- इस बार ज्यादा रहेगा गर्मी का असर, रविवार को भी भीषण गर्मी में गुजरा दिन
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: इस बार अप्रैल माह में पड़ रही गर्मी ने पिछले 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। गर्मी की शुरुआत ने ही अपना नया रिकॉर्ड बनाते हुए पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जिस तरह से गर्मी पड़ रही है। उससे लग रहा है कि आने वाले दिनों में भी गर्मी का एहसास ज्यादा होगा। फिलहाल राहत के आसार नहीं दिख रहे हैं।
रविवार का दिन फिर से गरम रहा। सूरज सुबह से ही चढ़ता गया और दोपहर तक और भी तेज हो गया। जिस कारण से लोग घरों में चाय पी रहे हैं। बढ़ती गर्मी के बीच अभी राहत नहीं दिख रही है। तापमान में लगातार बढ़ोतरी से गर्मी अप्रैल माह में ही रिकॉर्ड तोड़ रही है। मार्च के बाद अब अप्रैल की शुरुआत भी भीषण गर्मी के साथ हुई है। अभी तक जो तापमान चल रहा है। वह सामान्य से ज्यादा होने के कारण मौसम को गर्म बना रहा है। हवाओं में लू का असर ज्यादा होने के कारण तापमान भी बढ़ता जा रहा है।
मौसम कार्यालय पर रविवार का अधिकतम तापमान 40.3 डिग्री व न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। अधिकतम आर्द्रता 48 एवं न्यूनतम आर्द्रता 19 प्रतिशत दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष का कहना है कि गर्मी ने पिछले 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। लगातार गर्मी के कारण मौसम गर्म बना हुआ है और आने वाले दिनों में रिकॉर्ड और भी टूट सकते है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहे हैं।
इस बार 20 दिन पहले भयंकर गर्मी की आमद
कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि मई माह में दिखाई देने वाली गर्मी का असर इस बार अप्रैल में ही दिखना शुरू हो गया है। करीब 15 से 20 दिन पहले ही भीषण गर्मी की शुरुआत हो गई है। धीरे-धीरे गर्मी में बढ़ोतरी हो रही है और आने वाले दिनों में भी तापमान इस बार रिकॉर्ड तोड़ देगा। न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक होने के चलते मौसम का मिजाज गरम बना हुआ है। फिलहाल तीन-चार दिन तक कोई राहत की उम्मीद नहीं है।
ऐसे मौसम में फसलों के लिए सिंचाई आवश्यक
कृषि विवि के वैज्ञानिक डा. सत्येंद्र कुमार का कहना है कि मार्च और अप्रैल में तेजी से गर्मी के बढ़ने के कारण फसलों के लिए सिंचाई करना भी बहुत जरूरी है। जब लू का असर तेज हो जाता है। तब धरती में बनने वाली नमी कम हो जाती है और तेजी से उसका असर फसलों पर भी दिखाई देता है।
जिस कारण से गर्मी तेज होती है और लगातार फसलों के लिए सिंचाई जरूरी होती है। ऐसे मौसम में फसलों को बचाने के लिए सिंचाई समय-समय पर करनी बहुत जरूरी है।
पिछले सालों में ऐसा रहा तापमान
वर्ष अधिकतम
1995 30.5
2000 37.6
2005 33.5
2010 35.1
2015 29.3
2016 36.4
2017 36.3
2018 34.3
2019 33.8
2020 31.4
2021 35.4
2022 40.3
ऐसे चढ़ता जा रहा गर्मी का पारा
अधिकतम न्यूनतम
37.2 20.4 डिग्री
38.3 14.6
39.3 15.6
38.0 15.4
38.4 16.3
39.0 16.4
40.2 18.0
40.7 17.9
40.3 20.1