- दिल्ली और सदर पुलिस का तड़के कबाड़ी गद्दू की ठिकाने पर दबिश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: देश और दुनिया में चोरी की गाड़ियां ठिकाने लगाने के लिए बदनाम मेरठ के सदर थाने का सोतीगंज बाजार भले पुलिस ने बंद करा दिया हो, लेकिन आज भी देश में जब भी कहीं गाड़ी चोरी होती है तो उस राज्य या शहर की पुलिस गाड़ी तलाश में आज भी सोतीगंज ही आती है। ऐसा ही कुछ रविवार तड़के करीब तीन बजे हुआ। सुनने में आया है कि दिल्ली के रोहिणी इलाके में पुलिस कि किसी बड़े अफसर की कोई प्राइवेट गाड़ी चोरी हो गयी है। उस गाड़ी की तलाश में रोहिणी से तीन प्राइवेट गाडियों में भरकर पुलिस वाले मेरठ के सदर बाजार थाना पर पहुंचे।
वहां मौजूद पुलिस वालों को पूरा माजरा बताया गया और चोरी गाड़ियों के लिए बदनाम कबाड़ियों के यहां सर्च का आग्रह किया गया। बताया गया है कि जिस अफसर की गाड़ी चोरी हुई उससे भी थाने में मौजूद पुलिस अधिकारी की बात करायी। उसके बाद सदर थाने की जीप आगे चली और दिल्ली के रोहिणी से तीन गाड़ियों में लद कर पहुंचे पुलिस वालों की गाड़ियां पीछे-पीछे चलीं। मेरठ व दिल्ली पुलिस का यह सारा अमला सोतीगंज के बदनाम कबाड़ी गद्दू के ढिकाने पर जा पहुंचा।
यह बात अलग है कि यहां ढाई से तीन घंटे तक वक्त जाया करने के बावजूद पुलिस का यह बड़ा अमला खाली हाथ लौट गया। यह पहला मौका नहीं है जब सोतीगंज में चोरी की गाड़ियों को खपाने के लिए बदनाम किसी कबाड़ी के यहां दबिश दी गयी है। इस साल में अब तक करीब तीन दर्जन बार बाहरी पुलिस दबिशें दे चुकी हैं। केवल सोतीगंज ही नहीं थाना देहलीगेट के जलीकोठी में भी ऐसे ही कबाड़ी जिनके तार सोतीगंज से जुडेÞ हैं उनके यहां भी दबिशें दी जा चुकी हैं।
पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में लगा दिए 12 दिन
जानलेवा हमले की एफआईआर दर्ज करने में मेडिकल पुलिस ने पूरे 12 दिन लगा दिए। मेडिकल क्षेत्र में एक फ्लैट में घुसकर हथियारों से लैस हमलावरों ने एक अधिवक्ता के बेटे पर जानलेवा हमला कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने आज तीन हमलावरों के खिलाफ आखिरकार मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया। रंजिश के चलते यह हमला किया गया था। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। मूलरूप से करनावल निवासी विदवेश दिल्ली में नौकरी कर रहे थे।
कुछ समय पहले वह नौकरी छोड़कर लौट आए और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गये। विदवेश ने सीसीएसयू से पढ़ाई की थी, इसलिए पिछले दिनों वह यहां रहकर पढ़ाई कर रहे दोस्तों से मिलने आ गये। 1 मई की रात वह जागृति विहार में रह रहे दोस्त हिमांशु देशवाल के कमरे पर रुके। इस दौरान कुछ युवकों ने फ्लैट में घुसकर विदवेश पर हमला कर दिया। इस हमले में वह घायल हो गये। किसी तरह बचकर विदवेश ने अपनी जान बचाई और थाने आ गये।
हमलावरों की पहचान जानलेवा हमले के मामले में वांछित चल रहे विश्वजीत उर्फ बारू, सौरभ और चंदरजीत उर्फ दीपू के रूप में करते हुए तहरीर दे दी। पुलिस ने विदवेश को डाक्टरी के लिए भेज दिया। बताया जाता है कि कई दिन बाद भी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की, जिसके बाद पिता बृजपाल सिंह ने पुलिस से आकर बात की। उन्होंने बताया कि बेटे को आरोपी फोन पर धमकी दे रहे हैं। इसके बाद भी पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही है। एसओ सूर्यदीप बिश्नोई ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।