Sunday, August 3, 2025
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सरकारी भ्रष्टाचार पर कब चलेगा बुलडोजर: नकुल दुबे

  • घर से बाहर निकलने पर लड़कियों को सुरक्षा का भय बना रहता है- कांग्रेस
  • वादे के अनुसार 2022 में किसान को लागत का दोगुना नहीं दे पायी भाजपा की डबल इंजन सरकार

जनवाणी ब्यूरो |

लखनऊ: आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे ने शुरूआत करते हुए कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को शुभकामना देते हुए कहा कि जिस तरह से यात्रा को जन समर्थन प्राप्त हो रहा है उससे निश्चित ही कांग्रेस पार्टी को सफलता प्राप्त होगी। यात्रा का उद्देश्य जन जन तक पहुंच सके तथा कुशलता के साथ यात्रा का समापन हो मैं ऐसी प्रार्थना करता हूं।

उन्होंने उत्तर प्रदेश में व्याप्त सरकारी भ्रष्टाचार पर चिन्ता जाहिर करते हुए योगी सरकार से सवाल किया कि आखिर सरकारी भ्रष्टाचार पर कब चलेगा बुलडोजर? कुम्भ घोटाला, अयोध्या जमीन घोटाला, पशुधन घोटाला, डी0एच0एफ0एल0 घोटला, स्मार्ट मीटर घोटाला, सहकारिता विभाग घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, इंवेस्टर समिट आयोजन घोटाला, रोजगार परीक्षा आयोजन घोटाला इत्यादि मामलों में जितनी भी जांचे की गयी, सब अधूरी हैं, किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। मुख्य आरोपी खुले घूम रहे हैं मगर उनके घरों पर योगी जी का बुलडोजर नहीं चलता।

श्री दुबे ने आगे कहा कि प्रदेश में जंगलराज कायम हो चुका है। आए दिन महिलाओं, किशोरियों पर अत्याचार की घटनायें योगी सरकार की महिला सुरक्षा नीति की पोल खोल रही हैं। एक सर्वे के मुताबिक यूपी में प्रतिदिन 12 रेप की घटनायें घट रही हैं जिसे देखकर यह लगता है कि अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो चुका है। प्रदेश में जीरो टालरेन्स पर क्राइम का दावा करने वाली योगी सरकार विफल साबित हो चुकी है। शहरों में लूट चोरी की घटनायें बढ़ गयी हैं। ज्यादातर घटनाओं में युवा शामिल हैं और प्रतीत होता है कि अशिक्षा और बेरोजगारी इसकी मुख्य वजह है।

दुबे ने प्रदेश के किसानों की हालत पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि आज देश में किसानों की स्थिति दयनीय हो गयी है। मोदी जी ने कहा था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगनी हो जायेगी मगर उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनने के बावजूद न तो किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिला पा रहा है और ना ही खाद उपलब्ध करा पा रही है सरकार। किसनों के सामने बड़ी समस्या सिंचाई की भी है बिजली के दामों में बेतहाशा बढोत्तरी हो गयी है। लागत न मिलने की वजह से किसान आत्महत्या को मजबूर हैं। राजधानी लखनऊ भी इससे अछूती नहीं है।

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