- स्कूल-कालेज बंद, फिर भी बच्चों की सड़कों पर भागदौड़ बढ़ रही
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना वायरस ने रफ्तार पकड़ ली है और परिवारों को चपेट में लेना शुरू कर दिया है। एक बारगी संक्रमणों की संख्या बढ़ गई है और इसमें 20 बच्चे भी शामिल है।
कोरोना के कारण स्कूल और कालेज बंद है फिर भी बच्चे घर में रुकने के बजाय सड़कों पर घूम रहे हैं। संक्रमित होने वाले बच्चों में 15 साल से कम उम्र के लोग है।
जब 22 मार्च को कोरोना की दस्तक मेरठ में शुरू हुई थी तभी कह दिया गया था कि दस साल से कम उम्र के बच्चे और साठ साल से अधिक उम्र वाले जरूरत पड़ने पर ही घर से निकलें।
इस नियम का पालन तभी तक हुआ जब तक लॉकडाउन का सख्ती से पालन हुआ। जैसे ही अनलॉक शुरू हुआ कोरोना ने अपनी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी।
हालात यहां तक पहुंच गए कि 10 दिन के बच्चे से लेकर एक महीने के बच्चे भी संक्रमित होने लगे। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो अकेले अगस्त माह में ही 88 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं।
इनमें 10 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या ज्यादा है। रविवार को हुई टेस्टिंग में एत्मादपुर माछरा का हर्ष, अनुराग, शास्त्रीनगर ई ब्लॉक निवासी जय प्रताप त्यागी और निशिका त्यागी, माधवपुरम सेक्टर एक निवासी साहिल और राहुल, इंद्रा नगर ब्रह्मपुरी निवासी शालू गोयल, प्रगति नगर गली नंबर दो निवासी अभिनव और आदित्य, ज्वाला नगर निवासी चार साल की परी, दो साल का संदर्भ, होली चौक मलियाना निवासी तीन साल का शालोक, आठ साल की परिधि, आठ साल का रचित, दस साल का नियान, सैनिक विहार कालोनी की साढ़े तीन साल की हनी और शांतिनगर की आराध्या जैन कोरोना संक्रमित हो गई है।
इन बच्चों को कोरोना का संक्रमण या तो इनके मां-बाप के बाहर से संक्रमित होने से हुआ है या फिर बच्चे किसी तरह से बाहरी लोगों की चपेट में आए है।
बच्चों की संख्या लगातार बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग ज्यादा चिंतित हो गया है। जिस रफ्तार से कोरोना बढ़ रहा है उसको देखते हुए बच्चों को घर से बाहर जाने पर रोक लगाई जाए। जब सरकार ने स्कूल और कालेज बंद कर रखे है ऐसे में बच्चों का घर से बाहर निकलने का मतलब क्या है।