- डिप्टी रजिस्ट्रार के आफिस पहुंचा आदेश, नवनीत सहगल ने कराई जांच
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अवैध रूप से बेची जा रही। गांधी आश्रम की जमीन को शासन स्तर पर गंभीरता से लिया गया हैं। शासन स्तर पर भी माना है कि करोड़ों की जमीन को फर्जी तरीके से बेचा जा रहा हैं। इसमें डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म सोसयाटी की नियम विरुद्ध भूमि हस्तातंरण को अवैधानिक बताया गया है, जो जांच पड़ताल में पाया गया है। इसको लेकर गंभीरता दिखाते हुए गांधी आश्रम समिति को भंग करने के आदेश दिये गए हैं।
संस्था के महामंत्री के विरुद्ध आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के भी प्रमाण जांच पड़ताल में मिले हैं। संस्था के पदाधिकारियों ने राज्य दिनेशक खादी ग्रामोद्योग आयोग के द्वारा निर्गत पत्र की भी अनदेखी की गई, जिसके बाद मनमानी ढंग से संस्था के विरुद्ध षड्यंत्र रचने एवं संस्था को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ आयोग के सिद्धांतों के विपरीत कार्य करने का भी जांच में उल्लेख किया हैं।
यूपी खादी एंड विलेज इंड्रीज बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नवनीत सहगल ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी खादी और ग्रामोद्योग आयोग इरला रोड पश्चिमी मुंबई को पत्र लिखकर कहा है कि बोर्ड द्वारा कराई गई जांच से संबंधित आख्या को दृष्टिगत संस्था के वर्तमान पदाधिकारियों के विरुद्ध कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जानी आवश्यक हैं तथा संस्था को भंग कर तत्काल प्रशासक की नियुक्ति करने के आदेश दिये हैं।
प्रशासक की तैनाती को बेहद आवश्यक बताया गया हैं। प्रशासक की नियुक्ति नहीं होने पर संस्था के बंद होने की संभावनाएं भी जतायी गयी हैं। ऐसे में सैकड़ों लोगों के बेरोजगार होने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया हैं। बोर्ड द्वारा की गई जांच आख्या और साक्ष्यों के साथ खादी एवं ग्रामोद्योग से यथाशीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिये गए हैं। सिद्धांतों पर आधारित गांधी आश्रम की सुरक्षा और संस्था को बचाया जा सके।
डिप्टी रजिस्ट्रार की भूमिका पर भी सवाल उठाये गए हैं। यही नहीं, डिप्टी रजिस्ट्रार को गांधी आश्रम समिति को भी भंग करने के साफ आदेश दिये हैं, ताकि संस्था को बचाया जा सके। क्योंकि करोड़ों की सम्पत्ति को लेकर इस पर भू-माफियाओं की निगाहें लगी हुई हैं। बता दें कि इसमें गांधी आश्रम समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ भी लखनऊ हजरत गंज कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हैं।
उसमें मेरठ गांधी आश्रम की धोखाधड़ी से जमीन बेचने का मामले का भी उल्लेख किया गया हैं। कई बार गांधी आश्रम की जमीन को बेचने के प्रयास हो चुके हैं। लीज डीड भी की जा चुकी हैं, जिसके बाद ही यह पता चला था कि किस तरह से भू-माफिया इस जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐतिहासिक बिल्डिंग को क्षतिग्रस्त भी भू-माफिया ने कर दिया था। इसमें भी कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया।