- कहा, नई पेंशन से चौपट होगा शिक्षकों का भविष्य
जनवाणी संवाददाता |
शामली: बृहस्पतिवार को नगर के माजरा रोड स्थित एक शिक्षक के आवास पर प्रेसवार्ता में वीरेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में शिक्षकों के समक्ष वेतन वितरण अधिनियम को बचाने की बड़ी चुनौती आ गई है, यदि भविष्य में शिक्षक एकजुट नहीं हुआ तो उन्हें पछताना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में अधिकांश कालेजों में पिछले 10 वर्षों से प्रधानाचार्य के पद रिक्त चल रहे हैं|
इनके स्थान पर कार्यवाहक प्रधानाचार्य दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं, लेकिन ऐसे प्रधानाचार्य को सेवानिवृत्ति के बाद प्रवक्ता पद के ग्रेड के हिसाब से पेंशन निर्धारित कर भुगतान किया जा रहा है, जो एक तरह से उनके साथ छलावा है।
शिक्षक नेता ने कहा कि वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षक भुखमरी के कगार पर हैं। कई बार मानदेय की घोषणा भी की जा चुकी है|
लेकिन सरकार हर बार मुकर जाती है। शिक्षकों से उनके कार्यों के निस्तारण में शिक्षा विभाग में खुलेआम लूट-खसोट की जा रही है। पेंशन स्वीकृत करने के लिए 15 से 20 प्रतिशत रिश्वत के रूप में मांगे जाते हैं।
पेंशन व जीपीएफ स्वीकृति के लिए ली जा रही रिश्वत पर उच्च अधिकारी मौन साधे हुए हैं। नई पेंशन से आच्छादित शिक्षकों का पैसा कंप्यूटर में प्रदर्शित नहीं हो रहा है।
इस अवसर पर मास्टर कंवरपाल सिंह, सतवीर सिंह, चौधरी प्रह्लाद सिंह, इंद्रपाल सिंह, मनोज, सुखपाल राणा आदि मौजूद थे।