- मेरठ-पौड़ी एनएच-119 के निर्माण में अभी कई बाधाएं आ रही सामने, जल्द होगी दूर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ-पौड़ी एनएच-119 का टेंडर होने के बाद भी निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। अभी कई बाधाएं सामने आ रही है। एनएचएआई ने फिलहाल आ रही बाधाओं को दूर करने की मांग प्रशासन से की है। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद ही बाधाएं दूर हो सकती हैं।
दरअसल, मेरठ से पौड़ी मार्ग फोरलेन बनाया जा रहा है, जिसका टेंडर करीब 2000 करोड़ का हो चुका है। टेंडर प्रक्रिया को हुए भी करीब तीन माह बीत गए हैं, लेकिन काम फिलहाल चालू नहीं हुआ। इसकी वजह सैनी गांव के लोगों का विरोध भी माना जा रहा है। सैनी के ग्रामीणों ने दो टूक ऐलान कर रखा है कि गांव के मकानों को तभी तोड़ने दे जाएगा, जब उन्हें वाजिब मुआवजा मिलेगा।
क्योंकि, एनएचएआई ने उनके मकानों को तोड़ने के लिए लाल निशान भी लगा रखे हैं। पिछले दिनों एनएचएआई की टीम मकानों को तोड़ने के लिए गई थी, लेकिन उसका ग्रामीण ने जबरदस्त विरोध कर दिया था। इस तरह से एनएचएआई की टीम को भारी विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।
पिछले दिनों पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर भी सैनी गांव में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए डीएम से मिले थे तथा कहा था कि जिस व्यक्ति का जमीन पर कब्जा है, उसको मुआवजा मिलना चाहिए, लेकिन मुआवजे को लेकर भी उन्होंने कई सवाल उठाये थे, ताकि पूरे मामले की जांच हो सके।
मेरठ-पौड़ी मार्ग फोरलेन बनेगा,जो उत्तराखंड को जोड़ने वाला होगा। इसका लाभ मेरठ की जनता को मिल सकेगा। क्योंकि वाहनों का दबाव एनएच-58 पर ही बना रहता है। इसके बनने के बाद मेरठ से बिजनौर होते हुए भी हरिद्वार (उत्तराखंड) जा सकते हैं। इसकी दूरी भी कम होगी।
हस्तिनापुर वन्य क्षेत्र में नहीं बनेगी फोर लेन
हस्तिनापुर वन्य क्षेत्र में फोर लेन नहीं बनेगी। क्योंकि इसके लिए एनएचएआई को एनओसी नहीं मिली है। क्योंकि वन्य क्षेत्र में जो वर्तमान में सड़क बनी है, उसका ही पुन: निर्माण कर दिया जाएगा, लेकिन उससे ज्यादा कुछ भी निर्माण नहीं होगा। क्योंकि वन्य जीवों की रक्षा के लिए केन्द्रीय वन मंत्रालय ने ऐसे आदेश दिये हैं। करीब 15 किमी लंबी सड़क जो वर्तमान में बनी हुई है, वैसी ही सड़क बनेगी। उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। वन्य सीमा से बाहर सड़क फोर लेन बनेगी।
सैनी गांव में बनेगा बाइपास
सैनी गांव में जिस तरह से मकानों को तोड़ने का विरोध हो रहा है। उसको लेकर एनएचएआई ने बाइपास बनाने का प्लान तैयार किया है। सैनी गांव के भीतर से होकर जाने की बजाय गांव के बाहर से होकर बाइपास का निर्माण किया जाएगा। इसको भी हरी झंडी मिल सकती है, जिसके बाद ही निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
इसके लिए पहले जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसके बाद ही बाइपास का निर्माण किया जा सकेगा। इसी तरह से इंचौली गांव में भी बाइपास बनाने की प्रक्रिया की जा रही है। दोनों गांवों में बाइपास बनते ही हाइवे पर जो जाम की समस्या कई बार बन जाती है, वह खत्म हो जाएगी। मवाना में भी जाम की समस्या बनती है। यहां पर बाइपास तो पहले ही बना हुआ है, लेकिन एनएचएआई इसको लेकर भी प्लान कर रही है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे दूसरे दिन भी काम बंद
भाकियू का दूसरे दिन भी परतापुर में धरना जारी रहा। भाकियू ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम दूसरे दिन भी बंद कराया। भाकियू कार्यकर्ता पिछले दो दिन से धरना देकर बैठे हैं। आंदोलित किसानों का कहना है कि परतापुर बाइपास पर बनाये गए अंडर पास को खोला जाए, ताकि जनता को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
काफी समय से अंडर पास बनकर तैयार हो चुका है, मगर उसे जनता के आवागमन के लिए नहीं खोला जा रहा है। परतापुर के सामने हाईमास्क लाइट लगाने की भी मांग की गई। कहा गया कि लाइट नहीं होने से यहां पर जनता को असुविधा हो रही है तथा आपराधिक घटनाएं घट रही है।
परतापुर के सामने पिलर पर पुल का निर्माण करने की मांग भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने की। इन तमाम मांगों को लेकर भाकियू दूसरे दिन भी परतापुर में धरना देकर बैठी। भाकियू नेताओं ने कहा कि उनकी मांग पर जब तक ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
फिलहाल छोटे स्तर पर आंदोलन चल रहा है,फिर इस आंदोलन को व्यापक रूप देकर चक्का जाम का ऐलान भी किया जा सकता है, जिसके बाद ही प्रशासन की नींद टूटेगी। धरने पर बैठने वालों में विमिर्ति घोपला, निशांत भड़ाना, प्रखर चौधरी, पवन गुर्जर, विशाल चौधरी आदि मौजूद थे।