जनवाणी संवाददाता |
देहरादून: विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्षी कांग्रेस ने सरकार को जमकर घेरा। कांग्रेस विधायकों के सवाल पर कई बार भाजपा के विधायक सदन में घिरते हुए दिखाए दिए। चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की मौत पर कांग्रेस विधायक आक्रामक दिखाई दिए। कांग्रेस ने सदन में जमकर हंगामा करते हुए सरकार को विफल तक करार दिया।
बुधवार को सदन के दूसरे दिन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्षी कांग्रेस काफी आक्रामक रूप में दिखाई दी। केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारधाम यात्रा पर सरकार को जमकर घेरा गया। चारधाम यात्रा रूट पर तीर्थ यात्रियों की मौत को विपक्षी कांग्रेस ने मुद्दा बनाने हुए सरकार को घेरा।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि चारधाम के सफल संचालनक को सरकार पूरी तहर से विफल साबित हो रही है। तीर्थ यात्रियों की मौत का आंकड़ा इसकी साफ गवाही दे रहा है। रजिस्ट्रेशन से लेकर तीर्थ यात्रियों के ठहरने और चिकित्सा, पेयजल आदि का कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया है।
प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर कराने को लेकर भी विपक्षी कांग्रेस ने सदन में जमकर हंगामा किया।
आरोप लगाया है कि डबल इंजन की सरकार गरीब तबके के लोगों का उत्पीड़न कर रही है। चिंता जताई है कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से लोगों को फ्री गेंहू, चावल आदि राशन नहीं मिल पा रहा है।
सत्र में खाद्य विभाग के अपात्र को न और पात्र को हां अभियान का मुद्दा उठा। इस पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि राशन कार्ड रद्द करने में आर्थिक सर्वेक्षण की आवश्यकता नहीं है। नियम 58 के तहत विपक्षी विधायकों ममता राकेश, भुवन कापड़ी, विक्रम नेगी, विरेंद्र कुमार और सुमित हृदयेश ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण के बिना राशन कार्ड रद्द नहीं किए जा सकते।
इस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि जिस परिवार के सदस्यों की मासिक आय 15 हजार से ज्यादा है, जिनके पास चार पहिया वाहन या जिन परिवारों के पास दो हेक्टेयर सिंचित भूमि है ऐसे परिवार नए नियमों के तहत अपात्र होंगे। साथ ही इसका आर्थिक सर्वेक्षण कराया जाए।
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बजट पर चर्चा की गई। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बजट को झूठ का पिटारा करार दिया। कहा कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों में बुनियादी सुविधाओं जैसे बिजली, सड़क, शिक्षा, पेजयल, चिकित्सा आदि के लिए सरकार की कोई ठोस रणनीति नहीं है।
दूर दराज गांवों में रह रहे ग्रामीणों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। तो दूसरी ओर, धामी सरकार ने बजट को दूरदर्शी करार दिया। बताया कि बजट में हर सेक्टर का विशेष ख्याल रखा गया है और आने वाले दिनों में उत्तराखंड विकास के पथ पर दोगुनी गति से चलेगा।