जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिले में कम छात्र संख्या वाले बेसिक शिक्षा विभाग के 50 स्कूलों के बच्चों को आसपास के प्राइमरी व उच्च प्राथमिक स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। मर्ज होने वाले स्कूलों की लिस्ट तैयार हो गई है। सीडीओ नूपुर गोयल ने बताया कि छानबीन में निकल कर आया है कि जनपद में प्राइमरी स्तर पर कई ऐसे स्कूल है। जिनमें यहां तो 50 या 40 से कम बच्चे हैं या दो या फिर तीन बच्चे ही पढ़ते हैं। वहां पर पिछले कई सालों से कई-कई शिक्षक तैनात है। शिक्षक चाह कर भी बच्चों की संख्या नहीं बढ़ा पा रहे हैं। जिले में ऐसे 50 के करीब स्कूल सामने आए हैं। जिन स्कूलों में बहुत कम बच्चे हैं। शिक्षक की संख्या ज्यादा है। सभी स्कूलों की लिस्ट तैयार कर ली है। जल्द ही शासन को भेज दी जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून को शासनादेश जारी किया कि प्रदेश के 27764 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 50 या 50 से कम पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जाए। बच्चों के साथ वहां पर तैनात कर्मचारी व शिक्षकों को भी आसपास के स्कूलों में मर्ज किया जाए। जिससे बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिलेंगी। मेरठ में 50 के करीब ऐसे प्राइमरी व उच्च प्राथमिक विद्यालय पाए गए हैं। जिनमें पचास से कम बच्चे हैं। कई स्कूलों में दो या तीन बच्चे ही पढ़ रहे हैं। कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के प्रथम चरण की समायोजन प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रथम चरण में लगभग 50 स्कूलों को नजदीक स्कूलों में मिलाया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्र के विद्यालयों की सूची सीडीओ को भेज दी है। पहले कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में बच्चों को उचित स्तर की शिक्षा नहीं मिल पा रही थी, लेकिन इस कदम से छात्रों को सभी विषयों के शिक्षक मिल सकेंगे। एक ही छत के नीचे पूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों का भी समायोजन होगा।
सीडीओ की जवाबदेही से बेसिक विभाग में खलबली
180 संविदा अध्यापक भर्ती के आनलाइन टेंडर में गड़बड़ी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सीडीओ नूपुर गोयल ने बेसिक शिक्षा विभाग से स्पष्टीकरण मांगा है। जिससे बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों में दिन भर खलबली मची रही। सीडीओ का कहना है कि स्पष्टीकरण आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिसमें भी गड़बड़ी की है। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। आरोप है कि टेंडर अपलोड करने वाली कंपनी उन्नाव में ब्लैकलिस्टेड हुई। ईएमडी में भी अनियमितता मिली है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की। बीएसए द्वारा प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल व शिक्षा के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए होने वाली 180 संविदा अध्यापकों को भर्ती करने के लिए नंवबर 2024 में टेंडर निकला। आॅनलाइन टेंडर में एक कंपनी ने अपने दस्तावेज छुपाकर अनियमितता की है। जिसकी शिकायत एक युवक ने चार दिन पहले डीएम से की। डीएम ने सीडीओ नूपुर गोयल, मुख्य कोषाधिकारी, उपायुक्त उद्योग दीपेंद्र कुमार की एक कमेटी गठित कर जांच कराई। टेंडर में अनियमितता होने की पुष्टि हो गई। सीडीओ ने बताया कि जिस कंपनी को टेंडर मिला है वह उन्नाव में ब्लैकलिस्ट हुई थी। टेंडर में 11 महीने की जगह 12 महीने का अनुबंध करना शामिल कराया। ईएमडी में अभी अनियमितता है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद यह टेंडर निरस्त कर दिया गया। मामला गंभीर होने पर बीएसए से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
बीएसए के खिलाफ एबीवीपी ने भी खोला मोर्चा
शुक्रवार को एबीवीपी की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी के कार्यकाल में शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार व विभिन्न अनियमितताओं समेत आरटीई के प्रवेश में लापरवाही का आरोप लगाया। एबीवीपी के महानगर मंत्री का कहना है कि बीएसए आशा चौधरी द्वारा आरटीई में हुए दाखिलों में निजी विद्यालयों को अनावश्यक लाभ पहुंचाया है। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए होने वाली 180 संविदा अध्यापकों की टेंडर प्रक्रिया में बीएसए द्वारा लाखों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया। इस प्रकरण का जांच समिति की रिपोर्ट में इसका खुलासा हो गया है। बीएसए द्वारा लंबित शिकायतों पर कोई संतोषजनक कार्रवाई न करते हुए आम जनता को अनावश्यक रूप से परेशान करने का आरोप है। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, मंत्री अभिषेक गोयल, सह मंत्री सिमरन कर्दम, विभाग संयोजक आर्यन प्रजापति, निधि, अनुज बैसला, मोहित तोमर, सुरेश राणा, यश भटनागर, अंश पिवाल व शुभम आदि शामिल रहे।
यूपी सरकार सरकारी स्कूलों को बंद कराना चाहती है: आप
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी अपने समर्थकों के साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी से मिलने पहुंचे। इस दौरान आप कार्यकर्ताओं ने योगी सरकार को गरीब, दलित, वंचित और शोषित समाज के बच्चों के भविष्य के लिए घातक बताया। अंकुश चौधरी ने कहा सीएम सरकारी स्कूलों को मर्ज करके गरीबों, मजलूमों और वंचितों के बच्चों को शिक्षा से दूर करना चाहते हैं। यह निर्णय बच्चों के भविष्य पर बुलडोजर चलाने जैसा है। इस दौरान जिला अध्यक्ष अंकुश चौधरी के साथ महानगर अध्यक्ष अंकित गिरी, जिला महासचिव जीएस राजवंशी, जिला संरक्षक एसके शर्मा, जिला उपाध्यक्ष हबीब अंसारी, शिक्षक प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष हेम कुमार, किसान प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष फुरकान त्यागी, युथ विंग जिला अध्यक्ष शिव कुमार, दक्षिण विधान सभा अध्यक्ष सलीम मंसूरी, सरधना विधानसभा अध्यक्ष जावेद सिद्दीकी, महानगर सचिव कुन्दन कुमार व जिला सचिव वैभव मलिक आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।