचहरी तक पहुंचता है। इसी रोड पर सुभाषनगर वार्ड-29 स्थित है। वार्ड वासी एडवोकेट बीएस राणा, रजनीश बसोर, हरीश गोयल, अशोक अग्रवाल आदि से वार्ड के संबंध में बात की गई, ज्यादातर ने यही कहा कि पार्षद पवन चौधरी संघर्ष करते रहते हैं, जिसका नतीजा यह है कि साफ-सफाई और वार्ड की गलियों की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है।

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अलबत्ता कुछ स्थानों पर घरों से निकलने वाले कूड़े को उठाने की व्यवस्था जैसी होनी चाहिए, वैसे नहीं हो पाई है। वार्ड के लोग बताते हैं कि सप्ताह में एक या दो बार ही ठेला लेकर यहां कर्मचारी पहुंचते हैं। अंदरूनी गलियों की यह विकट स्थिति लोगों की परेशानी का कारण बनती है।

हालांकि पार्षद के प्रयास से वार्ड की प्रतिदिन होने वाली सफाई के साथ-साथ एक साप्ताहिक अभियान भी चलाया जाता है। जिसमें अधिक से अधिक कर्मचारियों को उपलब्ध कराते हुए वार्ड वासियों को संतुष्ट करने का प्रयास किया जाता है। वार्ड में अभी तक सीवर लाइन बिछाने का काम नहीं हो सका है, जिसके बारे में बताया गया कि यह काम दूसरे चरण में प्रस्तावित है।

गली नंबर एक से होकर गुजरने वाले नाले की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके दोनों ओर कई-कई मंजिला मकान बन चुके हैं। ऐसे में नाले की सफाई का काम कराने के लिए न कोई मशीन काम आ पाती है, और न ही नाले में सफाईकर्मियों को उतारकर सफाई का काम कराना आसान हो पाता है। यहां सबसे विकट स्थिति यह है कि मोहल्ले वालों ने अतिक्रमण कर रखा है। यह अतिक्रमण खाली कराना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है।

ऐसे में नाला हर समय चोक रहने के कारण कई मोहल्लों की गंदगी और कूड़ा-करकट से नाला अटा रहता है। पार्षद का कहना है कि इसके लिए लोगों को समझा-बुझाकर जल निकासी के लिए पाइप लाइन बिछाने का उनका प्रयास और प्रस्ताव है। जिसमें जगह-जगह सफाई के लिए होल बनाए जा सकते हैं। वार्ड-29 के मोहनपुरी वाले छोर पर एक बड़ा नाला बहता है, जिसकी दीवारें कई जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।

कुछ अरसा पहले बरसात के दौरान इस नाले में एक युवक कार समेत गिर गया था। जिसको बचाने के लिए पार्षद पवन चौधरी स्वयं नाले में कूद गए थे। काफी हाईलाइट हुए इस प्रकरण में नगर निगम के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर कार को निकलवाया था। और अस्थायी रूप से नाले की बेरिकेडिंग कराई थी। तब से इस नाले की दीवारों को बनाए जाने की मांग लगातार की जाती रही है। वार्ड-29 की एक प्रमुख समस्या यहां की जर्जर विद्युत लाइन है। मुख्य सड़क से लेकर गलियों तक में बिजली के केबल झूलते हुए देखे जा सकते हैं।

पार्षद का कथन

वार्ड-29 के पार्षद पवन चौधरी का कहना है कि उन्होंने इस क्षेत्र में करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत से काम कराए हैं। गली नम्बर एक के नाले की सफाई का काम करीब 28 साल से नहीं हो पाया था। जिसके लिए उन्होंने भूख हड़ताल की और अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़ककर आत्मदाह करने की कोशिश की। जब कहीं जाकर नगर निगम के अधिकारियों ने इस दिशा में प्रयास किए और नाले की सफाई के लिए एक दीवार को तोड़कर जेसीबी मशीन को नाले के अंदर उतारकर काम किया जा सका।

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सुभाष नगर मुख्य बाजार से मोहल्ले की ओर आने वाले तिराहे पर अतिक्रमण हटवा कर यहां पुलिस चौकी का निर्माण कराया गया। गली नंबर सात, आठ और 10 के सामने पड़ने वाले कूड़े के ढेर हटवाकर वहां पौधरोपण कराते हुए सौंदर्यीकरण का प्रयास किया गया है। सुभाष नगर गली नंबर 11 मोहनपुरी के जिस नाले में एक गाड़ी गिरने की घटना हुई थी, उसकी दीवार बनाने का टेंडर हो चुका है। इसके अलावा करीब 80 लाख रुपये के काम स्वीकृत कराकर टेंडर कराए गए हैं।

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