- कही आरडीएक्स तो नहीं, धमाके से दहल गया था पूरा लोहिया नगर क्षेत्र
- बिहार के लोग विस्फोटक सामग्री का कर रहे इस्तेमाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोहिया नगर कालोनी एम पॉकेट को दहलाने वाली गोदाम में रखी विस्फोटक सामग्री आखिर कहां से लाई गई थी? कही ऐसा तो नहीं कि इस विस्फोटक सामग्री का कही अन्य स्थान पर इसका इस्तेमाल किया जाता। यह सवाल शहर के हर किसी शख्स के जहन में कौंध रहा है। हैरत की बात ये है कि गोदाम में रखी विस्फोटक सामग्री से जिस तरह का विस्फोट हुआ।
उस विस्फोट ने आसपास इतना कहर बरपाया कि कई घरों की छत तक उड़ गई। उसे देखकर यही अंदाजा लगाया जा रहा कि कहीं यह आरडीएक्स तो नहीं था। मौके पर पहुंची एटीएस ने भी हाईग्रेड के विस्फोटक सामग्री होने की बात कबूली है। चूंकि इस विस्फोट के तार बिहार से जुड़े हैं।
संजय गुप्ता की लोहिया नगर कालोनी की बिल्डिंग में मंगलवार की सुबह हुए धमाके बाद पांच लोगों की मौत और कई घायलों के होने के बाद कई सवाल पुलिस प्रशासन के लिए मुसीबत बने हैं। पुलिस प्रशासन का एफआईआर में यह दर्ज करना कि पटाखे जैसी कोई सामग्री नहीं बनाई जा रही थी। जबकि मौके पर मिले टॉय गन की गोलियां के हजारों प्लास्टिक बोरे और बम व विस्फोटक सामग्री अपने आपमें एक बड़ा जीता जागता सबूत काफी है।
जिसको झुठलाया नहीं जा सकता, लेकिन सवाल ये है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में ये विस्फोटक कहां से लाया गया। इस विस्फोटक सामग्री का सप्लायर्स कौन है। इतनी बड़ी मात्रा में इसका इस्तेमाल पटाखों के अलावा किसमें इस्तेमाल किया जाना था। लोगों का मानना है कि विस्फोट ने जिस तरह पूरी दो मंजिला बिल्डिंग को चंद सेकंड में जमींदोज कर दिया। उस दशा में यही प्रतीत होता है कि विस्फोट उच्च स्तर का था। इस तरह का विस्फोट सेना के हथियारों में देखने को मिलता है। कई टनों की मात्रा में इस विस्फोटक सामग्री को कैसे लाया गया।
जब यह सामग्री लाई जा रही थी तो पुलिस चेकिंग नहीं की गई। हैरत वाली बात ये है कि इस विस्फोट का प्रयोग करने के लिए विशेष तौर पर गोपनीय रुप से बिहार में कांटेक्ट कर प्रशिक्षित लोगों को शहर में बुलाकर लोहिया नगर में रखा गया था। बिहार के लोग अंदर ही अंदर गोदाम में आरडीएक्सनुमा विस्फोट सामग्री को कैसे इस्तेमाल कर रहे थे। इस बात का जवाब पुलिस प्रशासन के पास नहीं है। जबकि धमाके के बाद पूरी बिल्डिंग मलबे में तब्दील होने के पुख्ता प्रमाण काफी हैं।