एक चीनी कहावत के अनुसार, ‘एक नई भाषा सीखना दुनिया को देखने के लिए एक और खिड़की का हासिल होना है।’ इक्कीसवीं सदी में जबकि ग्लोबलाजेशन के कारण पूरी दुनिया का दायरा आश्चर्यजनक रूप से सिमट चुका है तो ऐसी स्थिति में विदेशी भाषाओं की जानकारी केवल एक अतिरिक्त क्वालिफिकेशन नहीं बल्कि एक अनिवार्यता है। विदेशी भाषाओं के ज्ञान के फलस्वरूप जॉब के अवसर और कॅरियर का दायरा भी समय के साथ आश्चर्यजनक रूप से विस्तृत होता जा रहा है।
आपके सितारे क्या कहते है देखिए अपना साप्ताहिक राशिफल 29 May To 04 June 2022
कल्पना करें कि आप दिल्ली के लालकिला में घूम रहे हैं और अचानक आपके सामने एक खूबसूरत विदेशी महिला आपके पास आती है और जर्मन भाषा में आपसे पूछती है, wo ist der nachste Bahnhof (वो ईस्ट डे नास्ट बेन) अर्थात सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन कहां है? तो आप हैरत में पड़ जाएंगे और मन में यह मलाल अवश्य उठने लगेगा कि काश, आपको भी जर्मन बोलना और समझना आता तो कितना अच्छा होता!
सच पूछिए तो विदेशी भाषा को जानना और समझना एक विशिष्ट पहचान, प्रिविलिज और ऐहसास प्रदान करता है। दक्षिण अफ्रीका के प्रथम राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने एक बार कहा था, ‘यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करते हैं जिसे वह समझता है तो वह उस व्यक्ति के मस्तिष्क में प्रवेश करता है। लेकिन यदि आप उस व्यक्ति से उसकी अपनी भाषा में बात करते हैं तो वह सीधा उसके दिल में उतरता है।’
आशय यह है कि विदेशी भाषा का प्रभाव केवल कम्यूनिकेशन तक सिमट कर नहीं रहता है बल्कि यह जीवन को अलग तरह से जानने, जीने और समझने में भी अहम भूमिका निभाता है। यह महज संवाद का एक माध्यम नहीं, बल्कि जीवन और संपूर्ण दुनिया को अलग नजरिए से देखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
एक चीनी कहावत के अनुसार, ‘एक नई भाषा सीखना दुनिया को देखने के लिए एक और खिड़की का हासिल होना है।’ इक्कीसवीं सदी में जबकि ग्लोबलाजेशन के कारण पूरी दुनिया का दायरा आश्चर्यजनक रूप से सिमट चुका है तो ऐसी स्थिति में विदेशी भाषाओं की जानकारी केवल एक अतिरिक्त क्वालिफिकेशन नहीं बल्कि एक अनिवार्यता है। विदेशी भाषाओं के ज्ञान के फलस्वरूप जॉब के अवसर और कॅरियर का दायरा भी समय के साथ आश्चर्यजनक रूप से विस्तृत होता जा रहा है।
शुरुआत कहां से करें
विदेशी भाषा के डोमेन में कॅरियर बनाने के इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए अवसर बारहवीं परीक्षा के पास करने के बाद से ही शुरू हो जाती है। बारहवीं के बाद अपनी पसंद के विदेशी भाषा में तीन वर्ष का फुल टाइम ग्रेजुएशन कोर्स किया जा सकता है और उसके बाद इसी में दो वर्षीय मास्टर डिग्री भी की जा सकती है। मास्टर कोर्स के बाद पीएचडी डिग्री एलिजबिलिटी को और भी अधिक बढ़ा देता है। फिर वैसे अपने रेग्युलर स्टडी के साथ भी एक स्टूडेंट किसी फॉरिन लैंग्वेज में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और बैचलर कोर्स कर सकता है।
