- दो सीओ मौके पर पहुंचे, मारपीट करने वाले फरार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सदर थानांतर्गत दुर्गाबाड़ी के पास गणेशजी की स्थापना के लिये मंदिर बनाते समय दूसरे संप्रदाय के किशोर के द्वारा गाली-गलौज करने से मामला गरमा गया। बाद में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और मारपीट हो गई। सांप्रदायिक माहौल बिगड़ते ही सीओ कोतवाली और सीओ कैंंट मौके पर पहुंची तक तक आरोपी फरार हो चुके थे।
दुर्गाबाड़ी मंदिर के सामने कई सालों से गणेशजी की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस बार भी मोहल्ले के लोग गणेश जी के लिये पंडाल लगा रहे थे तभी मुस्लिम समुदाय का एक किशोर आया और गाली-गलौज करने लगा। इसको लेकर दूसरे पक्ष के लोगों ने विरोध किया तो मामला बिगड़ गया। बाद में मुस्लिम पक्ष के लोग एकत्र हो गए और मारपीट करने लगे।
सूचना मिलते ही सीओ कोतवाली अरविन्द चौरसिया और सीओ कैंट रुपाली राय मौके पर पहुंची और लोगों से पूछताछ की। पुलिस के आने से पहले ही आरोपी फरार हो गये। सदर थाने में अनिल की तरफ से तहरीर दी गई है।
कोर्ट मैरिज करने पर आॅनर किलिंग की धमकी
मेरठ: ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के लिसाड़ी रोड स्थित नूरनगर निवासी प्रीति का बागपत के थाना बिनौली ग्राम बरनावा निवासी अरुण से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युगल ने घर वालों के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्होंने शादी कराने से इंकार कर दिया। जिस वजह से युगल ने घर से फरार होकर शादी करने का फैसला किया।
उन्होंने बीते दिनों कोर्ट मैरिज करने के बाद हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली। जिसका पता चलते ही युवती पक्ष से फतेहचंद, कृष्ण कुमार, भारत कुमार समेत अन्य लोग आॅनर किलिंग की धमकी दे रहे हैं। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने संबंधित थाना प्रभारी को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
आरोपी को पांच साल का कारावास
मेरठ: न्यायालय अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट मेरठ सुरेश चंद ने महिला अधिवक्ता से मारपीट के आरोप में आरोपी नितिन यादव पुत्र वेदपाल सिंह निवासी टीपी नगर मेरठ को दोषी पाते हुए पांच साल के कारावास व 11 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया।
विशेष लोक अभियोजक निशांत गर्ग ने बताया कि वादी मुकदमा जयप्रकाश जाटव ने थाना टीपीनगर में गत 18 अप्रैल 2010 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी बेटी मीनाक्षी गौतम एडवोकेट अपनी मौसी के साथ घर आ रही थी। रास्ते में आरोपी नितिन यादव ने वादी मुकदमा की लड़की से छेड़छाड़ की और उसके मना करने पर उसके सिर पर बेट से वार किया। जिससे वह लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ी।
उसके बाद मौके पर भीड़ देखकर आरोपी वहां से भाग गया। न्यायालय में सरकारी अधिवक्ता ने कुल सात गवाह पेश किए। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए आरोपी को पांच साल के कारावास व 11 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।