- छात्रों की शिकायत के बाद यूजीसी ने सभी राज्य विवि को जारी किए निर्देश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सभी राज्य विवि को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि कोरोना काल में ली गई हॉस्टल फीस छात्रों को वापस की जाए। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस आदेश के बाद चौधरी चरण सिंह विवि को छात्रों को करीब साढ़े चार करोड़ रुपये वापस करने पड़ सकते हैं। इस संबंध में यूजीसी का एक पत्र विवि को मिल गया है।
चौधरी चरण सिंह विवि परिसर और उससे संबंधित कॉलेजों मेें जहां हॉस्टल की सुविधा है वहां पर रहने वाले छात्रों से सत्र 2021-22 के दौरान जो हॉस्टल फीस ली गई थी। उसको लेकर छात्र लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे, जिसके बाद यूजीसी ने छात्रों की समस्या को अहमियत देते हुए उनकी फीस वापस करने का निर्णय लिया और इस संबंध में सभी विवि को आदेश जारी किया।
विवि के हॉस्टल की बात करे तो परिसर में आठ हॉस्टल हैं, जिनमें 850 कमरे बने हुए हैं। हॉस्टल के एक कमरे में दो छात्रों को रहने की सुविधा प्रदान की जाती है। इस फरमान के बाद विवि को काफी रकम चुकानी पड़ सकती है। यूजीसी ने कहा कि यदि कोई संस्थान निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
छात्रों ने यूजीसी से की थी शिकायत
छात्रों ने यूजीसी को शिकायत दी है कि उच्च शिक्षण संस्थानों ने कोरोना के दौरान हॉस्टल और मेस फीस ली, जबकि उस समय शिक्षण संस्थान बंद थे और वे घरों में थे। ऐसे में जब वे हॉस्टल में रुके नहीं और मेस में खाना ही नहीं खाया तो उनकी फीस वापस की जानी चाहिए। छात्रों ने अपनी शिकायत में कहा कि शिक्षण संस्थान उनकी फीस को वापस नहीं कर रहे हैं। इसके बाद यूजीसी ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश जारी किया।