दो छोटे लड़के घर से कुछ दूर खेल रहे थे। खेलने में वे इतने मस्त थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि वे भागते-भागते कब एक सुनसान जगह पहुंच गए। उस जगह एक पुराना कुंआ था और उनमें से एक लड़का गलती से उसमें जा गिरा। ‘बचाओ-बचाओ’, वह चीखने लगा। दूसरा लड़का एकदम से डर गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा। लेकिन उस सुनसान जगह कहां कोई मदद को आने वाला था। फिर लड़के ने देखा कि कुंए के करीब ही एक पुरानी बाल्टी और रस्सी पड़ी हुई है। उसने तेजी दिखाते हुए तुरंत रस्सी का एक सिरा वहां गड़े एक पत्थर से बांधा और दूसरा सिरा नीचे कुएं में फेंक दिया। कुएं में गिरे लड़के ने रस्सी पकड़ ली, अब वह अपनी पूरी ताकत से उसे बाहर खींचने लगा। अथक प्रयास के बाद वह उसे ऊपर तक खींच लाया और उसकी जान बचा ली। जब गांव में जाकर उन्होंने यह बात बताई तो किसी ने भी उन पर यकीन नहीं किया। एक आदमी बोला,‘तुम एक बाल्टी पानी तो निकाल नहीं सकते, इस बच्चे को कैसे बाहर खींच सकते हो, तुम झूठ बोल रहे हो।’ तभी एक बुजुर्ग बोला- ‘यह सही कह रहा हैं क्योंकि वहां पर इसके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था, और वहां इसे कोई यह कहने वाला नहीं था कि तुम ऐसा नहीं कर सकते।’ अधिकतर लोग इसलिए सफल नहीं हो पाते हैं कि वे ऐसे लोगों की बातों में आ जाते हैं जो न खुद कामयाब होते हैं और न इस बात में यकीन करते हैं कि दूसरे कामयाब हो सकते हैं। इसलिए अपने दिल की सुनें, आप सब कुछ कर सकते हैं जो आप करना चाहते हैं, आपको भगवान ने विशिष्ट शक्तियों के साथ पैदा किया है। अत: स्वयं पर संशय करना छोड़ें और सफलता की और बढ़ चलें।