Thursday, April 24, 2025
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माल रोड का कहां खो गया वैभव?

  • नहीं फव्वारे चलते हैं और न ही जलती है स्ट्रीट लाइट

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेरठ कैंट की माल रोड का वैभव आखिर कहां खो गया हैं? कभी इस माल रोड के दूर-दूर तक चर्चे हुआ करते थे। सड़क और ग्रीन बेल्ट का उदाहरण दिया जाता था। कुछ लोग तो अपने रिश्तेदारों को मॉल रोड का वैभव दिखाने के लिए घुमाने के लिए ले आते थे। माल रोड का वैभव ही था कई फव्वारे चलते थे।

स्ट्रीट लाइट भी जल्दी थी, लेकिन वर्तमान में माल रोड की हालत यह हो गई है कि सड़क भी मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। लोहे की एंगल भी क्षतिग्रस्त हैं, जो दुर्घटना का कारण भी बन सकती हैं। इसकी तस्वीर ‘जनवाणी’ फोटो जर्नलिस्ट ने कैमरे में कैद कर ली। कई और भी ऐसी तस्वीरों को कैमरे में कैद कर लिया, जो माल रोड की दुर्दशा को कहानी बता रही है।

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माल रोड की दुर्दशा को कोई देखने वाला कैंट में लगता है अधिकारी नहीं है। यह हाल उस माल लोड का है, जिसका लोग उदाहरण दिया करते थे। उसके सौंदर्यीकरण का जवाब नहीं था, लेकिन वर्तमान में सिर्फ नाम ही माल रोड बाकी हैं। सड़क टूटी हुई है तो उसकी मरम्मत की गई है। नए सिरे से उसे लंबे समय से नहीं बनाया गया। फुटपाथ भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है।

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सड़क के दोनों ओर ग्रीन बेल्ट तो है, लेकिन ग्रीन बेल्ट में घास या फुलवारी की कोई व्यवस्था नहीं है। नाम के लिए ग्रीन बेल्ट है, जिस तरह से ग्रीन बेल्ट पहले कभी हुआ करती थी, वह दौर अब दिखाई नहीं देता। माल रोड पर बस और ट्रैक्टरों का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित था, लेकिन अब हालात विपरीत है तो यहां से बसों और ट्रैक्टरों का भी खूब आवागमन हो रहा है।

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माल रोड से जैसे ही मवाना रोड पर एंट्री होती है वह सड़क भी खराब पड़ी है। आखिर क्या सुधर पाएगी माल रोड और पुराने वैभव वाले दिन क्या फिर लौटेंगे माल रोड के? यह बड़ा सवाल है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों को माल रोड को लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए । जो शहर के लिए शॉन हुआ करती थी, उसे खत्म हुए देखते है तो बहुत दु:ख होता हैं जनता को।

इसके दोनों और जो ग्रीन बेल्ट बनाई गई है वास्तव में उसे ग्रीन बेल्ट के रूप में ही डेवलप करना चाहिए, जो फव्वारे बंद पड़े हैं कम से कम उन्हें तो संचालित करें। स्ट्रीट लाइट माल रोड के दोनों किनारों पर जब रात में जलती थी तो अलग ही वैभव दिखता था। लोग घूमते थे रोशनी में। फैमिली के साथ, अब वैसा कुछ भी नहीं हैं। स्ट्रीट लाइट को चालू कराने की दिशा में कदम उठाये जाने चाहिए।

पुरानी स्ट्रीट लाइटों को कम से कम ठीक कराया जा सकता हैं, यहां तो उन्हें भी ठीक नहीं किया जा रहा। इसमें कैंट बोर्ड के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही झलक रही हैं। स्ट्रीट लाइट जिस कंपनी या ठेकेदार ने लगायी है, उसके साथ लिखित अनुबंध किया जाता हैं। बार-बार स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने की ठेकेदार की ही जिम्मेदारी होती हैं, लेकिन यहां तो ऐसा नहीं लग रहा है कि ठेकेदार से बार-बार काम लिया जा रहा हैं।

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अधिकारियों को जिम्मेदारी का आखिर निर्वाहन करना होगा, तभी कुछ माल रोड का वैभव पटरी पर लौटता दिखाई देगा। इसमें समाज सेवियों को भी पहल करने की आवश्यकता हैं। शहर के लोग भी कैंट की इसी सड़क पर घूमने के लिए आते थे। हो सकता है सुबह व शाम को टहलते हो, मगर सुविधाओं की तरफ उनका भी ध्यान नहीं हैं। कम से कम अधिकारियों से मिलकर समस्या का समाधान कराना चाहिए।

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