- राज्य सरकार द्वारा अपना जवाब न्यायालय में नहीं दिया
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट संख्या-15 हर्ष अग्रवाल ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के चलते पीड़ितों को मुआवजा धनराशि निर्धारित किये जाने के लिए न्यायिक कार्रवाई अमल में लायी हुई है। जिसके चलते न्यायालय में 176 वाद योजित हो चुके हैं। परन्तु विपक्षीगण की ओर से अपना प्रतिवादपत्र काफी समय व्यतीत हो जाने के बावजूद दाखिल नहीं किया है।
न्यायालय ने सभी पीड़ितों को 15 सितंबर 2022 तक अपना पक्ष प्रतिवादपत्र के रूप में दाखिल किये जाने का अन्तिम अवसर देते हुए आदेश पारित किया है। इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा अपना जवाब न्यायालय में नहीं दिया गया है। जिस वजह से अभी तक पत्रावली न्यायालय में लंबित है और उसमें राज्य सरकार का जवाब ना आने की वजह से पीड़ित पक्षकारों को मुआवजा नही मिल पा रहा है।
न्यायालय द्वारा पिछले काफी समय से राज्य सरकार को सूचित भी किया जा चुका है परंतु उसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से पत्रावली में जवाब दाखिल नहीं हो पाया है। ऐसी स्थिति में पीड़ित पक्षकार लगातार न्यायालय का चक्कर लगा रहे हैं।
छात्र के हत्यारोपी की जमानत खारिज
अपर जिला जज कोर्ट मेरठ हर्ष अग्रवाल ने हत्या के आरोपी सत्यम त्यागी पुत्र कुलदीप त्यागी निवासी भावनपुर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील मुकेश मित्तल ने बताया कि वादी मुकदमा जय भगवान यादव ने थाना भावनपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका बेटा सचिन यादव आईआईएमटी कॉलेज में विधि का छात्र है तथा आरोपी सचिन यादव अन्य आरोपियों के साथ गत 14 जून 2022 को कॉलेज की टीचर के साथ बदतमीजी की थी।
जिसका विरोध उसके पुत्र सचिन यादव ने किया था। इसी बात से रंजिश रखते हुए आरोपी ने गत 16 जून 2022 को आईआईएमटी से अब्दुल्लापुर जाने वाले रास्ते पर उसके सिर पर गोली मार दी थी। जिससे मौके पर सचिन यादव की मृत्यु हो गई थी। न्यायालय ने आरोप को गंभीर प्रकृति का मानते हुए आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।
नशीले पदार्थ की तस्करी में दो महिलाओं को कारावास
न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट संख्या-14 मेरठ अजय पाल सिंह ने नशीला पदार्थ की तस्करी करने के आरोप में दो आरोपी महिला आशा पत्नी बिजेंद्र सिंह निवासी टीपीनगर को सात वर्ष का कारावास व 40 हजार रुपये के अर्थदंड व संगीता पत्नी राकेश निवासी टीपीनगर को दोषी पाते हुए तीन वर्ष छह माह का कारावास व 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
विशेष लोक अभियोजक बबीता वर्मा ने बताया कि वादी मुकदमा ने एक दिसंबर 2004 को थाना टीपीनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह हमराही पुलिस कर्मचारीगण के मुखबिर की सूचना पर बागपत चौपले की तरफ ड्यूटी पर तैनात थे तथा मुखबिर की सूचना पर वह वहीं पास खड़े आरोपियों का इंतजार करने लगे। तभी सामने से एक रिक्शा आती दिखाई दी। जिस पर दोनों आरोपी महिलाएं बैठी थी।
जिनको पुलिस ने रोका और उनकी तलाशी ली तो आरोपी आशा के पास 200 ग्राम स्मैक व संगीता के पास 100 ग्राम स्मैक बरामद हुई थी। जिसे पुलिस ने बरामद कर दोनों आरोपी महिलाओं को पकड़ कर जेल भेज दिया था। न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक बबीता वर्मा ने आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में तमाम गवाह पेश किए। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य को देखते हुए दोनों महिलाओं को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।