लैटस्ट ट्रेंड के अनुसार प्रमुख विदेशी भाषाएं
एक ओपिनिअन सर्वे के अनुसार मंदारिन चीनी भाषा विश्व में सबसे अधिक सैलरी देनेवाली भाषा में शुमार किया जाता है और पूरी दुनिया में इसके बोलने वालों की संख्या एक बिलियन से भी अधिक है। आमतौर पर जॉब्स प्रोस्पेक्ट्स के नजरिए से भारत और विदेश में फ्रेंच, इटालियन, कोरियन, मंदारिन (चीनी), जापानी, स्पेनिश, पोर्तुगीज, अरबी और रशियन
भाषाओं का स्टूडेंट्स के द्वारा प्रमुखता से अध्ययन किया जाता है।
देश में विदेशी भाषाओं में ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन स्टडी के लिए प्रमुख संस्थान निम्नांकित हैं-
- जवाहरलाल यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- दिल्ली यूनिवर्सिटी
- बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी
- विश्वभरती विश्वविद्यालय
- ऐमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
- सिम्बाइओसिस इंस्टिट्यूट आॅफ फॉरिन एण्ड इंडियन लैंग्वेजेज, पुणे
- सेंट्रल इंस्टिट्यूट आॅफ इंग्लिश एण्ड फॉरिन लैंग्वेजेज (सीआईईएफल), हैदराबाद
- गोएथे इंस्टिट्यूट (मैक्स मुलेर भवन, जर्मन में लैंग्वेज कोर्स)
- भारतीय विद्या भवन (स्पैनिश, चाइनीज और फ्रेंच में लैंग्वेज कोर्स)
- जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
कहां हैं जॉब्स और कॅरिअर के अवसर
जिस तेजी से पूरी दुनिया में ग्लोबलाइजेशन की तेज आंधी चल रही है और भाषाओं के अवरोध खत्म होते जा रहे हैं तो ऐसी परिस्थिति में विदेशी भाषाओं का क्रैज भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। इनफार्मेशन टेक्नॉलजी और इंटरनेट के डेवलपमेंट ने इस डोमेन में बड़ी तेजी से रोजगार के अवसरों में इजाफा किया है। विदेशी भाषा के प्रोफेशनल्स अन्य उम्मीदवारों की तुलना में जॉब्स के लिए अधिक पसंद किए जाते हैं। क्योंकि इन भाषाओं में दक्षता के फलस्वरूप जॉब्स के स्कोप और दूसरे देशों में माइग्रैट करने के अवसर में भी वृद्धि हो जाती है।
इंटरप्रेटेर (दुभाषिया)
किसी भाषा के संदेश को श्रोताओं के समझ के लिए किसी दूसरी भाषा में आसान बनाने का कार्य इंटरप्रेटेर के द्वारा किया जाता है। दो राष्ट्रों के राजनयिकों और प्रमुखों के मध्य वातार्ओं को एक दूसरे के लिए समझने में मदद करने में एक इंटरप्रेटेर अहम भूमिका निभाता है। बिजनस मीटिंग्स, एजुकेशनल इवेंट्स, मेडिकल कॉनफेरेंस, मिस यूनीवर्स प्रतियोगिता और अन्य अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के अवसर पर दुभाषिया भाषाओं के अन्डर्स्टैन्डिंग के अवरोध के मध्य सेतु का कार्य करता है। दो या दो से अधिक विदेशी भाषाओं में प्रवीण प्रोफेशनल्स दुभाषिए के रूप में अपने कॅरियर को एक नई उड़ान दे सकते हैं।
हास्पिटैलिटी, टूअर और ट्रैवल इंडस्ट्री में कॅरियर
हाल के वर्षों में पूरी दुनिया में टूरिज्म इंडस्ट्री में बड़ी तेजी से प्रसार हुआ है। विदेशी सैलानियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। टूअर गाइड किसी देश में सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासतों के दर्शन के लिए आए सैलानियों को जानकारियां प्रदान करता है।
