Monday, July 1, 2024
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जानिये, महिलाएं कैसे पूरा करती हैं सबसे मुश्किल ये पांच व्रत ?

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फीचर डेस्क जनवाणी

हिंदू धर्म में व्रत का बहुत महत्व है, माना जाता है कि जिस कामना के लिए व्रत या उपवास किया जाता है उसे भगवान जरूर पूरी करते हैं।

महिलाएं तो सालभर में कोई ना कोई व्रत करती रहती हैं और इनमें से कुछ व्रत इतने कठिन हैं जिनको करना काफी मुश्किल होता है। लेकिन, ईश्वर की भक्ति और आस्था के आगे वो ये कठिन से कठिन व्रत भी पूरे कर लेती हैं।

व्रत के सभी नियम मानने के बाद भी वो पूरे जोश, खुशी और उल्लास के साथ ये व्रत करती हैं और इस कठिन समय को भी त्योहार के जैसा बना देती हैं। अपने संकल्प से वो पूरा व्रत करती हैं और पति, बच्चों और परिवार के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।

1- करवाचौथ

karva chouth

करवाचौथ का व्रत सबसे कठिन व्रत में से एक माना जाता है। करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से पहले ही चार बजे के बाद शुरु हो जाता है और रात को चांद के दर्शन के बाद ही व्रत को खोला जाता है। इस दिन महिलाएं खाना तो दूर पानी तक नहीं पीती और इसीलिए इस व्रत का कठिन व्रत माना जाता है। इस दिन के बारे में मान्यता है कि करवाचौथ के दिन अगर सुहागिन स्त्रियां उपवास रखें तो उनके पति की उम्र लंबी होती है और उनका जीवन सुखी रहता है। करवाचौथ के दिन महिलाएं शाम को शिव परिवार यानी शिव- पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं। सुहागिनें इस व्रत को बड़ी धूमधाम से मनाती हैं जिससे ये एक त्योहार जैसा बन जाता है। करवा चौथ का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।

2- हरतालिका तीज

Haritalika teez

सुहागिन महिलाओं के बीच हरितालिका तीज का व्रत की भी काफी मान्यता है और जो लोग करवाचौथ नहीं मनाती वो हरितालिका तीज मनाती हैं। इस दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाती है और महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। हरितालिका तीज का व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। कड़े नियमों को चलते इसे सबसे ज्यादा कठिन व्रत माना जाता है। हरतालिका तीज व्रत के दौरान महिलाएं बिना अन्न और जल ग्रहण किए 24 घंटे तक रहती हैं। इस व्रत का एक नियम ये भी है कि इस व्रत के दौरान रात में जागरण किया जाता है ताकि महिलाएं सोयें नहीं और अगले दिन शिव-पार्वती की पूजा करने बाद खाना खाया जाता है।

3- निर्जला एकादशी

Nirjala ekadshi

निर्जला एकादशी के बारे में कहा जाता है कि सिर्फ इस एक दिन व्रत करना पूरे साल की एकादशी के व्रत के समान है। इस दिन भी सूर्योदय के बाद और अगले दिन सूर्योदय तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करते और इसीलिए इस व्रत का नाम निर्जला एकादशी है। निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु पूजा की जाती है और माना जाता है कि इस व्रत को करने से लंबी उम्र के साथ सुख और समृद्धि भी मिलती है। ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी के रूप में मनाते हैं। भीषण गर्मी के मौसम में बिना पानी पिये 24 घंटे व्रत करना बड़ा मुश्किल पड़ता है और इसीलिए इस व्रत को भी हिंदू धर्म में एक कठिन व्रत माना जाता है।

4- छठ का व्रत

Chhath vrat

बिहार-झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ के व्रत की भी बहुत मान्यता है। इस दिन भगवान सूर्य व छठी देवी की पूजा की जाती है। इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं। इस दौरान वे पानी भी ग्रहण नहीं करते हैं। दिनभर के लिए अन्न या जल या अन्य भोजन या इन सबका त्याग करने का संकल्प व्रत कहलाता है। दिवाली के ठीक छह दिन बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की छठी तिथि से ये व्रत शुरु होता है। चार दिनों का यह व्रत भी कठिन व्रत माना जाता है। भगवान सूर्य के लिए 36 घंटों का निर्जला व्रत स्त्रियों इसलिए रखती हैं ताकि उनके सुहाग और बेटे की रक्षा हो सके।

5- नवरात्रि का व्रत

Navratri vrat

एक साल में दो बार नवरात्रि के व्रत आते हैं एक बार चैत्र के महीने में और दूसरी बार शारदीय नवरात्रि। देवी की उपासना करने वाले इन नौ दिन के व्रत को बड़े शौक से रखते हैं। नौ दिन तक चलने वाले इन व्रत में मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है। इन व्रत को करना इसलिए मुश्किल है कि ये पूरे नौ दिन चलते हैं। हालांकि व्रत करने वाले लोग अपनी भक्ति के अनुसार इस व्रत को करते हैं। कुछ लोग पूरे नौ दिन अन्न ग्रहण नहीं करते। कुछ लोग नौ दिन नमक नहीं खाते, तो कुछ लोग मीठे का त्याग करते हैं। कई लोग सिर्फ एक फल से भी पूरे नौ दिन व्रत करने का संकल्प लेते हैं।

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