- सैंपल लेकर खानापूर्ति करता है ड्रग्स विभाग
- शरीर के अंगों को पहुंचा रहा नुकसान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: युवाओं में अपने शरीर को सुडौल बनाने का क्रेज काफी तेजी से बढ़ रहा है। जिम में एक्सारसाइज करने आने वाले युवाओं को बताया जाता है कि उनके शरीर का और तेजी से विकास हो सकता है। अगर वह फूड सप्लीमेंट का प्रयोग करें। इसी वजह से शक्तिवर्धक फूड सप्लीमेंट का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन बड़ी मात्रा में नकली फूड सप्लीमेंट धड़ल्ले से बिक रहा है जो युवाओं के शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा रहा हैं।
युवाओं को बॉडी बनानें में मदद करने के नाम पर जिम में इंस्ट्रेक्टर फूड सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। इनमें से 80 प्रतिशत फूड सप्लीमेंट विदेशी कंपनियों के नाम पर बताए जाते हैं। जिनमें अमेरिका, जर्मनी व सिंगापुर की कंपनियों के नामों का इस्तेमाल होता हैं। जबकि नकली फूड सप्ल्ीामेंट में केवल चॉक का पाउडर, पाउडर मिल्क की मामूली मात्रा व कुछ ऐसे ऐसेंस मिलाए जिनसे केवल खुशबू आती हैं। जबकि उनमें कुछ होता नहीं।
वास्तव में इनमें एक्टिव कोस्टिट्वेंट मिसिंग होते हैं। प्रोटीन व वसा के नाम पर कुछ नहीं होता, जो पदार्थ मिलाए जाते हैं। वह शरीर को फायदा पहुंचाने के बदले नुकसान पहुंचाते हैं। फूड सप्लीमेंट के नाम पर हजारों रुपये किलो के दामों में बिकने वाले फूड सप्लीमेंटों में सिर्फ नकली लेबलों का खेल होता हैं। विदेशी कंपरियों के नाम पर उनके लेबल तैयार किये जाते हैं और उन्हें नकली फूड सप्लीमेंट के डिब्बों पर चिपकाकर हजारों रुपये किलो के दामों में बेचा जाता हैं।
जिम में एक्सरसाइज करने वाले युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ होता हैं। युवाओं को विदेशी कंपनी के फूड सप्लीमेंट बताकर नकली व जहरीले पदार्थों को बेचा जाता हैं। इसमें बड़ा खेल ब्राडिंग एजेंटों का भी होता है।
शरीर के महत्वपूर्ण अंगो को होता है नुकसान
इनका सेवन करनें से शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसे लीवर, किडनी व दिल समेत आंखों तक पर प्रभाव पड़ता हैं। युवाओं में केवल यह भ्रम रहता है कि वह अपना शरीर मजबूत करने के लिए दवा खा रहे हैं। जबकि वह एक जहर होता है जो उन्हे नुकसान पहुंचाता हैं। इनका सेवन बंद होने के बाद इंसानी शरीर एकदम कमजोर हो जाता है और फिर वह पनप नहीं पाता।
बाजारों में बिकने वाले नकली फूड सप्लीमेंटों की कीमत 5 से 10 हजार रुपये प्रति किग्रा तक होती हैं। युवा वर्ग अपने शरीर को सुडौल बनाने के लिए आसानी से नकली फूड सप्लीमेंट बेचने वाले दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं।
नकली फूड सप्लीमेंट बेचने वाले लोग सबसे ज्यादातर जिमों को निशाना बनाते हैं।
वहां पर बॉडी बिल्डिंग करनें वाले युवाओं को उनका शरीर मजबूत करने के नाम पर नकली फूड सप्लीमेंट बेचा जाता हैं। उनके द्वारा हर महीने 30 सैंपल लखनऊ भेजे जाते हैं, इसके बाद वहां से सैंपलों की जांच रिपोर्ट आनें के बाद विभाग आगे की कार्रवाई करता हैं। -पीयूष शर्मा, जिला ड्रग इंस्पेक्टर।