- अरसे से नहीं एचओडी, आर्थो के डा. ज्ञानेश्वर पर है एमडी सीट वाले जिम्मेदारी
- मेडिकल का मेटाबॉलिक विभाग भी नहीं पुरसा हाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एलएलआरएम मेडिकल के रेडियोलॉजी विभाग को पूर्णकालिक एचओडी को लेकर इंतजार फिलहाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। डा. यासमीन के जाने के बाद से इस विभाग को एक पूर्णकालिक एचओडी का बेसब्री से इंतजार है। चिकित्सकीय और खासतौर से डाक्टरी की पढ़ाई के नजरिये से रेडियोलॉजी विभाग मेडिकल का बेहद महत्वपूर्ण विभाग है।
रेडियोलॉजी में एमडी का होना बड़ी काबलियत मानी जाती है। लेकिन एलएलआरएम के रेडियोलाजी विभाग की यदि बात की जाए तो यह बगैर एचओडी के संचालित किया जा रहा है। इसके खुद के एचओडी न होने की वजह से फिलहाल जिम्मेदारी आर्थो के डा. ज्ञानेश्वर टॉक के पास है। दअरसल इस विभाग का जिम्मा पहले डा. यासमीन के पास था। जब तक डा. यासमीन यहां रही तब तक सब ठीक चलता रहा।
लेकिन शासन द्वारा डा. यासमीन को सहारनपुर मेडिकल शिफ्ट कर दिए जाने की वजह से रेडियोलॉजी की पढाई करने वाले मेडिकल के स्टूडेंट के लिए मुश्किलों को दौर शुरू हो गया। बाद में व्यवस्था की गयी कि डा. यासमीन तीन दिन मेरठ एलएलआरएम और तीन दिन सहारनपुर मेडिकल कालेज में काम देखेंगी, लेकिन यह व्यवस्था अव्यवहारिक रही, डा. यासमीन इस व्यवस्था के लागू होने के बाद न तो मेरठ एलएलआरएम मे ही ठीक से काम देख सकीं और न ही सहारनपुर मेडिकल को पूरा वक्त दे सकीं।
अब उन्होंने पूरी तरह से हाथ खीेंच लिया है। हालांकि जो रेडियोलॉजी की पढाई करने वाले स्टूडेंट के लिए उन्होंने अपने घर के दरबाजे कभी बंद नहीं किए। स्टूडेंट उनके घर पर ही जाते हैं और जो भी अधिक से अधिक समय संभव होता डा. यासमीन इन स्टूडेंट को देती हैं उनकी समस्याओं का निराकरण करती हैं। डा. यासमीन से पहल की यदि बात की जाए तो उनसे पूर्व एलएलआरएम के रेडियोलॉजी विभाग की जिम्मेदारी डा. संगीता अनेजा के कंधों पर थी।
उनके रहते हुए भी डा. यसमीन की तर्ज पर सब कुछ बहुत अच्छा चलता रहा। लेकिन उन्हें सहारनपुर मेडिकल का प्राचार्य बनाकर भेज दिया गया। लेकिन सहानपुर में वह लंबे वक्त नहीं रूक सकीं। वहां से उन्हें अंबेडकर मेडिकल कालेज नोएडा बतौर डायरेक्टर शिफ्ट कर दिया गया। वहां से कुछ समय बाद उन्हें फिरोजबाद मेडिकल कालेज प्राचार्य बनाकर भेज दिया गया। वहां का अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा।
उन्हें अटेच कर दिया गया। बाद मेें लंबे इंतजार के बाद दोबारा सहानपुर मेडिकल बतौर प्राचार्य भेज दिया गया। वहीं दूसरी ओर एलएलआरएम मेडिकल की यदि बात की जाए तो प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता की ओर से रेडीयोलॉजिस्ट के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वह अनेक बार शासन को पत्र भी भेज चुके हैं। उन्होंने बताया कि उम्मीद है कि शीघ्र ही शासन से कोई व्यस्था करा दी जाएगी।