- 1300 से ज्यादा सील, ज्यादातर को तोड़कर कर लिए निर्माण पूरे, होटल अल करीम की हुई किरकिरी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सिविल लाइन थाना क्षेत्र के नेहरू रोड पर मकान में होटल के अवैध निर्माण पर मेडा की सील पर एक्सईएन का असर भारी पड़ रहा है। इस होटल के गेट पर मेडा के प्रवर्तन दल ने सील लगा दी थी। इस सील पर अवैध होटल बनाने वालों ने हरे रंग का जालीदार कपड़ा डाल दिया है और भीतर बादस्तूर काम जारी है। लोगों ने बताया कि यहां पूरे दिन लेबर की आवाजाही लगी रहती है। भले ही सील लग गयी हो, लेकिन एक दिन भी काम रूका नहीं है। ऐसा नहीं कि मेडा के अफसर इस होटल की स्याह हकीमत से अंजान हैं। सब कुछ पता होते हुए भी सील लगाने वाले मेडा के अफसर यहां आकर झांकने की जहमत उठाने को तैयार नहीं। यहां बेरोकटोक काम जारी है।
मेडा अफसरों ने साधी चुप्पी
अवैध निर्माण के करीब 1300 प्रकरणों में मेडा के प्रवर्तन दल ने सील लगायी। दिल्ली रोड ईदगाह के समीप होटल अल करीम के निर्माण को अवैध बताकर वहां भी सील लगाई गई थी। जिस रोज होटल अल करीम का शुभारंभ होना था। उससे एक दिन पहले मेडा ने होटल तोड़ने का फरमान जारी कर दिया, लेकिन फरमान जारी करने वाले मेडा के अफसर अल करीम तक जाने का साहस नहीं जुटा सके। दरअसल, इस मामले में खेल कर दिया गया। बता दिया कि होटल संचालक खुद ही अवैध निर्माण गिरा देगा, लेकिन ऐसा करने के नाम पर केवल नोटंकी भर की गई।
होटल अलकरीम चालू है। इसके लेकर शासन में भी शिकायत की गयी है। आरटीआई एक्टिविस्ट वीके गुप्ता ने मामले की शासन में शिकायत की थी। आरोप है कि इसको लेकर उन्हें धमकियां भी दी गयीं। मामला शासन प्रशासन के संज्ञान में है, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इसको लेकर पूछे जाने वाले सवालों का उत्तर देने के बजाए मेडा अफसर सवालों से पीछा छुड़ाते नजर आते हैं।
सरकारी संपत्ति को नुकसान
अवैध होटल बनाने वालों ने नेहरू रोड के आबूनाले की पटरी भी तोड़ डाली। यहां पर जनरेटर रखने क लिए प्लेटफार्म बनाने की तैयारी कर ली थी। सरकारी जमीन पर बड़ा प्लेटफार्म बनकर तैयार हो गया था। जनवाणी ने इसको लेकर प्रमुखता से खबर छापी थी। उसके असर यह हुआ कि सरकारी जमीन पर प्लेटफार्म का अवैध निर्माण करने वालों ने खुद ही उसे तोड़ दिया। उसके बाद ही मेडा ने यहां सील लगायी थी, लेकिन आसपास के लोगों का आरोप है कि सील लगे होने के बाद भी भीतर काम चल रहा है।