Wednesday, January 22, 2025
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शहर में 35 किलोमीटर के दायरे में दौड़ेगी मेट्रो

  • 10 ट्रेनों की मिलेगी सौगात रफ्तार में यह भी कम नहीं
  • शहर में भी 100 की स्पीड से दौड़ेगी, मोदीपुरम डिपो में होगा मेट्रो का कंट्रोल रूम
  • हर पांच से 10 मिनट के अंतराल से मिलेगी मेट्रो
  • परतापुर और रिठानी के मेट्रो स्टेशन का निर्माण जोरों पर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: देश का पहला ऐसा शहर जहां दो हाई स्पीड ट्रेने एक साथ दौड़ेंगी और वो भी पूरी रफ्तार के साथ। एक ट्रेन की स्पीड 180 तो दूसरी भी 100 किमी प्रतिघंटा के आसपास। बात हो रही है मेरठ में एक साथ दौड़ने वाली रैपिड और मेट्रो ट्रेन की।

बस दो साल का इंतजार और। उसके बाद शहर को जाम के जंलाल से छुटकारा, दूसरा शहर में विकास की परवाज (उड़ान)। जी हां! प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को जमीं पर उतारने के लिए इस समय मेरठ में दिन रात काम चल रहा है। प्रोजेक्ट की एहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब मुख्यमंत्री मेरठ आए तो उन्होंने खुद इन रेल प्रोजेक्ट का स्थलीय निरीक्षण किया।

आएं अब बात करते हैं मेरठ मेट्रो ट्रेन की। दरअसल, मेरठ में मेट्रो ट्रेन के दो कॉरिडोर होंगे। पहला कॉरिडोर परतापुर से मोदीपुरम तक का होगा और दूसरा कॉरिडोर श्रद्धापुरी से गोकलपुर तक। आरआरटीएस अधिकारियों के अनुसार पहला कॉरिडोर जो परतापुर से मोदीपुरम के बीच होगा वो लगभग 20 किमी लम्बा होगा जिस पर युद्ध स्तर से काम चल रहा है।

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इसके अलावा दूसरा कॉरिडोर जो प्रस्तावित है वो श्रद्धापुरी से गढ़ रोड पर गोकलपुर तक होगा जिसकी कुल लम्बाई लगभग 15 किमी होगी। यानि कि कुल मिलाकर शहर में मेट्रो ट्रेन 35 किमी के दायरे में दौड़ेगी।

चार स्टेशनों पर रुकेंगी दोनों ट्रेनें

शहर में चार स्टेशन ऐसे होंगे जिन पर रैपिड व मेट्रो की सेवाएं एक साथ मिलेंगी। यानि कि इन चारों स्टेशनों पर रैपिड और मेट्रो दोनों रुकेंगी। इन चार स्टेशनों में मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल व मोदीपुरम शामिल हैं। इन स्टेशनों पर रैपिड ड्रॉप करने वाले यात्रियों को मेट्रो की सुविधाएं मिल जाएंगी।

मोदीपुरम में होगा कंट्रोल रूम

मेरठ मेट्रो ट्रेन का कंट्रोल रूम (नियंत्रण कक्ष) मोदीपुरम डिपो पर होगा। मेट्रो के लिए लोगों को ज्यादा इंतेजार नहीं करना पड़ेगा। हर पांच से 10 मिनट के अंतराल पर मेट्रो स्टेशनों पर मेट्रो की सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। इसके लिए दस मेट्रो टेÑनों के सेट यहां पहुंचेंगे और प्रत्येक ट्रेन में तीन तीन कोच होंगे। 2025 में मेरठ में रैपिड और मेट्रो अपनी पूरी रफ्तार के साथ दौड़ेंगी।

मेट्रो भी होगी एलिवेटेड और अंडरग्राउंड

रैपिड की तरह मेरठ मेट्रो भी कभी ऊपर (एलिवेटेड) तो कभी भूमिगत (अंडरग्राउंड) दौड़ेगी। इसकी स्पीड भी दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर 100 के इर्द-गिर्द होगी। हांलाकि रैपिड व मेट्रो के मोदीपुरम कॉरिडोर का काम देख रहे अधिकारियों के अनुसार मेरठ मेट्रो की गति को लेकर अभी कोई फाइनल डिसिजन नहीं हुआ है लेकिन यह तय है कि यह 100 की स्पीड के आस पास ही दौड़ेगी।

कितनी ऊपर और कितनी नीचे दौड़ेगी ट्रेन

मेरठ मेट्रो का जो पहला कॉरिडोर है वो परतापुर से लेकर मोदीपुरम के बीच 20 किमी का होगा। इस कॉरिडोर पर मेरठ मेट्रो 12.8 किमी एलिवेटेड व 7.2 किमी अंडरग्राउंड दौडेÞगी। दूसरा कॉरिडोर जो श्रद्धापुरी से गोकलपुर तक होगा वो 15 किमी है और उस पर मेरठ मेट्रो 10.7 किमी एलिवेटेड व 4.3 किमी अंडरग्राउंड दौड़ेगी।

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