जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 26 मई को उपछाया चंद्र ग्रहण लगेगा। उपछाया की वजह से सूतक का मान नहीं होगा। इसी दिन बुद्ध पूर्णिमा भी मनाई जाएगी। पंडित आलोक शर्मा ने बताया कि साल का पहला उपछाया चंद्र ग्रहण का आरंभ भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 18 मिनट से शाम को 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
उत्तरी यूरोप के कुछ क्षेत्रों में चंद्र ग्रहण दिखेगा लेकिन भारत में यह ग्रहण उपछाया की तरह दिखेगा। यह उपछाया चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगने जा रहा है। वृश्चिक राशि में चंद्रमा नीच का होता है। चंद्रमा को मन का कारक माना गया है।
ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि को मानसिक तनाव, भ्रम और अज्ञात भय हो सकता है। उपछाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपछाया से ही वापस लौट जाता है। उपछाया चंद्र ग्रहण का कोई भी धार्मिक असर मान्य नहीं होगा। उपछाया चंद्र ग्रहण का कोई सूतक नहीं लगेगा।
इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। इस दौरान चंद्रमा की छवि कुछ धुंधली जरूर हो जाएगी और ये कुछ मटमैला सा दिखाई देगा। पंडित आलोक शर्मा ने बताया कि सूतक काल न होने से मंदिर के कपाट बंद नहीं होंगे।
ऐसे मजिन देशो में ये ग्रहण दिखाई देगा उन देशों में आतंकी घटनाएं, आगजनी, जनहानि, भूकंप, प्राकतिक आपदा जैसी घटनाएं होंगी। ग्रहण काल में वृश्चिक राशि वाले और जिनके भी चंद्रमा कमजोर और पीड़ित है। शिव और चंद्रमा के मंत्र जप करें और ग्रहण के बाद दूध, चावल अनाज का दान कर सकते हैं। जब ग्रहण शुरू हो रहा हो तो उस समय से पहले ही स्नान करके साधना करनी चाहिए और मोक्ष के उपरांत स्नान करके दान करना चाहिए।
राशियों पर इस प्रकार प्रभाव पड़ेगा
- मेष: धन लाभ
- वृष: धन हानि
- मिथुन: दुर्घटना
- कर्क: धन हानि
- सिंह: लाभ व उन्नति
- कन्या: रोग व कष्ट भय
- तुला: चिंता, संतान कष्ट
- वृश्चिक: साधारण लाभ के योग
- धनु: जीवन साथी को कष्ट
- मकर: रोग, गुप्त चिंंता
- कुंभ: खर्च अधिक के योग
- मीन: कार्य सिद्धि होगा