- जनपद में अब तक 46 हजार संक्रमित, मरने वालों की संख्या 488 हुई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जानलेवा बनते जा रहे कोरोना ने पूरे जनपद में कहर बरपा रखा है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक गत दिवस 6826 लोगों की जांच हुई थी। जिसमें 1498 लोग संक्रमित निकले और 11 लोगों की मौत दर्शायी गई है। जबकि मेडिकल कालेज और निजी अस्पतालों में 14 मौत हुई है।
जनपद में अब तक 46000 लोग संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 488 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, राहत की बात यह है कि 1066 लोग ठीक होकर घर लौट गए है। जबकि 13171 लोग अभी भी बीमार चल रहे हैं।
जनपद में जितनी आरटीपीसीआर जांच हो रही है। उसका 20 फीसदी लोग संक्रमित निकल रहे हैं। यह गंभीर चिंता की बात है। प्रशासन लाख दावा कर ले, लेकिन संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। तीन दिन में एक हजार से कम मामले निकलने के बाद फिर से हजार का आंकड़ा पार हो गया।
जिस तरह से कोविड के कारण 25 मौतें हुई हैं, उसने हिलाकर रख दिया है। अकेले मेडिकल कालेज में 10 मौतें हुई है। बाकी पांच मौतें निजी अस्पताल में हुई है। निजी अस्पतालों के आंकड़े अगर रोज जोड़े जाएं तो मौत के आंकड़े भयावह दिखेंगे।
कोरोना से हो रही अधिकांश मौतें आॅक्सीजन की कमी और वेंटिलेटर न मिलने से हो रही है। स्वास्थ्य विभाग इसको मानने को तैयार नहीं है। आज की रिपोर्ट में भी कोरोना ने ग्रामीण क्षेत्रों में कहर बरपा रखा है। शहर की तमाम कालोनियों में दर्जनों मामले निकल रहे हैं।
संक्रमण की चपेट में आने से गर्भवती की मौत
दौराला में कोरोना संक्रमण लगातार लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। मटौर गांव में बुधवार को एक गर्भवती महिला की कोरोना संक्रमण की चपेट में से मौत हो गई। महिला के गर्भ में नौ माह का शिशु पल रहा था। उसकी भी गर्भ में ही मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों का बुरा हाल है। मटौर निवासी एक युवक की एक वर्ष पहले ही शादी हुई थी।
कुछ दिन पहले उसकी पत्नी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई। उसकी पत्नी नौ माह गर्भ से भी थी। महिला के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर उसे होम क्वारंटीन कर दिया गया और घर पर ही उसका उपचार चल रहा था। बुधवार को महिला की तबीयत बिगड़ जाने पर उसकी मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराने का काफी प्रयास किया, परंतु अस्पताल में बेड नहीं मिला। महिला की मौत के साथ उसके गर्भ में पल रहा नौ माह के शिशु की भी मौत हो गई। जिस कारण परिवार पर दोहरा पहाड़ टूट पड़ा। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
सरधना में कोरोना से व्यक्ति की मौत
सरधना क्षेत्र में कोरोना लोगों पर मौत बनकर बरस रहा है। बुधवार को नवादा गांव में कोरोना के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई। करीब एक सप्ताह पूर्व उसमें कोरोना की पुष्टि हुई थी। दिल्ली अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। व्यक्ति की मौत से उसके परिजनों में कोहराम मच गया। शव गांव पहुंचने के बाद कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया।
कोतवाली क्षेत्र के नवादा गांव निवासी 45 वर्षीय मास्टर परमेश को करीब एक सप्ताह पूर्व बुखार आया था। जांच कराने पर पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है। तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे उपचार के लिए दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां बुधवार सुबह उपचार के दौरान परमेश की मौत हो गई। परमेश की मौत से उसके परिजनों में कोहराम मच गया। दोपहर को परमेश का शव गांव पहुंचा। इसके बाद कोविड प्रोटोकॉल के तहत शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पांचली में कोरोना से मौत का तांडव स्वास्थ्य विभाग मौन
ब्लॉक क्षेत्र के पांचली, धौलड़ी, जानी आदि गांवों में हो रही कोरोना से मौत पर क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त है। पांचली खुर्द में अकेले दर्जनभर मौत होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के मौन होने से ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। पांचली खुर्द में कोरोना व आॅक्सीजन की कमी से दर्जन मौतें होने से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग मौन साधे हुए हैं। पांचली में करीब दो सप्ताह में दर्जन भर से ज्यादा मौत हो चुकी है।
बुधवार को 30 वर्षीय मास्टर परवेंद्र ने बुखार के बाद फेफड़ों में संक्रमण होने व आॅक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गयी। परवेंद्र की मौत से उनके दो छोटे बच्चों को रोते बिलखते देखकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गयी। वहीं, गांव में नरेन्द्र कुमार, संजय कुमार, शब्बीर मिस्त्री, नसरू की पत्नी विमला, शशि भूषण, निजामुद्दीन, रियाजुद्दीन की पत्नी आदि दर्जनों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
वहीं, रसूलपुर धौलड़ी में पूर्व जिला पंचायत सदस्य इकबाल अहमद की मौत भी ग्रामीण कोरोना से हुई बता रहे हैं। जबकि उसके भाई इरफान की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। धौलड़ी निवासी अब्बास की पत्नी, शौकीन की पुत्रवधू, महबूब की भी कोरोना से मौत होने से धौलड़ी में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, स्थानीय कस्बा निवासी राजू की मौत, नेक निवासी सुंडू आदि की मौत से ग्रामीण क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त है।
समाजसेवी भोपाल सिंह चपराणा ने कहा कि अकेले पांचली में दर्जनों मौत हो गयी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग मौन साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में कैम्प लगाकर व घर-घर जांच कराई जाए। वहीं, पांचली पीएचसी प्रभारी से कई बार बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है।