जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का संशय खत्म हो गया है। जिसके बाद देवेन्द्र फडणवीस तीसरी बाद सीएम बन गए हैं। लेकिन अब ईवीएम को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। इस विरोध का प्रतीक मरकाडवाड़ी गांव बन गया है। जहां आज रविार को शरद पवार और उनकी पार्टी के नेता मरकाडवाड़ी गांव पहुंचे और ईवीएम विरोधी के कार्यक्रम में शामिल हए। इस दौरान इस दौरान शरद पवार ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए मांग की कि पश्चिमी देशों में भी बैलेट पेपर से चुनाव हो रहे हैं तो भारत में भी बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने चाहिए।
क्या बोले जितेंद्र अव्हाड़ ?
इस दौरान, शरद पवार की पार्टी के नेता जितेंद्र अव्हाड़ भी इस ईवीएम विरोधी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘हम मरकाडवाड़ी गांव के लोगों से कुछ नहीं कह रहे हैं और यह पूरा कार्यक्रम गांव के लोगों ने आयोजित किया, लेकिन सवाल ये है कि अगर आपको लोकतंत्र पर विश्वास है तो लोगों को क्यों रोका जा रहा है? अगर आम आदमी अपने पैसों से कुछ करना चाहता है तो फिर उसमें हस्तक्षेप करने और उन्हें गिरफ्तार करने की क्या जरूरत है? आप इतना क्यों डरे हुए हैं?’
मरकाडवाड़ी और ईवीएम का क्या है मामला?
दरअसल महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की मालशिरास विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले गांव मरकाडवाड़ी के लोगों ने ईवीएम पर शंका जाहिर की थी और बैलेट पेपर से फिर से चुनाव कराने की मांग की थी। ग्रामीणों ने तीन दिसंबर को पुनर्मतदान की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन प्रशासन की सख्ती के बाद ग्रामीणों ने अपना फैसला टाल दिया था।
गांव वालों का दावा है कि मालशिरस सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार के विजेता उम्मीदवार उत्तम जानकर को मरकाडवाड़ी गांव में अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार राम सतपुते के मुकाबले 80 फीसदी से अधिक वोट मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि ईवीएम के मतदान के अनुसार जानकर को 1,003 वोट मिले, जबकि सतपुते को उनसे कुछ ही कम 843 मत मिले। उन्होंने दावा किया कि सतपुते को उनके गांव से 100-150 से अधिक वोट नहीं मिले होंगे।