- बिजनौर व चांदपुर तहसील में 3800 हेक्टेयर जमीन में फैली थी हस्तिनापुर सेंचुरी
- अब सेंचुरी में मात्र 1500 हेक्टेयर जमीन राजस्व विभाग ने दर्शाई
- राजस्व विभाग का पुराना रिकार्ड भी गायब होने से सनसनी
बिजनौर ब्यूरो
35 वर्ष पूर्व स्थापित हुई हस्तिनापुर सेंचुरी की बिजनौर व चांदपुर तहसील में अरबों रुपये की करीब 2300 हेक्टेयर जमीन रिकार्ड में गायब हो गई। फोरेस्ट विभाग के रिकार्ड में यह जमीन करीब 3800 हेक्टेयर थी, लेकिन अब राजस्व विभाग से मिले रिकार्ड में मात्र 1500 हेक्टेयर जमीन दर्शाने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है।
डीएम ने भी इस मामले में एक जल्द ही एक मीटिंग बुलाकर रिकार्ड मैच कराने के दिशा-निर्देेश दिये हैं। बारहसिंघा के संरक्षण के लिए वर्ष 1986 में हस्तिनापुर सेंचुरी स्थापित की गई थी। ये सेंचुरी बिजनौर, मेरठ, अमरोहा, मुजफ्फरनगर में करीब 2073 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है। सेंचुरी क्षेत्र में बाहरसिंघा के अलावा चीतल, हिरन, नीलगाय, सांभर, जंगली बिल्ली, डाल्फिन और अजगर सहित सैकड़ों प्रकार के पशु पक्षी निवास करते हैं।
यहां पर देसी विदेशी सैकड़ों साइबेरियन पक्षी भी आते हैं। यहां पर हैदरपुर, जलालपुर, बिजनौर बैराज सहित 16 वेटलैंड भी हैं। पशु पक्षी प्रेमी देश विदेशों से यहां पर आकर रिसर्च करते हंै। हस्तिनापुर सेंचुरी में कोई निमार्ण कार्य, विद्युतीकरण या औद्योगिकरण नहीं हो सकता है।
जनपद में हस्तिानपुर सेंचुरी क्षेत्र में सीमांकन का कार्य किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए बिजनौर व चांदपुर रेंज के करीब 212 गांवों को हस्तिनापुर सेंचुरी से बाहर किया जाएगा। इसके बाद जनपद के हस्तिनापुर सेंचुरी में करीब 115 गांव रह जाएंगे। इसी के लिए वन विभाग के अफसरों ने राजस्व विभाग से जनपद की हस्तिनापुर सेंचुरी का रिकार्ड मांगा था।
राजस्व विभाग के भेजे गये रिकार्ड में मात्र 1500 हेक्टेयर जमीन दशाई गई है। जबकि वन विभाग के अफसरों ने जब अपना पिछला रिकार्ड देखा तो उसमें 3800 हेक्टेयर जमीन दर्ज है। ऐसे में 2300 हेक्टेयर जमीन गायब होने से वन विभाग में हड़कंप मच गया। वन विभाग के अफसरों ने इस मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दे दी।
डीएफओ अनिल पटेल ने बताया कि हस्तिनापुर सेंचुरी का नोटिफिकेशन किया जा रहा है। इसके लिए राजस्व विभाग से सेंचुरी की जमीन का रिकार्ड मांगा गया था, रिकार्ड में मात्र 1500 हेक्टेयर जमीन मिली है। इस मामले में एक संयुक्त सर्वे कर जमीन की तलाश की जाएगी।
धारा-20 के अंतर्गत वन विभाग की जमीन को कोई खरीद नहीं सकता। ऐसे में कब्जाधारियों को जमीन छोड़नी होगी। डीएम उमेश मिश्रा ने बताया कि जल्द ही एक मीटिंग बुलाकर इस रिकार्ड को मैच किया जाएगा।
पट्टों में तो नहीं बेच डाली जमीन
जनपद में बिजनौर तहसील में हस्तिनापुर सेंचुरी की करीब 2500 और चांदपुर तहसील में 1300 हेक्टेयर जमीन है। हस्तिनापुर सेंचुरी की जमीन को राजस्व अफसरों ने मिलीभगत कर कहीं पट्टों में तो नहीं बेच डाला।
इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा है। जनपद के दत्तियाना, जहानाबाद, दारानगर, रामपुर ठकरा, रावली, जलालपुर, धर्मनगरी सहित दर्जनों गांवों में जमीनों पर लोगों ने कब्जा किया है। अब इन जमीनों को कब्जा मुक्त किया जाएगा।