- मेरठ साउथ स्टेशन तक ट्रायल रन सफल
- प्रायोरिटी सेक्शन के उद्घाटन के 80 दिन बाद मेरठ पहुंची रैपिड
- 25 किमी का है मेरठ साउथ तक का अतिरिक्त खंड
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शुक्रवार को मेरठ वासियों की उम्मीदों को उस समय पंख लग गए जब रैपिड (नमो भारत) ट्रेन ने मेरठ में दस्तक दे दी। प्राथमिक खंड पर उद्घाटन के 80 दिनों बाद मेरठ साउथ तक के 25 किलोमीटर लंबे इस अतिरिक्त खंड पर रैपिड का ट्रायल रन शुरू हो गया। ये ट्रायल रन दुहाई डिपो से मोदीनगर होते हुए मेरठ साउथ स्टेशन तक किया गया। एनसीआरटीसी के लिए यह इस वर्ष की दूसरी बड़ी उपलब्धि है।
इससे पूर्व 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिक खंड पर रैपिड के संचालन का उद्घाटन किया गया था। यह दूसरा महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जिसे एनसीआरटीसी ने पर किया है। इस तरह अब जल्दी ही दिल्ली मेरठ कॉरिडोर के 82 किलोमीटर लंबे सेक्शन पर रैपिड संचालन का कवरिंग एरिया 42 किलोमीटर तक हो जाएगा। एनसीआरटीसी प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि शुक्रवार को मेरठ साउथ स्टेशन तक ट्रायल रन शुरू करने से पहले ओवरहेड उपकरण (ओएचई) को मुराद नगर रिसीविंग सब स्टेशन(आरएसएस) से चार्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन जो पहले मोदीनगर साउथ स्टेशन तक चार्ज होता था उसे अब मेरठ साउथ स्टेशन तक बढ़ा दिया गया है। मोदीनगर साउथ स्टेशन तक रैपिड का ट्रायल पहले से ही चल रहा था। रैपिड प्रशासन के अनुसार मेरठ तक ट्रायल रन के दौरान नमो भारत ट्रेनों की सभी उप प्रणालियों और उपकरणों की फिटनेस का आंकलन करने के लिए परीक्षण जारी रहेगा। इस चरण में ट्रेन को धीरे-धीरे पूरी लंबाई में अलग-अलग गति से चलाया जाएगा। शुरू में ट्रेन नियंत्रण प्रबंधन प्रणाली के तहत मैन्युअल संचालन किया जाएगा
और जैसे-जैसे प्रक्रिया आगे बढ़ेगी ट्रेन के एकीकृत प्रदर्शन का मूल्यांकन करने और सिग्नलिंग, प्लेटफार्म, स्क्रीन दरवाजे (पीएसडी) और ओवरहेड आपूर्ति प्रणाली जैसी विभिन्न उपप्रणालियों के साथ इसके समन्वय को सत्यापित करने के लिए ट्रायल किए जाएंगे। दुहाई और मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन के बीच 25 किमी का हिस्सा आरआरटीएस कॉरिडोर का अगला खंड है जिसे प्रायोरिटी सेक्शन के बाद जनता के लिए चालू किया जाना है। इस खंड में कुल 4 स्टेशन मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नॉर्थ और मेरठ साउथ शामिल हैं।
जून में अंतिम स्पैन की स्थापना के साथ मेरठ साउथ तक वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो गया था। इसके बाद इस खंड में ट्रैक बिछाने, ओएचई स्थापना, सिग्नलिंग और टेलीकॉम और इलेक्ट्रिकल सहित विभिन्न निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अब इस बात की पूरी उम्मीद है कि मार्च 2024 तक इस अतिरिक्त क्षेत्र पर रैपिड का संचालन सुचारु हो जाएगा।
बढ़ने लगी दरारों की चौड़ाई, लोग परेशान
मेरठ: रैपिड व मेट्रो ट्रेन के लिए हुई सुरंगों की खुदाई के दौरान जहां विभिन्न इमारतों में दरारें पड़ने के बाद उन्हें एनसीआरटीसी ने भरवा दिया था वहीं अब यह दरारें फिर से रैपिड प्रशासन के गले की फांस बन रही हैं। पूर्व में भरी गई दरारों के फिर से फटने का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। लोगों ने आरोप लगाया है कि रैपिड प्रशासन से वो कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
शुक्रवार को बेगमपुल स्थित कल्याण ज्वैलर्स के पास प्रेम सिंह नामक व्यक्ति के मकान में दरारों की चौड़ाई और बढ़ गई। इसके बाद परिवार में दहशत है। प्रेम सिंह सिविल डिफेंस में कार्यरत् रह चुके हैं तथा भाजपा में भी पदाधिकारी हैं। उनका कहना है कि इस समय उनके मकान के जीने से लेकर छत व फर्श में दरारें हैं। उन्होंने बताया कि हांलाकि यह दरारें पूर्व में जब आई थीं तब एनसीआरटीसी की टीम ने इन्हे देखने के बाद भर दिया था, लेकिन कुछ काम छूट गया था
जिस पर टीम ने कहा था कि वो जल्द ही बाकी मरम्मत के काम को पूरा कर देंगे लकिन प्रेम सिंह के अनुसार टीम ने फिर दोबारा इधर का रूख ही नहीं किया जिस कारण पूर्व में आर्इं दरारों का दायरा बढ़ गया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की समस्या लगभग एक दर्जन घरों में थीं। उन्होंने बताया कि एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने उनसे फोटो वगैरह मंगवाए
और उन्होंने रैपिड अधिकारियों से मिलकर खुद भी दरारें भरवाने की मांग की लेकिन आज तक भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अब दरारों की चौड़ाई बढ़ने से परिवार वाले दहशत में हैं। प्रेम सिंह ने रैपिड प्रशासन से मांग की है कि वे शीघ्र ही अपनी टीम क्षेत्र में भेजें और उन्हें इस समस्या से निजात दिलाएं।