ये निजी तौर पर अपने कस्टमर को शैक्षणिक संस्थानों, म्यूजीयम्स (संग्रहालयों), रेसॉर्टस, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के दर्शनीय स्थानों पर आवश्यक सूचनाएं प्रदान करता है। यदि आपने एक या एक से अधिक विदेशी भाषाओं में ग्रैजूएट और पोस्टग्रैजूएट किया हैं और मिनिस्ट्री आॅफ टूरिज्म के द्वारा लाइसेन्स प्राप्त किया है तो आप फाइव स्तर होटल, शॉपिंग मॉल्स, रेस्टोरेंट्स और अन्य डोमेंस में एक सफल टूअर गाइड बन सकते हैं।
एम्बेसी में कॅरियर
दो या दो से अधिक देशों के मध्य राजनयिक संबंधों के प्रमोशन के लिए प्रोफेशनल्स के समूह को ही एम्बैसी कहा जाता है। एम्बैसी की संकल्पना विएना कन्वेन्शन आॅन डिप्लमैटिक रिलेशन्स 1961 के आधार पर की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य किसी राष्ट्र का दूसरे राष्ट्रों में रह रहे नागरिकों और उस देश के व्यापार के हितों का ध्यान रखना होता है। इसके साथ ही डिप्लमैटिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और अन्य संबंधों को प्रोत्साहित करना होता है।
विदेशी भाषाओं के ग्रेजुएट्स, पोस्ट ग्रेजुएट्स और उनको बोलने में फ्लूअन्सी वाले प्रोफेशनल्स राजदूतावास में सपोर्ट आॅफिसर, आईटी प्रोफेशनल्स, रिसेप्शनिस्ट, कस्टमर सर्विसेज और अन्य कई पोस्ट्स पर जॉब पा सकते हैं। इसके अतिरिक्त विदेशी भाषाओं के जानकार इमिग्रैशन, कस्टम, एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट डिपार्ट्मन्ट में भी अपने कॅरियर के सपने को साकार कर सकते हैं।
एजुकेशन सेक्टर में कॅरियर
अधिकांश कॉलेज और यूनिवर्सिटी में फॉरिन लैंग्वेज की स्ट्रीम और फैकल्टी होती है। फॉरिन लैंग्वेज में पीजी और पीएचडी डिग्रियों के साथ नेट और सेट क्वालफाई करने के बाद कॉलेज में एसोशिएट प्रोफेसर के रूप में कॅरियर का आगाज किया जा सकता है। कुछ प्राइवेट स्कूलों में भी फॉरिन लैंग्वेज एक विषय के पाठ्यक्रम का हिस्सा होता है और यहाँ भी विदेशी भाषाओं में पोस्टग्रैजूएट और बीएड की डिग्री होल्डर्स पीजीटी के रूप में भी लूकरेटिव कॅरियर का प्रारंभ कर सकते हैं।
प्राइवेट ट्यूइशन के रूप में भी इस क्षेत्र में अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है। इतना ही नहीं इंटरनेट के तेजी से विकास के साथ एजुकेशन सेक्टर में आॅनलाइन ट्यूटर का बिजनस भी काफी विकसित हुआ है। आप जिस विदेशी भाषा में मास्टर हैं और फ्लूअन्ट हैं उस भाषा में आॅनलाइन अपने स्टूडेंट्स को पढ़ा सकते हैं और पार्टटाइम बिजनस के रूप में खुद को स्थापित कर सकते हैं।
लियजॉन आॅफिसर के रूप में कॅरियर
किसी संस्था में लियजॉन आॅफिसर का मुख्य रोल किसी अन्य संस्थाओं के साथ विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए कोआॅर्डिनैशन स्थापित करना होता है। ये लियजॉन आॅफिसर दूसरी संस्थाओं के साथ इनफार्मेशन और रिसोर्सेज को शेयर करते हैं और किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए मिलकर प्लान करते हैं।
लियजॉन आॅफिसर की जिम्मेदारियां केवल कम्युनिकेशन तक ही सिमटा नहीं होता है बल्कि कई स्तरों पर अपने स्किल्स से लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयास करना होता है। विदेशी भाषाओं में फ्लूअन्सी के साथ उम्मीदवार डिफेन्स डिपार्ट्मन्ट से लेकर मल्टीनैशनल कंपनियों के लिए लियजॉन आॅफिसर के रूप में जॉब पा सकते हैं।
ट्रांसलेटर के रूप में कॅरियर
ट्रांसलेटर का मुख्य कार्य किसी एक भाषा में टेक्स्ट और कही गई बातों को किसी दूसरी विदेशी भाषा में समझने के लिए अनुवाद करना होता है। यह इंटेरप्रेटर जैसा ही कार्य होता है लेकिन इसमें एक बड़ा फर्क यह होता है कि एक ट्रांसलेटर परदे के पीछे रहकर कार्य करता है। यह प्राइवसी का कार्य होता है।
लिटरेरी ट्रांसलेटर जहां पुराने साहित्यिक रचना को किसी दूसरी भाषा में अनुवाद करते हैं तो लीगल ट्रांसलेटर और मेडिकल ट्रांसलेटर अपने झ्र अपने डोमेन में ट्रांसलेशन के कार्य करते हैं। विदेशी भाषा के अगाध ज्ञान के साथ लेखन में इन्टरेस्टेड प्रोफेशनल्स के लिए प्राइवेट और सरकारी क्षेत्रों में ट्रांसलेटर के जॉब्स के लिए बेशुमार अवसर उपलब्ध हैं।
मल्टीनैशनल कंपनी में जॉब की संभावनाएं
इनफार्मेशन टेक्नॉलजी के डेवलपमेंट के साथ दुनिया भर में मल्टीनैशनल कंपनियां बिजनस के लिए दूसरे देशों में कंपनियां ईस्टैब्लिश कर रही हैं। इसके अतिरिक्त आउट्सोर्सिंग के कारण ह्यूमन रिसोर्सेज का एक देश से दूसरे देशों में आगमन के कारण भी भारत में विदेशी भाषाओं के जानकारों के लिए जॉब की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
भारतीय कंपनियां दूसरे देशों को बीपीओ, केपीओ सर्विसेज प्रोवाइड करती हैं और इसके लिए भी विदेशी भाषाओं के प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। मल्टीलिंगवल कॉल सेंटर्स भी इस प्रकार के विदेशी भाषाओं के प्रोफेशनल्स को जॉब्स देकर अपने बिजनस को आगे बढ़ाते हैं।
ब्लॉगर के रूप में कॅरियर
इंटरनेट के प्रसार के साथ ब्लॉगर का कॅरियर एक प्रामिजिंग कॅरियर के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। विदेशी भाषा के प्रोफेशनल्स अपने डोमेन में नियमित रूप से विदेशी भाषा में ब्लॉग लिख सकते हैं और आय अर्जित कर सकते हैं। यदि आप किसी विदेशी भाषा को अच्छी तरह से बोल और लिख सकते हैं तो आप अपने फेवरिट टॉपिक्स पर ब्लॉग लिख सकते हैं और इसे एक आॅल्टर्नटिव कॅरियर के रूप में अपना सकते हैं।
विदेशी भाषा के प्रोफेशनल्स के लिए आज की तेजी से ग्लोबल होती दुनिया में जॉब्स और कॅरियर की कोई कमी नहीं है। इस क्षेत्र में मुख्य शर्त के रूप में आपको विदेशी भाषाओं में लिखने और बोलने में एक्सपर्ट होना चाहिए।
उपर्युक्त क्षेत्रों के अतिरिक्त फॉरिन लैंग्वेज के ग्रैजूएट्स और पोस्टग्रैजूएट्स इंटरनेशनल सेल्स मार्केटिंग, ऐवीऐशन सेक्टर (फ्लाइट अटेन्डन्ट), मीडिया, गवर्नमेंट सेक्टर के एक्स्टर्नल अफेयर्स, इन्टेलिजन्स और डिफेन्स डिपार्ट्मन्ट, कॉपोर्रेट ट्रैनिंग, कंटेन्ट राइटिंग, बुक राइटिंग, प्रॉडकैस्टिंग और अन्य डोमेंस में भी जॉब्स पा सकते हैं।
श्री प्रकाश शर्मा